विलापगीत 2:1-3:38
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version
यहोवा क जरिये यरूसलेम क बिनास
2 लखा यहोवा सिय्योन क बिटिया क
कइसे बादर मँ ढाँपि दिहेस ह।
उ इस्राएल क महिमा
स्वर्ग स धरती पइ लोकाइ दिहेस ह।
यहोवा आपन किरोध क दिन मँ आपन धरती पइ
निवास स्थान बरे कउनो परवाह नाहीं किहेस।
2 यहोवा याकूब क चिरागाह क
बिना दया क लील लिहेस।
उ आपन प्रिय यहूदा क सबहिं गढ़ियन क भरिके किरोध मँ मेटेस।
यहोवा यहूदा क राज्ज क धरती पइ पटक दिहेस
अउर ओकरे नेता लोगन क बर्बाद कइ दिहस।
3 यहोवा किरोध मँ भरिके
इस्राएल क सारी सक्ति उखाड़ फेंकेस।
उ ओका ओकर दुस्मन स अउर सुरच्छा नाहीं किहेस।
उ याकूब मँ धधकत भइ आगी स भड़की।
उ एक अइसी आगी रहो
जउन आस-पास क सब कछू चट कइ जात ह।
4 यहोवा सत्रु क नाई आपन धनुस खींचे रहा।
ओकरे दाहिन हाथे मँ ओकरे तरवारे क मूठा रहा।
उ आपन दुस्मन पइ वार करइ बरे तैयार रहा।
उ यहूदा क सबहिं आकर्सक लोगन क मारि डाएस।
यहोवा आपन किरोध क जंगल क आगी क नाईं
सिय्योन क खेमन पइ बरसाएस।
5 यहोवा दुस्मन होइ गवा रहा
अउर उ इस्राएल क लील लिहस।
ओकर सबहिं महलन क उ लील लिहस
ओकर सबहिं गढ़ियन क लील लिहे रहा।
उ आपन प्रिय यहूदा बरे बहोत जियादा रुलाएस
अउर बहोत विलाप कराएस।
6 यहोवा आपन ही मन्दिर नस्ट किहे रहा
जइसे उ कउनो उपवन होइ,
उ उ ठाँव क नस्ट किहेस
जहाँ लोग ओकर उपासना करइ बरे जमा होत रहेन।
यहोवा लोगन क अइसा बनाइ दिहस
कि उ पचे सिय्योन मँ खास मिलन अउर आराम क खास दिनन क बिसरि जाइँ।
यहोवा याजक अउ राजा क नकार दिहस।
उ बड़े किरोध मँ भरिके ओनका नकारेस।
7 यहोवा आपन ही वेदी क नकार दिहस
अउर उ आपन उपासना क पवित्तर ठउरे क नकार दिहे रहा।
यरूसलेम क महलन क देवारन क उ दुस्मन क सौंपि दिहस।
यहोवा क मन्दिर मँ दुस्मन सोर करत रहा।
उ पचे अइसे सोर करत रहेन
जइसे कउनो छूट्टी क दिन होइ।
8 उ सिय्योन क बिटिया क
देवार नस्ट करब सोचेस ह।
उ कउनो नापइ क डोरी स ओह पइ निसान डाएस ह।
उ खुद क इका बिनास करइ स नाहीं रोकस।
उ दुःख मँ भरिके फसीलन
अउर देवार क रोवाइ दिहस।
9 यरूसलेम क दरवाजन टुटिके धरती पइ बइठ गएन।
फाटक क सलाखन क तोड़िके ओका तहस-नहस कइ दिहस।
सिय्यन क राजा अउर नेता लोगन
दुसर देसन मँ बिखेर दीन्ह गएन।
ओनके बरे आजु कउनो धार्मिक सिच्छा ही नाहीं रही।
नबी भी यहोवा स कउनो दिव्य दर्सन नहीं पउतेन।
10 सिय्योन क बुजुर्ग अब धरती पइ बइठत हीं।
उ पचे धरती पइ बइठत हीं अउर चुप रहत हीं।
आपन माथन पइ फूल मलत हीं
अउर सोक वस्त्र पहिरत हीं।
यरुसलेम क जुवतियन दुःख मँ
आपन माथा धरती पइ नवावत हीं।
11 जब मइँ रोवत हउँ तउ मोर नैन मँ दर्द होत ह।
मोर अंतरंग बियाकुल अहइ।
मोरे लोगन क बिनास क कारण
मोर मन क अइसा लागत ह जइसे
उ बाहर निकरिके धरती पइ गिरा होइ।
गदेलन अउर दूध पइ वाले बच्चे गलियन मँ बेहोस पड़ा अहइँ।
12 उ पचे बिलाखत भए आपन महतरियन स पुछत हीं,
“कहाँ बाटइ महतारी, कछू क खइया अउर पिअइ क?”
उ पचे इ सवाल अइसे पूछत हीं जइसे जख्मी सिपाही सहर क गलियन मँ गिरत प्राणन क तजत, उ पचे इ सवाल पूछत हीं।
उ पचे आपन महतरियन क गोदी मँ लोटत भए प्राणन क तजत हीं।
13 हे यरूसलेम क बिटिया, मइँ केहसे तोहार तुलना करउँ?
तोहका केकरे समान कहउँ?
हे सिय्योन क कुवाँरी कन्या,
तोहका केहसे तुलना करउँ?
तोहका कइसे ढाढ़स बँधावउँ? तोहार जख्म सगरे जइसा बिसाल अहइ।
अइसा कउनो भी नाहीं जउन तोहार उपचार करइ।
14 तोहार नबियन तोहरे बरे दिब्ब दर्सन लिहे रहेन।
किन्तु उ पचे सबहिं बियर्थ अउर लबार सिद्ध भएन।
उ पचन्क तोहका बिनास स दूर रखइ बरे,
तोहरे पापन क खिलाफ उपदेस दिन्ह चाही रहेन।
किन्तु उ पचे अइसा नाहीं किहन।
उ पचे तोहका झूटे चिजियन क सिच्छा दिहन जउन कि तोहका भटकइ दिहेस।
15 बटोही राह स गुजरत भए
स्तब्ध होइके तोह पइ ताली बजावत हीं।
यरूसलेम क बिदिया पइ उ पचे सीटियन बजावत
अउर माथा नयावत हीं।
उ सबइ लोग पुछत हीं, “का इहइ उ नगरी अहइ जेका लोग कहा करत रहेन,
‘एक संपूर्ण सुन्नर नगर’ तथा
‘समुचइ संसार क आनन्द’?”
16 तोहार सबहिं दुस्मन तोह पइ आपन मुँह खोलत हीं।
तोह पइ सीटियन बजावत हीं अउर तोह पइ दाँत पीसत हीं।
उ पचे कहा करत हीं, “हम ओनका लील लीन्ह।
फुरइ इहइ उ दिन अहइ जेकर हमका प्रतीच्छा रही।
अउर अब हम पचे एँका घटत भए लाखि लीन्ह।”
17 यहोवा वइसा ही किहस जइसी ओकर जोजना रही।
उ वइसा ही किहस जइसा उ करइ बरे कहे रहा।
बहोत दिनन पहिले जइसा उ आदेस दिहे रहा, वइसा ही कइ दिहस।
उ बर्बाद किहस, ओहका दाया तलक नाहीं आइ।
उ तोहरे दुस्मनन क खुस किहस कि तोहारे संग अइसा घटा।
उ तोहारे दुस्मनन क ताकत बढ़ाइ दिहस।
18 ओनका दिल यहोवा क पुकारेस।
सिय्योन क देवार आँसुअन क
नदी क नाई बहइ दया।
दिन अउर रात आपन आँसुअन क गिरइ द्या।
तू ओनका जिन रोका।
19 जाग उठा।
राति मँ विलाप करा।
राति क हर पहर क सुर मँ विलाप करा।
आँसुअन मँ आपन मन बाहेर निकार द्या जइसा उ पानी होइ।
आपन मन यहोवा क समन्वा निकार राख।
यहोवा क पराथना मँ आपन हाथ ऊपर उठावा।
ओहसे आपन संतानन क जीवन माँगा।
ओहसे तू ओन संतानन क जीवन माँग ल्या जउन भूख स हर कुचे गली मँ बेहोस होइके गिर जात ह।
20 हे यहोवा, मोह पइ निगाह करा।
लखा कउन अहइ उ जेकर संग तू अइसा किहा।
तू मोहका इ सवाल पूछइ दया: का महतारी क ओन गदेलन क खाइ जा नीक अहइ
जेनका उ जनत ह का महतारी क ओन गदेलन क खाइ जा नीक अहइ
जेनका उ पोसत रही ह का यहोवा क मन्दिर मँ याजक
अउ नबियन क प्राणन क लीन्ह जा नीक अहइ?
21 लरिकन अउ बुजुर्गन
नगर क गलियन मँ धरती पइ पड़ा रहइँ।
मोर जवान मेहररुअन अउर जवान मनसेधू
तरवारे क धार उतारे गए रहेन।
हे यहोवा, तू आपन किरोध क दिन पइ ओनकर बध किहा ह।
तू ओनका बगैर कउनो करुणा क मारा ह।
22 तू मोह पइ हर एक जगह स दुःख व मुसीबत अइसे बोलाया जइसे इ पर्व क दिन होइ।
ओह दिन जब यहोवा किरोध किहस
अइसा कउनो मनई नाहीं रहा जउन बचिके भाग पाया होइ।
जेनका मइँ बढ़ाए रहेउँ अउर मइँ पालेउँ, पोसेउँ ओनका मोर दुस्मनन मारि डाएन ह।
एक मनई क जरिये आपन सबइ यातना पइ विचार
3 मइँ एक अइसा मनई हउँ जउन बहोतेरी यातना भोगी हउँ,
यहोवा क किरोध क तले मइँ बहोतेरी दण्ड यातना भोगी हउँ।
2 यहोवा मोका लइके चला
अउर उ मोका अँधियारा क भीतर लावा न कि प्रकासे मँ।
3 यहोवा आपन हाथ मोरे बिरोध मँ कइ दिहस।
अइसा उ बारम्बार सारे दिन किहस।
4 उ मोर आस, मोर चाम नस्ट कइ दिहस।
उ मोर हाड़न क तोड़ दिहस।
5 यहोवा मोरे विरोध मँ, कडुआहट अउ आपदा फइलाएस ह।
उ मोरे चारिहुँ कइँती कड़ुआहट अउ बिपत्ति फइलाइ दिहस।
6 उ मोका अधियारा मँ बइठाइ दिहे रहा।
उ मोका उ उ मनई सा बनाइ दिहे रहा जउन कउनो बहोत दिनन पहिले मरि चुका होइ।
7 यहोवा मोका भितरे बंद किहेस, एहसे मइँ बाहेर आइ न सकेउँ।
उ मोह पइ भारी जंजीरन घेर रहा।
8 हिआँ तलक कि जब मइँ चिल्लाइके दोहाइ देत हउँ,
यहोवा मोर विनती क नाहीं अनकत ह।
9 उ पथरे स मोरी राह क मुँद दिहस ह।
उ मोर राह क टेढ़ा कइ दिहेस ह।
10 यहोवा उ भालू सा भवा जउन मोह पइ आक्रमण करइ क तत्पर अहइ।
उ उ सिंहसा भवा ह जउन कउनो ओटे मँ छिपा भवा अहइ।
11 यहोवा मोका मोरी राहे स हटाइ दिहस।
उ मोर धज्जियन उड़ाइ दिहस।
उ मोका बर्बाद कइ दिहस ह।
12 उ आपन धनुस तैयार किहस।
उ मोका आपन बाणन क निसाना बनाइ दिहे रहा।
13 मोरे पेट मँ बाण मार दिहस।
मोह पइ आपन बाणन स प्रहार किहे रहा।
14 मइँ आपन लोगन क बीच हँसी क यात्र बन गएउँ।
उ पचे दिन भइ मोर गीत गाइ-गाइके मोर मजाक बनावत हीं।
15 यहोवा मोका करवाहट स भर दिहेस ह।
उ मोका जहर पिलवाएस ह।
16 उ मोर दाँत पाथरे क भुइँया मँ गडाइ दिहेस।
उ मोका माटी मँ मिलाइ दिहस।
17 मइँ अब अउर सान्ति योग्य नाहीं अहउँ।
अच्छी भली बातन क मइँ बिसरि गवा रहेउँ।
18 खुद अपने आप स मइँ कहइ लागे रहेउँ, “मोका तउ बस अब अउर आस नाहीं अहइ
कि यहोवा कबहुँ मोका सहारा देइ।”
19 मइँ आपन दुखिया पन क,
मोर घर नहीं अहइ
एका कड़वे जहर क,
20 अउर मोर सारी यातना क याद कइ क
मइँ बहोत ही दुःखी हउँ।
21 किन्तु उहइ समइ जब मइँ सोचत हउँ,
तउ मोका आसा होइ लागत ह।
मइँ अइसा सोचा करत हउँ।
22 यहोवा क पिरेम अउ करूणा क अंत कबहूँ नाहीं होत।
यहोवा क सबइ कृपा कबहुँ खतम नाहीं होत।
23 हर भिन्सारे उ सबइ नवा होइ जात हीं।
हे यहोवा, तोर सच्चाई महान अहइ।
24 मइँ आपन स कहा करत हउँ, “यहोवा मोरे हीसां मँ अहइ।
इहइ कारण स मइँ आसा रखब।”
25 यहोवा ओनके बरे उत्तिम अहइ जउन ओकर बाट जोहत हीं।
यहोवा ओनके बरे उत्तिम अहइ जउन ओकर खोज मँ रहा करत हीं।
26 इ उत्तिम अहइ कि कउनो मनई चुपचाप यहोवा क प्रतीच्छा करइ
कि उ ओकर रच्छा करी।
27 इ उत्तिम अहइ कि कउनो मनई यहोवा क जुए क धारण करइ,
उ समइ स ही जब उ युवक होइ।
28 मनई क चाही कि उ अकेल्ला चुप बइठे ही रहइ
जब यहोवा आपन जुए क ओह पइ धरत ह।
29 उ मनई क चाही कि यहोवा क समन्वा उ दण्डवत प्रणाम करइ।
होइ सकत ह कि कउनो आस बची होइ।
30 उ मनई क चाही कि उ आपन गाल कइ देइ, उ मनई क समन्वा जउन ओह पइ प्रहार करत होइ।
उ मनई क चाही कि उ अपमान झेलइ क तत्पर रहइ।
31 उ मनई क चाही उ याद राखइ
कि यहोवा कउनो क भी सदा-सदा बरे नाहीं बिसरावत।
32 यहोवा दण्ड दण्ड देत भए भी आपन कृपा बनाए राखत ह।
उ आपन पिरेम अउ दया क कारण आपन कृपा राखत ह।
33 यहोवा कबहुँ भी नाहीं चाहत कि लोगन क दण्ड देइ।
ओका नाहीं भावत कि लोगन क दुःखी करइ।
34 यहोवा क इ सबइ बातन नाहीं भावत हीं: ओका नाहीं भावत कि
कउनो मनई आपन गोड़न क तले धरती क सबहिं बंदियन क कुचरी डावइ।
35 ओका नाहीं भावत ह कि कउनो मनई कउनो मनई क छलइ।
कछु लोग ओकरे मुकदमे मँ परम प्रधान परमेस्सर क समन्वा ही अइसा किया करत हीं।
36 ओका नाहीं भावत कि कउनो मनई अदालत मँ कउनो स छल भरइ।
यहोवा क एनमाँ स कउनो भी बात नाहीं भावत ह।
37 जब तलक खुद यहोवा ही कउनो बात क होइ क आग्या नाहीं देत,
तब तलक अइसा कउनो भी मनई नाहीं अहइ कि कउनो बात कहइ अउर ओका पूरा करवाइ लेइ।
38 बुरी-भली बातन सबहिं
सर्वोच्च परमेस्सर क मुँहे स ही आवत हीं।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.