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11 क्योंकि उसी के कारण बहुत से यहूदी अपने नेताओं को छोड़कर यीशु में विश्वास करने लगे थे।

यीशु का यरूशलेम में प्रवेश

(मत्ती 21:1-11; मरकुस 11:1-11; लूका 19:28-40)

12 अगले दिन फ़सह पर्व पर आई भीड़ ने जब यह सुना कि यीशु यरूशलेम में आ रहा है 13 तो लोग खजूर की टहनियाँ लेकर उससे मिलने चल पड़े। वे पुकार रहे थे,

“‘होशन्ना!’
    ‘धन्य है वह जो प्रभु के नाम से आता है!’(A)

वह जो इस्राएल का राजा है!”

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