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“यहोशू, तुम्हें दृढ़ और साहसी होना चाहिये! तुम्हें इन लोगों का अगुवा होना चाहिये जिससे वे अपना देश ले सकें। यह वही देश है जिसे मैंने उन्हें देने के लिये उनके पूर्वजों को वचन दिया था। किन्तु तुम्हें एक दूसरी बात के विषय में भी दृढ़ और साहसी रहना होगा। तुम्हें उन आदेशों का पालन निश्चय के साथ करना चाहिए, जिन्हें मेरे सेवक मूसा ने तुम्हें दिया। यदि तुम उसकी शिक्षाओं का ठीक—ठीक पालन करोगे, तो तुम जो कुछ करोगे उसमें सफल होगे।

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