Book of Common Prayer
11 मयारू संगवारी हो, मेंह तुमन ले बिनती करत हंव कि अपन-आप ला, ए संसार म परदेसी अऊ अजनबी जानके, पापी ईछा ले बचाय रखव, जऊन ह कि तुम्हर आतमा के बिरोध म लड़थे। 12 मूरती-पूजा करइयामन के बीच म तुम्हर चाल-चलन सही रहय, ताकि कहूं ओमन तुम्हर ऊपर गलत काम करे के दोस लगाथें, त ओ दिन, जब परमेसर हमर करा आही, त ओमन हमर बने काममन ला देख सकंय अऊ परमेसर के महिमा करंय।
सासन करइया अऊ मालिक मन के अधीन रहई
13 परभू के हित म, अपन-आप ला मनखेमन के बीच ठहिराय हर हाकिम के अधीन रखव; चाहे परधान हाकिम के रूप म राजा के अधीन होवय, 14 या राजपाल के अधीन रहव, काबरकि ओमन कुकरमीमन ला दंड दे बर अऊ बने काम करइयामन के परसंसा करे बर राजा के दुवारा ठहिराय जाथें। 15 काबरकि एह परमेसर के ईछा ए कि भलई करे के दुवारा तुमन मुरुख मनखेमन के अगियानता के बात ला बंद कर देवव। 16 सुतंतर मनखेमन सहीं रहव, पर अपन सुतंतरता के आड़ म बुरई झन करव; परमेसर के सेवकमन सहीं रहव। 17 जम्मो झन के आदर करव; संगी बिसवासीमन ला मया करव; परमेसर के भय मानव अऊ राजा के आदर करव।
18 हे गुलाममन हो, पूरा आदर के संग अपन मालिकमन के अधीन रहव, न सिरिप बने अऊ समझदार मालिक के, पर निरदयी मालिक के भी अधीन रहव। 19 काबरकि यदि कोनो परमेसर ला जानके, अनियाय के दुःख-तकलीफ सहथे, त एह परसंसा के बात अय। 20 कहूं तुमन गलत काम करे के कारन मार खाथव अऊ ओला सहिथव, त तुम्हर बर एह कोनो बड़ई के बात नो हय। पर कहूं तुमन भलई करे के कारन दुःख सहिथव, त एह परमेसर के आघू म बड़ई के बात अय। 21 तुमन ला एकरे खातिर बलाय गे रिहिस, काबरकि मसीह ह तुम्हर खातिर दुःख भोगिस अऊ तुम्हर बर एक नमूना रखे हवय कि तुमन ओकर मुताबिक चलव।
22 “ओह कोनो पाप नइं करिस
अऊ ओकर मुहूं ले कोनो कपट के बात नइं निकरिस।”[a]
23 जब मनखेमन मसीह के बेजत्ती करिन, त ओकर जबाब म ओह ओमन के बेजत्ती नइं करिस; जब ओह दुःख उठाईस, त ओह कोनो धमकी नइं दीस, पर बदले म, ओह अपन आसा परमेसर ऊपर रखिस, जऊन ह धरमी नियायी अय। 24 ओह खुद हमर पापमन ला अपन देहें म कुरुस ऊपर सहिस, ताकि हमन पाप खातिर मर जावन अऊ धरमीपन खातिर जीयन। ओकर घावमन के दुवारा तुमन चंगा होय हवव। 25 तुमन भटके भेड़मन सहीं रहेव, पर अब तुमन चरवाहा अऊ आतमा के रखवार करा लहुंटके आ गे हवव।
अंगूर के बारी म बनिहारमन के पटंतर
20 स्वरग के राज ह ओ घर के मालिक सहीं अय, जऊन ह बिहनियां घर ले निकरिस ताकि अपन अंगूर के बारी म बनिहारमन ला काम म लगावय। 2 ओह बनिहारमन ला रोजी एक दीनार देय बर तय करिस अऊ ओमन ला अपन अंगूर के बारी म पठोईस[a]।
3 करीब नौ बजे ओह बाहिर निकरिस अऊ कुछू अऊ बनिहारमन ला बजार के ठऊर म ठलहा खड़े देखिस, 4 त ओह ओमन ला कहिस, “तुमन घलो जावव अऊ मोर अंगूर के बारी म काम करव अऊ जऊन कुछू सही मजदूरी होही, मेंह तुमन ला दूहूं।” 5 ओमन ह घलो गीन।
करीब बारह बजे अऊ तीन बजे दूसरइया घलो ओह फेर बाहिर निकरिस अऊ अइसनेच करिस। 6 ओह संझा करीब पांच बजे फेर बाहिर निकरिस अऊ उहां कुछू अऊ बनिहारमन ला ठाढ़े देखिस, त ओह ओमन ला कहिस, “तुमन काबर इहां दिन भर ले ठलहा ठाढ़े हवव?”
7 ओमन जबाब दीन, “काबरकि कोनो हमन ला मजदूरी करे बर नइं ले गीस।” ओह ओमन ला कहिस, “तुमन घलो जावव अऊ मोर अंगूर के बारी म काम करव।”
8 जब सांझ होईस, त अंगूर के बारी के मालिक ह अपन संपत्ति के देख-रेख करइया ला कहिस, “बनिहारमन ला बला अऊ आखिरी म अवइया बनिहारमन ले सुरू करके पहिली अवइया बनिहारमन तक जम्मो ला ओमन के बनी देय दे।” 9 जऊन बनिहारमन संझा करीब पांच बजे काम म लगाय गे रिहिन, ओमन आईन अऊ ओम के हर एक ला एक-एक दीनार मिलिस। 10 जऊन बनिहारमन पहिली काम म लगाय गे रिहिन, जब ओमन आईन, त सोचिन कि ओमन ला जादा मिलही। पर ओमन ला घलो एक-एक दीनार मिलिस। 11 जब ओमन ला बनी मिलिस, त ओमन मालिक ऊपर कुड़कुड़ाय लगिन 12 अऊ कहिन, “ए मनखेमन ला आखिरी म काम म लगाय गे रिहिस अऊ एमन सिरिप एक घंटा काम करे हवंय, तभो ले तेंह एमन ला हमर बरोबर बनी दे हवस। जबकि हमन दिन भर काम के भार उठाएन अऊ घाम सहे हवन।”
13 पर ओह ओम के एक झन ला जबाब दीस, “संगी, मेंह तोर संग अनियाय नइं करत हवंव। का तेंह एक दीनार म काम करे बर राजी नइं होय रहय? 14 अपन बनी ला ले अऊ जा। ए मोर ईछा अय कि आखिरी के मनखे ला घलो ओतकीच देवंव जतकी कि तोला दे हवंव। 15 का मोला ए अधिकार नइं अय कि अपन पईसा ला मेंह जइसने चाहंव वइसने करंव? या फेर मोर उदार हिरदय के कारन तोला जलन होवत हवय?
16 ए किसम ले जऊन मन आखिरी म हवंय, ओमन पहिली हो जाहीं अऊ जऊन मन पहिली हवंय, ओमन आखिरी म हो जाहीं।”
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