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मूर्ति बनानें के लिए एक कारीगर लकड़ी काट रहा है। फिर वह व्यक्ति सुनार को उत्साहित कर रहा है। एक कारीगर हथौड़ें से धातु का पतरा बना रहा है। फिर वह कारीगर निहायी पर काम करनेवाले व्यक्ति को प्रेरित कर रहा है। यह अखिरी कारीगर कह रहा है, काम अच्छा है किन्तु यह धातु पिंड कहीं उखड़ न जाये। इसलिए इस मूर्ति को आधार पर कील से जड़ दों! उससे मूर्ति गिरेगी नहीं, वह कभी हिलडुल तक नहीं पायेगो।”

यहोवा ही हमारी रक्षा कर सकता है

यहोवा कहता है: “किन्तु तू इस्राएल, मेरा सेवक है।
    याकूब, मैंने तुझ को चुना है
    तू मेरे मित्र इब्राहीम का वंशज है।
मैंने तुझे धरती के दूर देशों से उठाया।
    मैंने तुम्हें उस दूर देश से बुलाया।
    मैंने कहा, ‘तू मेरा सेवक है।’
मैंने तुझे चुना है
    और मैंने तुझे कभी नहीं तजा है।

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