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耶稣比摩西更尊贵

因此,同蒙天召的圣洁的弟兄啊!你们应该想想耶稣,就是作使徒、作我们所宣认的大祭司的那一位。 他忠于那位委派他的,好象摩西在 神的全家尽忠一样。 他比摩西配得更大的荣耀,好象建造房屋的人比房屋配得更大的尊贵一样。 因为每一间房屋都是人建造的,只有万物是 神建造的。 摩西不过是个仆人,在 神的全家尽忠,为以后要传讲的事作证; 但是基督却是儿子,管理自己的家。如果我们把坦然无惧的心和可夸的盼望持守到底,我们就是他的家了。

以色列人因不信得不到安息

所以,就像圣灵所说的:

“如果你们今天听从他的声音,

就不要硬着心,

好象在旷野惹他发怒、

试探他的日子一样;

在那里,你们的祖先以试验来试探我,

观看我的作为有四十年之久。

10 所以,我向那个世代的人发怒,说:‘他们心里常常迷误,

不认识我的道路。’

11 我就在烈怒中起誓,说:

‘他们绝不可进入我的安息。’”

12 弟兄们,你们要小心,免得你们中间有人存着邪恶、不信的心,以致离弃了永活的 神; 13 趁着还有叫作“今天”的时候,总要天天互相劝勉,免得你们中间有人受了罪恶的诱惑,心里就刚硬了。 14 如果我们把起初的信念坚持到底,就是有分于基督的人了。 15 经上说:

“如果你们今天听从他的声音,

就不要硬着心,

像惹他发怒的时候一样。”

16 那时,听了他的话而惹他发怒的是谁呢?不就是摩西从埃及领出来的那些人吗? 17 四十年之久, 神向谁发怒呢?不就是向那些犯了罪陈尸旷野的人吗? 18 他又向谁起誓说,他们绝对不可以进入他的安息呢?不就是向那些不顺从的人吗? 19 这样看来,他们不能进入安息,是因为不信的缘故。

यीशु मूसा से महान है

अतः स्वर्गीय बुलावे में भागीदार हे पवित्र भाईयों, अपना ध्यान उस यीशु पर लगाये रखो जो परमेश्वर का प्रतिनिधि तथा हमारे घोषित विश्वास के अनुसार प्रमुख याजक है। जैसे परमेश्वर के समूचे घराने में मूसा विश्वसनीय था, वैसे ही यीशु भी, जिसने उसे नियुक्त किया था उस परमेश्वर के प्रति विश्वासपूर्ण था। जैसे भवन का निर्माण करने वाला स्वयं भवन से अधिक आदर पाता है, वैसे ही यीशु मूसा से अधिक आदर का पात्र माना गया। क्योंकि प्रत्येक भवन का कोई न कोई बनाने वाला होता है, किन्तु परमेश्वर तो हर वस्तु का सिरजनहार है। परमेश्वर के समूचे घराने में मूसा एक सेवक के समान विश्वास पात्र था, वह उन बातों का साक्षी था जो भविष्य में परमेश्वर के द्वारा कही जानी थीं। किन्तु परमेश्वर के घराने में मसीह तो एक पुत्र के रूप में विश्वास करने योग्य है और यदि हम अपने साहस और उस आशा में विश्वास को बनाये रखते हैं तो हम ही उसका घराना हैं।

अविश्वास के विरुद्ध चेतावनी

इसलिए पवित्र आत्मा कहता है:

“आज यदि उसकी आवाज़ सुनो!
    अपने हृदय जड़ मत करो, जैसे बगावत के दिनों में किये थे।
    जब मरुस्थल में परीक्षा हो रही थी।
मुझे तुम्हारे पूर्वजों ने परखा था, उन्होंने मेरे धैर्य की परीक्षा ली और मेरे कार्य देखे,
    जिन्हें मैं चालीस वर्षों से करता रहा!
10 वह यही कारण था जिससे मैं
    उन जनों से क्रोधित था, और फिर मैंने कहा था,
    ‘इनके हृदय सदा भटकते रहते हैं ये मेरे मार्ग जानते नहीं हैं।’
11 मैंने क्रोध में इसी से तब शपथ
    लेकर कहा था, ‘वे कभी मेरे विश्राम में सम्मिलित नहीं होंगे।’”(A)

12 हे भाईयों, देखते रहो कहीं तुममें से किसी के मन में पाप और अविश्वास न समा जाये जो तुम्हें सजीव परमेश्वर से ही दूर भटका दे। 13 जब तक यह “आज” का दिन कहलाता है, तुम प्रतिदिन परस्पर एक दूसरे का धीरज बँधाते रहो ताकि तुममें से कोई भी पाप के छलावे में पड़कर जड़ न बन जाये। 14 यदि हम अंत तक दृढ़ता के साथ अपने प्रारम्भ के विश्वास को थामे रहते हैं तो हम मसीह के भागीदार बन जाते हैं। 15 जैसा कि कहा भी गया है:

“यदि आज उसकी आवाज सुनो,
    अपने हृदय जड़ मत करो, जैसे बगावत के दिनों में किये थे।”(B)

16 भला वे कौन थे जिन्होंने सुना और विद्रोह किया? क्या वे, वे ही नहीं थे जिन्हें मूसा ने मिस्र से बचा कर निकाला था? 17 वह चालीस वर्षों तक किन पर क्रोधित रहा? क्या उन्हीं पर नहीं जिन्होंने पाप किया था और जिनके शव मरुस्थल में पड़े रहे थे? 18 परमेश्वर ने किनके लिए शपथ उठायी थी कि वे उसकी विश्राम में प्रवेश नहीं कर पायेंगे? क्या वे ही नहीं थे जिन्होंने उसकी आज्ञा का उल्लंघन किया था? 19 इस प्रकार हम देखते हैं कि वे अपने अविश्वास के कारण ही वहाँ प्रवेश पाने में समर्थ नहीं हो सके थे।

耶穌比摩西更尊貴

因此,同蒙天召的聖潔的弟兄啊!你們應該想想耶穌,就是作使徒、作我們所宣認的大祭司的那一位。 他忠於那位委派他的,好像摩西在 神的全家盡忠一樣。 他比摩西配得更大的榮耀,好像建造房屋的人比房屋配得更大的尊貴一樣。 因為每一間房屋都是人建造的,只有萬物是 神建造的。 摩西不過是個僕人,在 神的全家盡忠,為以後要傳講的事作證; 但是基督卻是兒子,管理自己的家。如果我們把坦然無懼的心和可誇的盼望持守到底,我們就是他的家了。

以色列人因不信得不到安息

所以,就像聖靈所說的:

“如果你們今天聽從他的聲音,

就不要硬著心,

好像在曠野惹他發怒、

試探他的日子一樣;

在那裡,你們的祖先以試驗來試探我,

觀看我的作為有四十年之久。

10 所以,我向那個世代的人發怒,說:‘他們心裡常常迷誤,

不認識我的道路。’

11 我就在烈怒中起誓,說:

‘他們絕不可進入我的安息。’”

12 弟兄們,你們要小心,免得你們中間有人存著邪惡、不信的心,以致離棄了永活的 神; 13 趁著還有叫作“今天”的時候,總要天天互相勸勉,免得你們中間有人受了罪惡的誘惑,心裡就剛硬了。 14 如果我們把起初的信念堅持到底,就是有分於基督的人了。 15 經上說:

“如果你們今天聽從他的聲音,

就不要硬著心,

像惹他發怒的時候一樣。”

16 那時,聽了他的話而惹他發怒的是誰呢?不就是摩西從埃及領出來的那些人嗎? 17 四十年之久, 神向誰發怒呢?不就是向那些犯了罪陳屍曠野的人嗎? 18 他又向誰起誓說,他們絕對不可以進入他的安息呢?不就是向那些不順從的人嗎? 19 這樣看來,他們不能進入安息,是因為不信的緣故。