मत्ती 4:12-17
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
यीशु के कार्य का आरम्भ
(मरकुस 1:14-15; लूका 4:14-15)
12 यीशु ने जब सुना कि यूहन्ना पकड़ा जा चुका है तो वह गलील लौट आया। 13 परन्तु वह नासरत में नहीं ठहरा और जाकर कफरनहूम में, जो जबूलून और नप्ताली के क्षेत्र में गलील की झील के पास था, रहने लगा। 14 यह इसलिए हुआ कि परमेश्वर ने भविष्यवक्ता यशायाह के द्वारा जो कहा, वह पूरा हो:
15 “जबूलून और नपताली के देश
सागर के रास्ते पर, यर्दन नदी के पश्चिम में,
ग़ैर यहूदियों के देश गलील में।
16 जो लोग अँधेरे में जी रहे थे
उन्होंने एक महान ज्योति देखी
और जो मृत्यु की छाया के देश में रहते थे उन पर,
ज्योति के प्रभात का एक प्रकाश फैला।”(A)
17 उस समय से यीशु ने सुसंदेश का प्रचार शुरू कर दिया: “मन फिराओ! क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट है।”
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मत्ती 4:12-17
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
यीशु के कार्य का आरम्भ
(मरकुस 1:14-15; लूका 4:14-15)
12 यीशु ने जब सुना कि यूहन्ना पकड़ा जा चुका है तो वह गलील लौट आया। 13 परन्तु वह नासरत में नहीं ठहरा और जाकर कफरनहूम में, जो जबूलून और नप्ताली के क्षेत्र में गलील की झील के पास था, रहने लगा। 14 यह इसलिए हुआ कि परमेश्वर ने भविष्यवक्ता यशायाह के द्वारा जो कहा, वह पूरा हो:
15 “जबूलून और नपताली के देश
सागर के रास्ते पर, यर्दन नदी के पश्चिम में,
ग़ैर यहूदियों के देश गलील में।
16 जो लोग अँधेरे में जी रहे थे
उन्होंने एक महान ज्योति देखी
और जो मृत्यु की छाया के देश में रहते थे उन पर,
ज्योति के प्रभात का एक प्रकाश फैला।”(A)
17 उस समय से यीशु ने सुसंदेश का प्रचार शुरू कर दिया: “मन फिराओ! क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट है।”
Read full chapter© 1995, 2010 Bible League International