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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)
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याकूब 4:13-5:6

घमंड के बिरोध म चेतउनी

13 सुनव, तुमन जऊन मन ए कहिथव कि आज या कल हमन कोनो अऊ सहर म जाके उहां एक बछर रहिबो, अऊ काम-धंधा करके पईसा कमाबो। 14 तुमन ए नइं जानत हव कि कल का होही। तुम्‍हर जिनगी ह का ए? तुमन त भाप के सहीं अव, जऊन ह छिन भर दिखथे, अऊ तब लोप हो जाथे। 15 एकर बदले, तुमन ला ए कहना चाही कि कहूं परभू के ईछा होही, त हमन जीयत रहिबो अऊ ए या ओ बुता ला करबो। 16 पर तुमन अपन डींग मारथव अऊ घमंड करथव। अइसने जम्मो घमंड के बात ह गलत ए। 17 एकरसेति, जऊन मनखे ह भलई करे ला जानथे अऊ नइं करय, ओकर बर एह पाप ए।

धनवानमन ला चेतउनी

हे धनवान मनखेमन, मोर बात ला सुनव; तुमन अपन ऊपर अवइया बिपत के कारन गोहार पारके रोवव। तुम्‍हर धन-दौलत ह सड़ गे हवय अऊ तुम्‍हर कपड़ामन ला कीरा खा गे हवय। तुम्‍हर सोना-चांदी म जंक लग गे हवय, अऊ ए जंक ह तुम्‍हर बिरोध म गवाही दिही कि तुमन कतेक लालची अव अऊ एमन तुम्‍हर कठोर सजा के कारन बनहीं। तुमन संसार के आखिरी समय म धन बटोरे हवव। देखव, जऊन बनिहारमन तुम्‍हर खेत के फसल ला लुईन, ओमन के बनी ला तुमन धोखा देके रख ले हवव, एकरसेति ओमन रोवत हवंय; अऊ ओमन के रोवई ह सर्वसक्तिमान परभू के कान तक पहुंच गे हवय। तुमन धरती म भोग-बिलास अऊ सुख के जिनगी बिताय हवव। तुमन बध होय के दिन खातिर अपन-आप ला मोटा-ताजा कर ले हवव। तुमन धरमी मनखेमन ऊपर दोस लगाके ओमन ला मार डारेव। ओमन तुम्‍हर बिरोध नइं करत रिहिन।

लूका 17:20-37

परमेसर के राज के अवई

(मत्ती 24:23-28, 37-41)

20 एक बार, फरीसीमन यीसू ले पुछिन कि परमेसर के राज ह कब आही, त ओह जबाब दीस, “परमेसर के राज ह अइसने नइं आवय कि ओला तुमन देख सकव; 21 अऊ न कोनो कह सकंय, ‘देखव, ओह इहां हवय,’ या ‘ओह उहां हवय,’ काबरकि परमेसर के राज ह तुम्‍हर भीतर हवय।”

22 तब ओह अपन चेलामन ला कहिस, “ओ समय ह आवत हवय, जब तुमन मनखे के बेटा के एक दिन ला देखे के ईछा करहू, पर ओह तुमन ला देखे बर नइं मिलही। 23 मनखेमन तुमन ला कहिहीं, ‘ओह उहां हवय’ या ‘ओह इहां हवय!’ पर तुमन ओमन के पाछू झन जावव। 24 काबरकि मनखे के बेटा ह अपन दिन म ओ बिजली के सहीं होही, जऊन ह अकास म एक छोर ले दूसर छोर तक चमकथे अऊ अंजोर देथे। 25 पर पहिली ए जरूरी ए कि ओह बहुंत दुःख भोगय अऊ ए पीढ़ी के मनखेमन के दुवारा अस्वीकार करे जावय।

26 जइसने नूह के समय म होईस, वइसनेच मनखे के बेटा के समय म घलो होही। 27 नूह के पानी जहाज के भीतर जावत तक, मनखेमन खावत-पीयत रिहिन, अऊ ओमन के बीच सादी-बिहाव होवत रिहिस, पर नूह के जहाज म चघे के बाद पानी के बाढ़ आईस अऊ ओ जम्मो झन ला नास कर दीस।

28 अइसनेच, लूत के समय म घलो होईस। मनखेमन खावत-पीयत रहंय, लेन-देन करत रहंय, रूख लगावत रहंय अऊ घर बनावत रहंय। 29 पर जऊन दिन लूत ह सदोम सहर ला छोंड़के चल दीस, ओहीच दिन अकास ले आगी अऊ गंधक गिरिस अऊ ओ जम्मो झन ला नास कर दीस।

30 जऊन दिन मनखे के बेटा ह परगट होही, ओ दिन घलो बिलकुल अइसनेच होही। 31 ओ दिन जऊन ह अपन घर के छानी म होवय, ओह घर ले अपन सामान ले बर छानी से झन उतरय। ओही किसम ले जऊन ह बाहिर खेत म होवय, ओह घर ला झन लहुंटय। 32 लूत के घरवाली ला सुरता करव[a] 33 जऊन ह अपन जिनगी ला बचाय के कोसिस करथे, ओह ओला गंवाही अऊ जऊन ह अपन जिनगी ला गंवाथे, ओह ओला बचाही। 34 मेंह तुमन ला कहत हंव, ओ रतिहा दू झन मनखे एक ठन खटिया म सुते होहीं, ओम ले एक झन ला ले लिये जाही, अऊ दूसर झन ह छोंड़ दिये जाही। 35 दू माईलोगनमन एक संग आंटा पीसत होहीं, ओम ले एक झन ला ले लिये जाही, अऊ दूसर झन ला छोंड़ दिये जाही। 36 दू झन खेत म होहीं, ओम ले एक झन ला ले लिये जाही, अऊ दूसर झन ला छोंड़ दिये जाही[b]।”

37 चेलामन ओकर ले पुछिन, “हे परभू, ओमन ला कहां ले लिये जाही?”

यीसू ह ओमन ला कहिस, “जिहां लास हवय, उहां गिधवामन जूरहीं।”

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