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मैं स्वयं किसी के अधीन व्यक्ति हूँ और मेरे अधीन एक सैनिक टुकड़ी है. मैं एक को जाने की आज्ञा देता हूँ तो वह जाता है और दूसरे को आने की, वह आता है. मैं अपने दास को आज्ञा देता हूँ ‘यह करो’ और वह ऐसा ही करता है.”

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