Add parallel Print Page Options

यीशु द्वारा अपनी मृत्यु का संकेत

(मरकुस 10:32-34; लूका 18:31-34)

17 जब यीशु अपने बारह शिष्यों के साथ यरूशलेम जा रहा था तो वह उन्हें एक तरफ़ ले गया और चलते चलते उनसे बोला, 18 “सुनो, हम यरूशलेम पहुँचने को हैं। मनुष्य का पुत्र वहाँ प्रमुख याजकों और यहूदी धर्म शास्त्रियों के हाथों सौंप दिया जायेगा। वे उसे मृत्यु दण्ड के योग्य ठहरायेंगे। 19 फिर उसका उपहास करवाने और कोड़े लगवाने को उसे गै़र यहूदियों को सौंप देंगे। फिर उसे क्रूस पर चढ़ा दिया जायेगा किन्तु तीसरे दिन वह फिर जी उठेगा।”

Read full chapter

दुःखभोग और क्रूस की मृत्यु की तीसरी भविष्यवाणी

(मारक 10:32-34; लूकॉ 18:31-34)

17 जब येशु येरूशालेम नगर जाने पर थे, उन्होंने मात्र अपने बारह शिष्यों को अपने साथ लिया. मार्ग में येशु ने उनसे कहा, 18 “यह समझ लो कि हम येरूशालेम नगर जा रहे हैं, जहाँ मनुष्य के पुत्र को पकड़वाया जाएगा, प्रधान याजकों तथा शास्त्रियों के हाथों में सौंप दिया जाएगा और वे उसे मृत्युदण्ड के योग्य घोषित करेंगे. 19 इसके लिए मनुष्य के पुत्र को अन्यजातियों के हाथों में सौंप दिया जाएगा कि वे उसका ठठ्ठा करें, उसे कोड़े लगवाएं और उसे क्रूस पर चढ़ाएं किन्तु वह तीसरे दिन मरे हुओं में से जीवित किया जाएगा.”

Read full chapter