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“मानों तुममें से किसी के पास सौ भेड़ें हैं और उनमें से कोई एक खो जाये तो क्या वह निन्यानबे भेड़ों को खुले में छोड़ कर खोई हुई भेड़ का पीछा तब तक नहीं करेगा, जब तक कि वह उसे पा न ले। फिर जब उसे भेड़ मिल जाती है तो वह उसे प्रसन्नता के साथ अपने कन्धों पर उठा लेता है। और जब घर लौटता है तो अपने मित्रों और पड़ोसियों को पास बुलाकर उनसे कहता है, ‘मेरे साथ आनन्द मनाओ क्योंकि मुझे मेरी खोयी हुई भेड़ मिल गयी है।’ मैं तुमसे कहता हूँ, इसी प्रकार किसी एक मन फिराने वाले पापी के लिये, उन निन्यानबे धर्मी पुरुषों से, जिन्हें मन फिराने की आवश्यकता नहीं है, स्वर्ग में कहीं अधिक आनन्द मनाया जाएगा।

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