Book of Common Prayer
बिसवासीमन के चाल-चलन
3 मनखेमन ला सुरता देवा कि ओमन हाकिम अऊ अधिकारीमन के अधीन रहंय, अऊ ओमन के हुकूम मानंय, अऊ जम्मो किसम के भलई के काम करे बर तियार रहंय। 2 कोनो ला बदनाम झन करंय; झगरा करइया झन होवंय, पर नरम सुभाव के रहंय अऊ जम्मो मनखे के संग पूरा नमरता ले बरताव करंय।
3 एक समय रिहिस, जब हमन घलो मुरुख अऊ परमेसर के हुकूम नइं मनइया रहेंन अऊ धोखा म पड़के हर किसम के लालसा अऊ सुख-बिलास के गुलामी म रहेंन। हमन बईरता अऊ जलन म जिनगी बितावत रहेंन अऊ एक-दूसर ले घिन करत रहेंन। 4 पर हमर उद्धार करइया परमेसर ह अपन किरपा अऊ मया ला देखाईस, 5 अऊ ओह हमर उद्धार करिस, अऊ एह हमर कोनो धरम के काम के कारन नइं, पर ओह अपन दया के कारन हमर पाप ला धोके हमर उद्धार करिस अऊ पबितर आतमा के दुवारा नवां जिनगी दीस। 6 परमेसर ह ए पबितर आतमा ला हमर उद्धार करइया यीसू मसीह के दुवारा हमन ला बहुंतायत ले दीस, 7 ताकि हमन ओकर अनुग्रह ले धरमी ठहिरके सदाकाल के जिनगी के आसा म ओकर वारिस बनन। 8 ए कहावत ह सही ए। अऊ मेंह चाहत हंव कि तेंह ए बातमन ला जोर देके बताय कर, ताकि जऊन मन परमेसर ऊपर बिसवास करे हवंय, ओमन भलई के काम म अपन धियान लगावंय। ए बातमन बहुंत बढ़िया अऊ मनखेमन के फायदा के अंय। 9 पर मूर्खता के बिवाद अऊ बंसावली अऊ बहस अऊ झगरा मन ले बचके रह; ए चीजमन यहूदीमन के कानून के बिसय म अंय अऊ एमन बिगर फायदा के अऊ बेकार अंय। 10 मनखेमन के बीच म फूट करइया ला, एक या दू बार समझा-बुझा दे, ओकर बाद ओकर ले दूरिहा रह, 11 ए बात ह निस्चित ए, कि ए मनखे ह सत ले भटक गे हवय अऊ पापी ए अऊ अपन-आप ला दोसी ठहिराथे।
आखिरी बात
12 जब मेंह अरतिमास या तुखिकुस ला तोर करा पठोहूं, त तेंह मोर करा नीकुपुलिस सहर आय के भरसक कोसिस कर, काबरकि मेंह उहां जाड़ा काटे के फैसला करे हवंव। 13 जेनास वकील अऊ अपुल्लोस के आघू के यातरा बर, तोर ले जो भी हो सकथे, ओमन के मदद कर अऊ देख कि ओमन ला कोनो चीज के कमी झन होवय। 14 अऊ हमर मनखेमन घलो भलई के काम म लगे रहे बर सिखंय, ताकि जऊन मन ला मदद के जरूरत हवय, ओमन के मदद करे जा सकय, अऊ ओमन के जिनगी ह बिरथा झन होवय।
15 मोर संग इहां रहइया जम्मो झन तोला जोहार कहथें अऊ जऊन मन मसीह यीसू म बिसवास के कारन हमर ले मया रखथें, ओमन ला हमर जोहार कहि दे। तुमन जम्मो झन ऊपर परमेसर के अनुग्रह होवत रहय।
यीसू ह फिलिप्पुस अऊ नतनएल ला बलाथे
43 दूसर दिन यीसू ह गलील प्रदेस जाय के मन बनाईस। जाय के पहिली ओह फिलिप्पुस ले मिलिस अऊ ओला कहिस, “मोर पाछू हो ले।”
44 फिलिप्पुस ह बैतसैदा सहर के रहइया रिहिस। अंद्रियास अऊ पतरस घलो ओहीच सहर के रहइया रिहिन। 45 फिलिप्पुस ह नतनएल ले मिलिस अऊ ओला बताईस, “हमन ला ओह मिल गे हवय, जेकर बारे म मूसा ह कानून के किताब म लिखे हवय अऊ जेकर बारे म अगमजानीमन घलो लिखे हवंय। ओह यूसुफ के बेटा, नासरत गांव के यीसू अय।”
46 नतनएल ह ओला कहिस, “का कोनो बने चीज नासरत ले आ सकथे?” फिलिप्पुस ह कहिस, “तेंह आके खुद देख ले।”
47 जब यीसू ह नतनएल ला अपन कोति आवत देखिस, त ओह ओकर बारे म कहिस, “एह एक सच्चा इसरायली अय; एम कोनो छल-कपट नइं ए।”
48 नतनएल ह यीसू ले पुछिस, “तेंह मोला कइसने जानत हवस?” त यीसू ह ओला जबाब दीस, “एकर पहिली कि फिलिप्पुस ह तोला बलाईस, जब तेंह अंजीर के रूख के खाल्हे म रहय, त मेंह तोला देखे रहेंव।” 49 नतनएल ह कहिस, “हे गुरूजी, तेंह परमेसर के बेटा अस; तेंह इसरायल के राजा अस।”
50 यीसू ह कहिस, “का तेंह सिरिप एकरसेति बिसवास करथस, कि मेंह तोला ए कहेंव कि तोला अंजीर के रूख के खाल्हे म देखे रहेंव। तेंह एकर ले घलो बड़े-बड़े काम देखबे।” 51 यीसू ह ए घलो कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहथंव कि तुमन स्वरग ला खुला अऊ परमेसर के स्वरगदूतमन ला मनखे के बेटा ऊपर उतरत अऊ चघत देखहू[a]।”
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