व्यवस्था विवरण 5:20
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
20 “दूसरों ने जो कुछ किया है उसके बारे में झूठ मत बोलो।
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व्यवस्था विवरण 24:8-16
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8 “यदि तुम्हें कुष्ठ जैसी बीमारी हो जाये तो तुम्हें लेवीवंशी याजकों की दी हुई सारी शिक्षा स्वीकार करने में सावधान रहना चाहिए। तुम्हें सावधानी से उन सब आदेशों का पालन करना चाहिए जिन्हें देने के लिये मैंने याजकों से कहा है। 9 यह याद रखो कि यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने मरियम के साथ क्या किया जब तुम मिस्र से बाहर निकलने की यात्रा पर थे।
10 “जब तुम किसी व्यक्ति को किसी प्रकार का कर्ज दो तो उसके घर में गिरवी रखी गई चीज़ लेने के लिए मत जाओ। 11 तुम्हें बाहर ही खड़ा रहना चाहिए। तब वह व्यक्ति, जिसे तुमने कर्ज दिया है, तुम्हारे पास गिरवी रखी गई चीज़ लाएगा। 12 यदि वह गरीब है तो वह अपने कपड़े को दे दे, जिससे वह अपने को गर्म रख सकता है। तुम्हें उसकी गिरवी रखी गई चीज़ रात को नहीं रखनी चाहिये। 13 तुम्हें प्रत्येक शाम को उसकी गिरवी रखी गई चीज़ लौटा देनी चाहिए। तब वह अपने वस्त्रों में सो सकेगा। वह तुम्हारा आभारी होगा और यहोवा तुम्हारा परमेश्वर यह देखेगा कि तुमने यह अच्छा काम किया।
14 “तुम्हें किसी मजदूरी पर रखे गए गरीब और जरूरतमन्द सेवक को धोखा नहीं देना चाहिए। इसका कोई महत्व नहीं कि वह तुम्हारा साथी इस्राएली है या वह कोई विदेशी है जो तुम्हारे नगरों में से किसी एक में रह रहा है। 15 सूरज डूबने से पहले प्रतिदिन उसकी मजदूरी दे दो। क्यों क्योंकि वह गरीब है और उसी धन पर आश्रित है। यदि तुम उसका भुगतान नहीं करते तो वह यहोवा से तुम्हारे विरुद्ध शिकायत करेगा और तुम पाप करने के अपराधी होगे।
16 “बच्चों द्वारा किये गए किसी अपराध के लिए पिता को मृत्यु दण्ड नहीं दिया जा सकता और बच्चे को पिता द्वारा किये गए अपराध के लिए मृत्यु दण्ड नहीं दिया जा सकता। किसी व्यक्ति को उसके स्वयं के अपराध के लिये ही मृत्यु दण्ड दिया जा सकता है।
Read full chapter© 1995, 2010 Bible League International