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योआस मन्दिर क मरम्मत क आदेस दिहस

4-5 योआस याजकन स कहेस, “यहोवा क मन्दिर मँ बहोत धन अहइ। लोग मन्दिर मँ चिजियन दिहे अहइँ। लोग गणना क समइ मन्दिर क कर दिहेन ह अउर लोगन आपन इच्छा स धन दिहे ह। याजकन, आप लोग उ धन क लइ लेइँ अउर यहोवा क मन्दिर क मरम्मत करवाइ देइँ।”

मुला याजक लोग मरम्मत नाहीं किहन। योआस क राज्जकाल क तेईसवें बरिस मँ भी याजक लोग तब तलक मन्दिर क मरम्मत नाहीं किहे रहेन। एह बरे योआस याजक यहोयादा अउ दूसर याजकन क बोलाएस। योआस यहोयादा अउ दूसर याजकन स पूछेस, “आप मन्दिर क मरम्मत काहे नाहीं किहन? आप ओन लोगन स धन लेब बन्द करइँ जेनकर आप सेवा करत हीं। उ धने क उपयोग मँ लिआउब बंद करइँ। उ धने क उपयोग मन्दिर क मरम्मत मँ होइ चाही।”

याजक लोग यहोवा स धन न लेब स्वीकार किहन। मुला उ पचे मन्दिर क मरम्मत न करइ क निहचइ किहेन। एह बरे याजक यहोयादा स एक ठु सन्दूख लिहस अउ ओकरे ऊपरी हींसा मँ एक छेद कइ दिहस। तब यहोयादा सन्दूख क बेदी क दक्खिन कइँती रख दिहस। इ सन्दूख उ दरवाजे क लगे रहा जेहसे लोग यहोवा क मन्दिर मँ आवत रहेन। कछू याजक मन्दिर क दुआर-पथे क रच्छा करत रहेन। उ सबइ याजक उ धने क जेका लोग यहोवा क देत रहेन, लइ बते रहेन अउर उ सन्दूख मँ डाइ देत रहेन। जब लोग मन्दिर क जात रहेन तब उ पचे उ सन्दूख मँ सिक्कन डावत रहेन।

10 जब भी राजा क सचिव अउ महायाजक इ जानतेन कि मन्दिर मँ रखे सन्दूख मँ बहोत धन अहइ तउ उ पचे अउतेन अउर सन्दूख स धन क निकार लेतेन। उ पचे धन क थइलन मँ रखतेन् अउर ओका गिन लेत रहेन। 11 तब उ पचे ओन मजदूरन क भुगतान करतेन जउन यहोवा क मन्दिर मँ काम करत रहेन। उ पचे यहोवा क मन्दिर मँ काम करइवालन बढ़इयन अउ दूसर कारीगरन क भुगतान करत रहेन। 12 उ पचे धन क उपयोग पाथर क कामगारन अउ पाथर तरासन क भुगतान करइ मँ करत रहेन अउर उ पचे उ धने क उपयोग लकड़ी, काटे पाथर, अउर यहोवा क मन्दिर क मरम्मत क बरे दूसर चिजियन क बेसहइ मँ करत रहेन।

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