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12 ऐसी उसकी आँखे है जैसे जल धार के किनारे कबूतर बैठे हों।
    उसकी आँखें दूध में नहाये कबूतर जैसी हैं।
    उसकी आँखें ऐसी हैं जैसे रत्न जड़े हों।
13 गाल उसके मसालों की क्यारी जैसे लगते हैं,
    जैसे कोई फूलों की क्यारी जिससे सुगंध फैल रही हो।
उसके होंठ कुमुद से हैं
    जिनसे रसगंध टपका करता है।
14 उसकी भुजायें सोने की छड़ जैसी है
    जिनमें रत्न जड़े हों।
उसकी देह ऐसी हैं
    जिसमें नीलम जड़े हों।

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