Book of Common Prayer
11 एकरसेति, आवव, हमन ओ बिसराम म जाय के पूरा कोसिस करन, ताकि अइसने झन होवय कि कोनो मनखे ओमन सहीं हुकूम नइं मानके गिर पड़ंय।
12 परमेसर के बचन ह जीयत अऊ काम करत हवय। एह दू धार वाले तलवार ले घलो चोक हवय। एह जीव अऊ आतमा, जोड़ अऊ गुदा मन ला अलग-अलग करके आर-पार छेदथे। एह मनखे के मन के बिचार अऊ ईछा ला जांचथे। 13 संसार के कोनो घलो चीज परमेसर के नजर ले छिपे नइं ए। ओकर आंखी के आघू म जम्मो चीजमन खुला अऊ बिगर परदा के हवंय अऊ हमर बर ए जरूरी अय कि हमन ओला अपन लेखा देवन।
यीसू – बड़े महा पुरोहित
14 एकरसेति, जब हमर एक बड़े महा पुरोहित हवय, जऊन ह स्वरगमन ले होके गे हवय। अऊ ओह परमेसर के बेटा यीसू ए; त आवव, हमन ओ बिसवास म मजबूत बने रहन, जऊन ला हमन मानथन। 15 काबरकि हमर महा पुरोहित अइसने नो हय, जऊन ह हमर कमजोरी म, हमर संग सहानुभूति नइं रखय, पर हमर महा पुरोहित हमर सहीं हर किसम ले परखे गीस, पर ओह पाप नइं करिस। 16 एकरसेति आवव, हमन बिसवास के संग अनुग्रह के सिंघासन करा चलन, ताकि हमर ऊपर दया होवय अऊ जरूरत के बखत, हमन ला मदद करे बर अनुग्रह मिलय।
यीसू के बारे म यूहन्ना बतिसमा देवइया के गवाही
22 एकर बाद, यीसू अऊ ओकर चेलामन यहूदिया प्रदेस के गंवई इलाका म गीन। उहां ओह ओमन के संग कुछू समय तक रिहिस अऊ मनखेमन ला बतिसमा दीस। 23 यूहन्ना ह घलो सलीम के लकठा म एनोन म बतिसमा देवत रिहिस, काबरकि उहां बहुंत पानी रिहिस अऊ मनखेमन उहां आके ओकर ले बतिसमा लेवत रिहिन। 24 यूहन्ना ह अभी तक जेल म नइं डारे गे रिहिस।
25 यूहन्ना के कुछू चेलामन के, एक यहूदी संग सुध होय के बारे म बहस होय लगिस। 26 ओमन यूहन्ना करा जाके कहिन, “हे गुरूजी, ओ मनखे जऊन ह यरदन नदी के ओ पार तोर संग रिहिस अऊ जेकर बारे म तेंह गवाही दे रहय – देख, ओह घलो बतिसमा देवत हवय, अऊ जम्मो मनखे ओकर करा जावत हवंय।”
27 यूहन्ना ह ओमन ला जबाब दीस, “मनखे ह कुछू नइं पा सकय, जब तक कि परमेसर ह स्वरग ले ओला नइं देवय। 28 तुमन खुदे मोर गवाह हव कि मेंह कहे रहेंव, ‘मेंह मसीह नो हंव, पर मेंह ओकर आघू पठोय गे हवंव।’ 29 दुल्हिन ह दुल्हा के होथे। दुल्हा के संगवारी ह तीर म ठाढ़े रहिथे अऊ ओकर सुनथे अऊ जब ओह दुल्हा के अवाज ला सुनथे, त ओह बहुंत खुस होथे। ओही किसम के खुसी मोर अय, जऊन ह अब पूरा हो गे। 30 ए जरूरी अय कि ओह बढ़े अऊ मेंह घटंव।
31 जऊन ह ऊपर (स्वरग) ले आथे, ओह सबले बड़े होथे। जऊन ह धरती ले आथे, ओह धरती के होथे अऊ ओह धरती के बात गोठियाथे। जऊन ह स्वरग ले आथे, ओह जम्मो के ऊपर होथे। 32 ओह ओ बात ला बताथे, जऊन ला ओह देखे अऊ सुने रहिथे, पर ओकर गवाही ला कोनो नइं मानंय। 33 जऊन ह ओकर गवाही ला मानथे, ओह ए साबित करथे कि परमेसर ह सच्चा ए। 34 काबरकि जऊन ला परमेसर ह पठोय हवय, ओह परमेसर के गोठ गोठियाथे। परमेसर ह ओला अपन आतमा ले भर देथे। 35 ददा (परमेसर) ह अपन बेटा ले मया करथे अऊ ओह जम्मो चीज ला ओकर हांथ म कर दे हवय। 36 जऊन ह बेटा के ऊपर बिसवास करथे, ओकर करा परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी हवय, पर जऊन ह बेटा के बात ला नइं मानय, ओह ओ सदाकाल के जिनगी के अनुभव कभू नइं करही, काबरकि परमेसर के कोरोध ह ओकर ऊपर बने रहिथे।”
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