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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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1 योहन 1

जीवनदायी शब्द

जीवन देने वाले उस वचन के विषय में, जो आदि से था, जिसे हमने सुना, जिसे हमने अपनी आँखों से देखा, ध्यान से देखा और जिसको हमने छुआ. जब यह जीवन प्रकट हुआ, तब हमने उसे देखा और अब हम उसके गवाह हैं. हम तुम्हें उसी अनन्त जीवन का सन्देश सुना रहे हैं, जो पिता के साथ था और जो हम पर प्रकट किया गया. हमारे समाचार का विषय वही है, जिसे हमने देखा और सुना है. यह हम तुम्हें भी सुना रहे हैं कि हमारे साथ तुम्हारी भी संगति हो. वास्तव में हमारी यह संगति पिता और उनके पुत्र मसीह येशु के साथ है. यह सब हमने इसलिए लिखा है कि हमारा आनन्द पूरा हो जाए.

ज्योति में स्वभाव

यही है वह समाचार, जो हमने उनसे सुना और अब हम तुम्हें सुनाते हैं: परमेश्वर ज्योति हैं. अन्धकार उनमें ज़रा सा भी नहीं. यदि हम यह दावा करते हैं कि हमारी उनके साथ संगति है और फिर भी हम अन्धकार में चलते हैं तो हम झूठे हैं और सच पर नहीं चलते. किन्तु यदि हम ज्योति में चलते हैं, जैसे वह स्वयं ज्योति में हैं, तो हमारी संगति आपसी है और उनके पुत्र मसीह येशु का लहू हमें सभी पापों से शुद्ध कर देता है.

यदि हम पापहीन होने का दावा करते हैं, तो हमने स्वयं को धोखे में रखा है और सच हममें है ही नहीं. यदि हम अपने पापों को स्वीकार करें तो वह हमारे पापों को क्षमा करने तथा हमें सभी अधर्मों से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी हैं. 10 यदि हम यह दावा करते हैं कि हमने पाप किया ही नहीं तो हम परमेश्वर को झूठा ठहराते हैं तथा उनके वचन का हमारे अन्दर वास है ही नहीं.

मत्तियाह 9:27-34

अंधों को आँखों की रोशनी तथा गूंगों को आवाज़

27 जब येशु वहाँ से विदा हुए, दो अंधे व्यक्ति यह पुकारते हुए उनके पीछे चलने लगे, “दाविद-पुत्र, हम पर कृपा कीजिए!” 28 जब येशु ने घर में प्रवेश किया वे अंधे भी उनके पास पहुँच गए. येशु ने उनसे प्रश्न किया, “क्या तुम्हें विश्वास है कि मुझ में यह करने की सामर्थ है?”

उन्होंने उत्तर दिया, “जी हाँ, प्रभु.”

29 तब येशु ने यह कहते हुए उनके नेत्रों का स्पर्श किया, “तुम्हारे विश्वास के अनुसार तुम्हारी इच्छा पूरी हो,” 30 और उन्हें दृष्टि प्राप्त हो गई. येशु ने उन्हें कड़ी चेतावनी दी, “यह ध्यान रखना कि इसके विषय में किसी को मालूम न होने पाए!” 31 किन्तु उन्होंने जा कर सभी क्षेत्र में येशु के विषय में यह समाचार प्रसारित कर दिया.

32 जब वे सब वहाँ से बाहर निकल रहे थे, उनके सामने एक गूँगा व्यक्ति, जो प्रेतात्मा से पीड़ित था, लाया गया. 33 प्रेत के निकल जाने के बाद वह बातें करने लगा. यह देख भीड़ चकित रह गई और कहने लगी, “इससे पहले इस्राएल में ऐसा कभी नहीं देखा गया.” 34 जबकि फ़रीसी कह रहे थे, “यह प्रेतों का निकालना प्रेतों के प्रधान की सहायता से करता है.”

Saral Hindi Bible (SHB)

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