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रोम के मसीहियों को पौलूस का संदेश

16 मैं किंख्रिया की कलीसिया की विशेष सेविका हमारी बहन फ़ीबे की तुम से सिफारिश करता हूँ कि तुम उसे प्रभु में ऐसी रीति से ग्रहण करो जैसी रीति परमेश्वर के लोगों के योग्य है। उसे तुमसे जो कुछ अपेक्षित हो सब कुछ से तुम उसकी मदद करना क्योंकि वह मुझ समेत बहुतों की सहायक रही है।

प्रिस्का और अक्किला को मेरा नमस्कार। वे यीशु मसीह में मेरे सहकर्मी हैं। उन्होंने मेरे प्राण बचाने के लिये अपने जीवन को भी दाव पर लगा दिया था। न केवल मैं उनका धन्यवाद करता हूँ बल्कि ग़ैर यहूदियों की सभी कलीसिया भी उनके धन्यवादी हैं।

उस कलीसिया को भी मेरा नमस्कार जो उनके घर में एकत्र होती है।

मेरे प्रिय मित्र इपनितुस को मेरा नमस्कार जो एशिया में मसीह को अपनाने वालों में पहला है।

मरियम को, जिसने तुम्हारे लिये बहुत काम किया है नमस्कार।

मेरे कुटुम्बी अन्द्रनीकुस और यूनियास को, जो मेरे साथ कारागार में थे और जो प्रमुख धर्म-प्रचारकों में प्रसिद्ध हैं, और जो मुझ से भी पहले मसीह में थे, मेरा नमस्कार।

प्रभु में मेरे प्रिय मित्र अम्पलियातुस को नमस्कार। मसीह में हमारे सहकर्मी उरबानुस तथा

मेरे प्रिय मित्र इस्तुखुस को नमस्कार। 10 मसीह में खरे और सच्चे अपिल्लेस को नमस्कार।

अरिस्तुबुलुस के परिवार को नमस्कार। 11 यहूदी साथी हिरोदियोन को नमस्कार।

नरकिस्सुस के परिवार के उन लोगों को नमस्कार जो प्रभु में हैं। 12 त्रुफेना और त्रुफोसा को जो प्रभु में परिश्रमी कार्यकर्ता हैं, नमस्कार।

मेरी प्रिया परसिस को, जिसने प्रभु में कठिन परिश्रम किया है, मेरा नमस्कार।

13 प्रभु के असाधारण सेवक रूफुस को और उसकी माँ को, जो मेरी भी माँ रही है, नमस्कार।

14 असुंक्रितुस, फिलगोन, हिर्मेस, पत्रुबास, हिर्मोस और उनके साथी बंधुओं को नमस्कार।

15 फिलुलुगुस, यूलिया, नेर्युस तथा उसकी बहन उलुम्पास और उनके सभी साथी संतों को नमस्कार।

16 तुम लोग पवित्र चुंबन द्वारा एक दूसरे का स्वागत करो।

तुम्हें सभी मसीही कलीसियों की ओर से नमस्कार।

17 हे भाइयो, मैं तुमसे प्रार्थना करता हूँ कि तुमने जो शिक्षा पाई हैं, उसके विपरीत तुममें जो फूट डालते हैं और दूसरों के विश्वास को बिगाड़ते हैं, उनसे सावधान रहो, और उनसे दूर रहो। 18 क्योंकि ये लोग हमारे प्रभु यीशु मसीह की नहीं बल्कि अपने पेट की उपासना करते हैं। और अपनी खुशामद भरी चिकनी चुपड़ी बातों से भोले भाले लोगों के ह्रदय को छलते हैं। 19 तुम्हारी आज्ञाकारिता की चर्चा बाहर हर किसी तक पहुँच चुकी है। इसलिये तुमसे मैं बहुत प्रसन्न हूँ। किन्तु मैं चाहता हूँ कि तुम नेकी के लिये बुद्धिमान बने रहो और बुराई के लिये अबोध रहो।

20 शांति का स्रोत परमेश्वर शीघ्र ही शैतान को तुम्हारे पैरों तले कुचल देगा।

हमारे प्रभु यीशु मसीह का तुम पर अनुग्रह हो।

21 हमारे साथी कार्यकर्ता तीमुथियुस और मेरे यहूदी साथी लूकियुस, यासोन तथा सोसिपत्रुस की ओर से तुम्हें नमस्कार।

22 इस पत्र के लेखक मुझ तिरतियुस का प्रभु में तुम्हें नमस्कार।

23 मेरे और समूची कलीसिया के आतिथ्यकर्ता गयुस का तुम्हें नमस्कार। इरास्तुस जो नगर का खजांची है और हमारे बन्धु क्वारतुस का तुम को नमस्कार। 24 [a]

25 उसकी महिमा हो जो तुम्हारे विश्वास के अनुसार यानी यीशु मसीह के सन्देश के जिस सुसमाचार का मैं उपदेश देता हूँ उसके अनुसार तुम्हें सुदृढ़ बनाने में समर्थ है। परमेश्वर का यह रहस्यपूर्ण सत्य युगयुगान्तर से छिपा हुआ था। 26 किन्तु जिसे अनन्त परमेश्वर के आदेश से भविष्यवक्ताओं के लेखों द्वारा अब हमें और ग़ैर यहूदियों को प्रकट करके बता दिया गया है जिससे विश्वास से पैदा होने वाली आज्ञाकारिता पैदा हो। 27 यीशु मसीह द्वारा उस एक मात्र ज्ञानमय परमेश्वर की अनन्त काल तक महिमा हो। आमीन!

Footnotes

  1. 16:24 कुछ यूनानी प्रतियों में पद 24 जोड़ा गया है: “हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम सबके साथ रहे। आमीन।”

उपसंहार

16 मैं, हमारी बहन फ़ोइबे को, जो केनख्रेया नगर की कलीसिया की विश्वस्त सेविका है. जैसा पवित्र लोगों के लिए सही है, प्रभु में उसे स्वीकार कर उसे जिस किसी रूप में भी सहायता की ज़रूरत हो, प्रदान करो. स्वयं उसने अनेकों की सहायता की है तथा मेरी भी.

मसीह येशु में मेरे सहसेवकों प्रिस्का तथा अकुलॉस को मेरा नमस्कार. उन्होंने मेरे हित में अपने प्राण जोख़िम में डाले थे. न केवल मैं परन्तु अन्यजातियों की सभी कलीसियाएँ उनकी ऋणी हैं.

उस कलीसिया को नमस्कार, जो उनके घर में इकट्ठा होती है. मेरे प्रिय मित्र ईपाएनेतॉस को नमस्कार. आसिया प्रदेश में उसी ने सबसे पहिले मसीह को स्वीकार किया था.

मरियम को नमस्कार. उसने तुम्हारे लिए बहुत परिश्रम किया है.

आन्द्रोनिकॉस तथा यूनियस को नमस्कार. ये मेरे सम्बन्धी तथा सहबन्दी हैं. प्रेरितों में इनका स्थान वर्णननीय है. ये भी मुझसे पहले मसीह में आ चुके थे.

प्रभु में मेरे प्रिय आम्पलियातॉस को नमस्कार.

मसीह में हमारे सहकर्मी अरबानस को नमस्कार और मेरे प्रिय स्ताख़ुस को भी.

10 मसीह में प्रमाणित तथा स्वीकृत अपेल्लेस को नमस्कार. आरिस्तोबुलस के परिजनों को नमस्कार.

11 मेरे सम्बन्धी हेरोदियॉन को नमस्कार. नारकिसस के परिजनों में से उन्हें, जो प्रभु के अनुगामी हैं, नमस्कार.

12 प्रभु के कर्मी त्रिफेना तथा त्रुफ़ोसा को नमस्कार. मेरे प्रिय परसिस को नमस्कार. उसने प्रभु में अथक परिश्रम किया है.

13 प्रभु के चुने हुए व्यक्ति रूफ़ॉस को नमस्कार तथा उसकी माता को भी, जो मेरी भी माता हैं.

14 आसुन्क्रितॉस, फ़्लेगॉन, हेर्मेस, पात्रोबस, हेर्मेस तथा उनके सहयोगियों को नमस्कार.

15 फ़िलोलोगॉस तथा यूलिया, नेरेयुस, उसकी बहन तथा ओलुम्पस तथा उनके साथ सभी पवित्र लोगों को नमस्कार.

16 तुम्हारा पारस्परिक नमस्कार पवित्र चुम्बन के साथ हो. मसीह की सभी कलीसियाओं की ओर से तुम्हें नमस्कार.

एक चेतावनी तथा पहिला अनुलेख

17 प्रियजन, मेरी तुमसे विशेष विनती है कि उन पर विशेष ध्यान दो, जो तुम्हारे बीच फूट डालते तथा तुम्हें दी गई शिक्षा के मार्ग में बाधा उत्पन्न करते रहते हैं. उन से दूर रहो. 18 ये लोग हमारे प्रभु मसीह येशु के नहीं परन्तु अपनी ही लालसाओं के दास हैं. अपनी चिकनी-चुपड़ी तथा चतुराई से की गई बातचीत के द्वारा वे भोले-भाले लोगों को भटका देते हैं. 19 सभी तुम्हारी आज्ञाकारिता के विषय में सुन चुके हैं. यह मेरे लिए आनन्द का विषय है. फिर भी मेरी यह इच्छा है कि तुम भलाई के प्रति बुद्धिमान तथा बुराई के प्रति भोले बने रहो.

20 शान्ति के परमेश्वर शीघ्र ही शैतान को तुम्हारे पाँवों के नीचे कुचल देंगे. हमारे प्रभु मसीह येशु का अनुग्रह तुम पर बना रहे.

अन्तिम नमस्कार तथा द्वितीय अनुलेख

21 मेरे सहकर्मी तिमोथियॉस का नमस्कार. वैसे ही मेरे परिजन लुकियॉस, यासोन तथा सोसिपात्रॉस का भी.

22 इस पत्र के लिखनेवाले, तेर्तियॉस का तुम्हें प्रभु में नमस्कार. 23 गायस का, जिसके यहाँ मैं अतिथि हूँ और जिसके घर पर कलीसिया आराधना करती है, तुम्हें नमस्कार.

नगर कोषाध्यक्ष इरास्तुस तथा संगी विश्वासी का भी तुम्हें नमस्कार. 24 हमारे प्रभु मसीह येशु का अनुग्रह तुम पर बना रहे. आमेन.

धन्यवाद

25 अब उस परमेश्वर को, जो तुमको मेरे सुसमाचार और मसीह येशु के प्रचार द्वारा और सशक्त कर सकता, उस भेद के प्रकाशन के अनुसार, जो सनातन से छिपा कर रखा गया था; 26 जिसे अब परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार भविष्यद्वक्ताओं के अभिलेखों द्वारा सभी राष्ट्रों पर प्रकट कर दिया गया है कि इसके द्वारा वे विश्वास की आज्ञाकारिता की ओर आगे बढ़ें. 27 मसीह येशु के द्वारा उन एकमात्र बुद्धिमान परमेश्वर की महिमा सदा-सर्वदा होती रहे! आमेन.