Add parallel Print Page Options

20 जइसेन चेलन इ निहारेन तउ अचरजे मँ आइके पूछेन, “इ अंजीरे क बिरवा ऍतनी हाली कइसे झुराइ गवा?”

21 ईसू जवाब देत भवा ओन पचेन स कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हउँ जदि तोहरे मँ बिसवास अहइ अउ तू संदेस नाहीं करत बाट्या तउ तू न सिरिफ उ कइ सकत ह जउन मइँ अंजीरे क बृच्छ कीन्ह, मुला जदि तू इ पहाड़े स कहि द्या, ‘उठा अउर आपन क सगरे मँ बोर द्या’ तउ उहइ होइ जाई। 22 अउर पराथना करत तू जउन कछू मंगब्या, जदि तोहका बिसवास बा तउ तू पउब्या।”

Read full chapter