3 मइँ एक मूरख क लखे रहेउँ जउन सोचत रहा कि उ सुरच्छित बाटइ। जेकर घर एका-एक सरापित कइ दीन्ह ग रहा[a]।
35 मइँ दुट्ठ क बरिआर लखेउँ ह। मइँ ओका मजबूत अउ तन्दुरुस्त बृच्छ क नाई सक्तीसाली लखेउँ।
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