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54 तब याकूब एक जनावर क मारेस अउ पहाड़े पइ बलि क रुप मँ ऍका भेंट चढ़ाएस अउ उ आपन मनइयन क भोज मँ सामिल होइ बरे बोलाएस। भोजन करे क पाछे उ पचे पहाड़े प राति काटेन।

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