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एक ठु भजन: कोरह परिवार क एक ठु पद।

यहोवा महान अहइ।
    उ हमेसा मोर परमेस्सर क नगर मँ आपन पवित्तर पर्वत पइ बड़कई करत अहइ।
सिय्योन पर्वत असल मँ परमेस्सर क पवित्तर पर्वत बाटइ।
    इ महान राजा क नगर बाटइ।
समूचइ संसार क लोग हिआँ खुस रहत हीं
    काहेकि इ प्रसन्नता क सिखर पइ अहइँ।[a]
उ सहर क महलन मँ,
    परमेस्सर क सरणस्थल क नाउँ स जाना जात ह।
एक दाई कछू राजा आपुस मँ आइके मिलेन
    अउर उ पचे इ सहर पइ हमला करइ क कुचक्र रचेन।
सबहिं एक अउटिके चढ़ाई बरे अगवा बढ़ेन।
    राजा क लखिके उ सबइ सबहिं चकित भएन।
    ओनमाँ भगदड़ मची अउ उ सबइ सबहिं पराइ गएन।
ओनका डर दहबोच लिहस,
    उ सबइ डर स काँपि उठेन।
प्रचण्ड पुरवइया हवा
    ओनके जहाजन क चकनाचूर कइ दिहस।
हाँ, हम पचे तोहार प्रबलता क कहानी सुना ह।
    अउर हम पचे तउ ऍका सर्वसक्तिमान यहोवा क सहर मँ हमरे परमेस्सर क सहर मँ घटत भए भी लखा।
यहोवा उ सहर क हमेसा बरे सुदृढ़ बनाएस ह।

हे परमेस्सर, हम तोहरे मन्दिर मँ तोहरी पिरेम स भरी करुणा पइ विचार करित ह।
10 हे परमेस्सर, तू मसहूर अहा,
    लोग धरती पइ हर कहूँ तोहार स्तुति करत हीं।
    हर मनई जानत ह कि तू केतॅना भला अहा।
11 हे परमेस्सर, तोहरे उचित निआउ क कारण सिय्योन पर्वत खुस अहइ।
    अउर यहूदा क नगरियन आनन्द मनावत अहइँ।
12 सिय्योन क परिक्रमा करा।
    नगरी क दर्सन करा।
    तू मीनारन क लखा।
13 ऊँच चहरदीवारन क लखा।
    सिय्योन क महलन क सराहा,
    तबहिं तू आवइवाली पीढ़ी स ऍकर बखान कइ सकब्या।
14 सचमुच हमार परमेस्सर सदा सदा ही परमेस्सर रही।
    उ हमका सदा ही राह देखाई।
    ओकर कबहुँ भी अंत नाहीं होई।

Footnotes

  1. 48:2 सिय्योन पर्वत … अहइँ साब्दिक, “सिय्योन पर्वत सिफोन स बहोत दूर अहइ।” कनानी पौराणिक कथा क अनुसार, सिफोन कानियन बरे पवित्तर पर्वत बाटइ अउर ओकर देवता हुवाँ निवास करत हीं।