मत्ती 5:3-12
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
3 “धन्य हैं वे जो हृदय से दीन हैं,
स्वर्ग का राज्य उनके लिए है।
4 धन्य हैं वे जो शोक करते हैं,
क्योंकि परमेश्वर उन्हें सांत्वना देता है
5 धन्य हैं वे जो नम्र हैं
क्योंकि यह पृथ्वी उन्हीं की है।
6 धन्य हैं वे जो नीति के प्रति भूखे और प्यासे रहते हैं!
क्योंकि परमेश्वर उन्हें संतोष देगा, तृप्ति देगा।
7 धन्य हैं वे जो दयालु हैं
क्योंकि उन पर दया गगन से बरसेगी।
8 धन्य हैं वे जो हृदय के शुद्ध हैं
क्योंकि वे परमेश्वर के दर्शन करेंगे।
9 धन्य हैं वे जो शान्ति के काम करते हैं।
क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलायेंगे।
10 धन्य हैं वे जो नीति के हित में यातनाएँ भोगते हैं।
स्वर्ग का राज्य उनके लिये ही है।
11 “और तुम भी धन्य हो क्योंकि जब लोग तुम्हारा अपमान करें, तुम्हें यातनाएँ दें, और मेरे लिये तुम्हारे विरोध में तरह तरह की झूठी बातें कहें, बस इसलिये कि तुम मेरे अनुयायी हो, 12 तब तुम प्रसन्न रहना, आनन्द से रहना, क्योंकि स्वर्ग में तुम्हें इसका प्रतिफल मिलेगा। यह वैसा ही है जैसे तुमसे पहले के भविष्यवक्ताओं को लोगों ने सताया था।
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लूका 6:20-26
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
20 फिर अपने शिष्यों को देखते हुए वह बोला:
“धन्य हो तुम जो दीन हो,
स्वर्ग का राज्य तुम्हारा है,
21 धन्य हो तुम, जो अभी भूखे रहे हो,
क्योंकि तुम तृप्त होगे।
धन्य हो तुम जो आज आँसू बहा रहे हो,
क्योंकि तुम आगे हँसोगे।
22 “धन्य हो तुम, जब मनुष्य के पुत्र के कारण लोग तुमसे घृणा करें, और तुमको बहिष्कृत करें, और तुम्हारी निन्दा करें, तुम्हारा नाम बुरा समझकर काट दें। 23 उस दिन तुम आनन्दित होकर उछलना-कूदना, क्योंकि स्वर्ग में तुम्हारे लिए बड़ा प्रतिफल है, उनके पूर्वजों ने भी भविष्यवक्ताओं के साथ ऐसा ही किया था।
24 “तुमको धिक्कार है, ओ धनिक जन,
क्योंकि तुमको पूरा सुख चैन मिल रहा है।
25 तुम्हें धिक्कार है, जो अब भरपेट हो
क्योंकि तुम भूखे रहोगे।
तुम्हें धिक्कार है, जो अब हँस रहे हो,
क्योंकि तुम शोकित होओगे और रोओगे।
26 “तुम्हे धिक्कार है, जब तुम्हारी प्रशंसा हो क्योंकि उनके पूर्वजों ने भी झूठे नबियों के साथ ऐसा व्यवहार किया।
Read full chapter© 1995, 2010 Bible League International