यूहन्ना 1:19-28
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
यूहन्ना की यीशु के विषय में साक्षी
(मत्ती 3:1-12; मरकुस 1:1-8; लूका 3:1-9, 15-17)
19 जब यरूशलेम के यहूदियों ने उसके पास लेवियों और याजकों को यह पूछने के लिये भेजा, “तुम कौन हो?” 20 तो उसने साक्षी दी और बिना झिझक स्वीकार किया, “मैं मसीह नहीं हूँ।”
21 उन्होंने यूहन्ना से पूछा, “तो तुम कौन हो, क्या तुम एलिय्याह हो?”
यूहन्ना ने जवाब दिया, “नहीं मैं वह नहीं हूँ।”
यहूदियों ने पूछा, “क्या तुम भविष्यवक्ता हो?”
उसने उत्तर दिया, “नहीं।”
22 फिर उन्होंने उससे पूछा, “तो तुम कौन हो? हमें बताओ ताकि जिन्होंने हमें भेजा है, उन्हें हम उत्तर दे सकें। तुम अपने विषय में क्या कहते हो?”
23 यूहन्ना ने कहा,
“मैं उसकी आवाज़ हूँ जो जंगल में पुकार रहा है:
‘प्रभु के लिये सीधा रास्ता बनाओ।’”(A)
24 इन लोगों को फरीसियों ने भेजा था। 25 उन्होंने उससे पूछा, “यदि तुम न मसीह हो, न एलिय्याह हो और न भविष्यवक्ता तो लोगों को बपतिस्मा क्यों देते हो?”
26 उन्हें जवाब देते हुए यूहन्ना ने कहा, “मैं उन्हें जल से बपतिस्मा देता हूँ। तुम्हारे ही बीच एक व्यक्ति है जिसे तुम लोग नहीं जानते। 27 यह वही है जो मेरे बाद आने वाला है। मैं उसके जूतों की तनियाँ खोलने लायक भी नहीं हूँ।”
28 ये घटनाएँ यरदन के पार बैतनिय्याह में घटीं जहाँ यूहन्ना बपतिस्मा देता था।
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