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20 तब यहोवा ने कहा,
‘मैं इनसे मुँह मोडूँगा!
    मैं देख सकूँगा—अन्त होगा क्या उनका।
क्यों? क्योंकि भ्रष्ट सभी उनकी पीढ़ियाँ हैं।
वे हैं ऐसी सन्तान जिन्हें विश्वास नहीं है!
21 मूर्तियों की पूजा करके उन्होंने मुझमें ईर्ष्या उत्पन्न की वे मूर्तियाँ ईश्वर नहीं हैं।
    तुच्छ मूर्तियों को पूज कर उन्होंने मुझे क्रुद्ध किया है! अब मैं इस्राएल को बनाऊँगा ईर्ष्यालु।
मैं उन लोगों का उपयोग करूँगा, जो गठित नहीं हुये हैं राष्ट्र में।
    मैं करूगाँ प्रयोग मूर्ख राष्ट्र का और लोगों से उन पर क्रोध बरसाऊँगा।
22 क्रोध हमारा सुलगा चुका आग कहीं,
    मेरा क्रोध जल रहा निम्नतम शेओल तक,
    मेरा क्रोध नष्ट करता फसल सहित भूमि को,
    मेरा क्रोध लगाता आग पर्वतों की जड़ों में!

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