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एकरसेति, ठहिराय गे समय के पहिली कोनो भी चीज ला झन परखव। परभू के आवत तक इंतजार करव। ओह अंधियार म छुपे बातमन ला अंजोर म लानही अऊ ओह मनखेमन के हिरदय के बात ला परगट करही। ओतकी बेरा हर एक झन परमेसर ले परसंसा पाही।

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