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अगर तू उहइ किहा जउन उचित रहा एहसे सर्वसक्तीमान परमेस्सर क आनन्द नाहीं मिली,
    अउर अगर तू खरा रहा हवा तउ एहसे ओका पछू नाहीं मिली।

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