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14     जिसमें जटामासी का, केसर, अगर और दालचीनी का इत्र भरा हो।
जिसमें देवदार के गंधरस
    और अगर व उत्तम सुगन्धित द्रव्य साथ में भरे हों।
15 तू उपवन का सोता है
    जिसका स्वच्छ जल
नीचे लबानोन की पहाड़ी से बहता है।

स्त्री का वचन

16 जागो, हे उत्तर की हवा!
    आ, तू दक्षिण पवन!
मेरे उपवन पर बह।
    जिससे इस की मीठी, गन्ध चारों ओर फैल जाये।
मेरा प्रिय मेरे उपवन में प्रवेश करे
    और वह इसका मधुर फल खाये।

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