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मत्तियाह 22:34-40
Saral Hindi Bible
मत्तियाह 22:34-40
Saral Hindi Bible
सबसे बड़ी आज्ञा
(मारक 12:28-34)
34 जब फ़रीसियों को यह मालूम हुआ कि येशु ने सदूकियों का मुँह बंद कर दिया है, वे स्वयं एकजुट हो गए. 35 उनमें से एक व्यवस्थापक ने येशु को परखने की मनसा से उनके सामने यह प्रश्न रखा: 36 “गुरुवर, व्यवस्था के अनुसार सबसे बड़ी आज्ञा कौन सी है?” 37 येशु ने उसे उत्तर दिया, “तुम प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे हृदय, अपने सारे प्राण तथा अपनी सारी समझ से प्रेम करो. 38 यही प्रमुख तथा सबसे बड़ी आज्ञा है. 39 ऐसी ही दूसरी सबसे बड़ी आज्ञा है अपने पड़ोसी से वैसे ही प्रेम करो जैसे तुम स्वयं से करते हो. 40 इन्हीं दो आदेशों पर सारी व्यवस्था और भविष्यवाणियां आधारित हैं.”
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Saral Hindi Bible (SHB)
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