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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
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1 कोरिन्थॉस 10:15-24

15 यह मैं तुम्हें बुद्धिमान मानते हुए कह रहा हूँ: मैं जो कह रहा हूँ उसको परखो. 16 वह धन्यवाद का प्याला, जिसे हम धन्यवाद करते हैं, क्या मसीह के लहू में हमारी सहभागिता नहीं? वह रोटी, जो हम आपस में बाँटते हैं, क्या मसीह के शरीर में हमारी सहभागिता नहीं? 17 एक रोटी में हमारी सहभागिता हमारे अनेक होने पर भी हमारे एक शरीर होने का प्रतीक है. 18 इस्राएलियों के विषय में सोचो, जो वेदी पर चढ़ाई हुई बलि खाते हैं, क्या इसके द्वारा वे एक नहीं हो जाते? 19 क्या है मेरे कहने का मतलब? क्या मूर्ति को चढ़ाई हुई वस्तु का कोई महत्व है या उस मूर्ति का कोई महत्व है? 20 बिलकुल नहीं! मेरी मान्यता तो यह है कि जो वस्तुएं अन्यजाति चढ़ाते हैं, वे उन्हें प्रेतों को चढ़ाते हैं—परमेश्वर को नहीं. 21 यह हो ही नहीं सकता कि तुम प्रभु के प्याले में से पियो और प्रेतों के प्याले में से भी; इसी प्रकार यह भी नहीं हो सकता कि तुम प्रभु की मेज़ में सहभागी हो और प्रेतों की मेज़ में भी. 22 क्या हम प्रभु में जलन पैदा करने का दुस्साहस कर रहे हैं? क्या हम प्रभु से अधिक शक्तिशाली हैं?

मूर्तियों को समर्पित भोजन

23 उचित तो सभी कुछ है किन्तु सभी कुछ लाभदायक नहीं. उचित तो सभी कुछ है किन्तु सभी कुछ उन्नति के लिए नहीं. 24 तुम में से हरेक अपने भले का ही नहीं परन्तु दूसरे के भले का भी ध्यान रखे.

मत्तियाह 18:15-20

पापिष्ठ विश्वासी के विषय में निर्देश

15 “यदि कोई सहविश्वासी तुम्हारे विरुद्ध[a] कोई अपराध करे तो जा कर उस पर उसका दोष प्रकट कर दो, किन्तु यह मात्र तुम दोनों के मध्य ही हो. यदि वह तुम्हारी सुन ले तो तुमने उसे पुनः प्राप्त कर लिया. 16 किन्तु यदि वह तुम्हारी न माने तब अपने साथ एक या दो को उसके पास ले जाओ कि दो या तीन गवाहों के सामने सच की पुष्टि हो जाए. 17 यदि वह उनका भी इनकार करे तब कलीसिया पर यह सच प्रकट कर दिया जाए. यदि वह कलीसिया की भी न माने तब उसे अन्यजाति और समाज से बहिष्कृत व्यक्ति समझो.

18 “तुम पर मैं यह सच प्रकाशित कर रहा हूँ कि जो कुछ पृथ्वी पर तुम्हारे द्वारा इकट्ठा किया जाएगा,[b] वह स्वर्ग में भी इकट्ठा होगा और जो कुछ तुम्हारे द्वारा पृथ्वी पर खुलेगा, वह स्वर्ग में भी खोला जाएगा.

19 “मैं तुम्हें दोबारा याद दिला रहा हूँ: यदि तुममें से दो व्यक्ति पृथ्वी पर किसी विषय पर एकमत हो कर विनती करें, वह मेरे पिता के द्वारा, जो स्वर्ग में हैं, पूरा किया जाएगा. 20 यह इसलिए कि जहाँ दो या तीन व्यक्ति मेरे नाम में इकट्ठा होते हैं, वहाँ मैं उनके मध्य उपस्थित हूँ.”

Saral Hindi Bible (SHB)

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