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ईसू क पिलातुस क समन्वा लइ जाब

(मत्ती 27:1-2,11-31; मरकुस 15:1-20; लूका 23:1-25)

28 फिन उ पचे ईसू क काइफा क घरे स रोम क राज्यपाल क महल मँ लइ गएन। ओह समइ सबेर होइ ग रहा। यहूदियन राज्यपाल क भवन मँ खुदइ नाहीं जावा चाहत रहेन, कहूँ उ पचे असुद्ध[a] न होइ जाइँ। अउर फिन फसह क भोज न खाइ पावइँ। 29 तउ पिलातुस ओनके पास बाहेर आवा अउर बोला, “एकरे ऊपर तू सबेन्ह कउन दोख लगावत अहा?”

30 जवाब मँ उ पचे ओसे कहेस, “जदि इ अपराधी न होत तउ हम ऍका तोहका न सौंपित।”

31 एकरे जवाब मँ पिलातुस ओनसे कहेस, “ऍका तू लइ जा अउर अपने व्यवस्था क हिसाब स एकर निआव करा।”

यहूदियन ओसे कहेन, “हमका सबेन्ह क मउत क सजा देइ क कउनो अधिकार नाहीं अहइ।” 32 अइसा इ बरे भवा, जइसे कि ईसू क उ बात सच्ची होइ जाइ जउन उ कहे रहा, कइसी मउत मिली।

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Footnotes

  1. 18:28 असुद्ध यहूदियन इ मानत रहेन कि कउनो गैर यहूदियन क घरे मँ जाइ स ओनकर फर्छइ घटि जात ह। (यूहन्ना 11:55)