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गित्तिथ क वाद्य यंत्र क संग संगीत निर्देसक बरे कोरह क पूरन बरे भजन गीत।

सर्वसक्तिमान यहोवा, फुरइ तोहार पवित्तर मन्दिर केतॅना मनोहर अहइ।
मोर इच्छा अहइ कि मइँ यहोवा क मन्दिर क आंगन मँ रहेउँ।
    मइँ तोहार आवइ क बाट जोहत भए थक गवा हउँ।
मोर पूरा सरीर जिअत यहोवा क संग होइ बरे रोवत ह।
सर्वसक्तिमान यहोवा, मोर राजा, मोर परमेस्सर,
    गौरइया अउ सूपाबेनी तलक क आपन झोंझ होत हीं।
इ सबइ पंछी तोहरी बेदी क लगे झोंझ बनावत ही
    अउर ओनहीं घोसलन मँ ओनकइ बच्चे होत हीं।
जउन लोग तोहरे मन्दिर मँ रहत हीं, बहोत खुस रहत हीं।
    उ पचे तउ सदा ही तोहार गुन गावत हीं।

उ सबइ लोग आपन हिरदइ मँ गीतन क संग जउन तोहरे मन्दिर मँ आवत हीं,
    बहोतइ आनन्दित अहइँ।
उ सबइ खुस लोग बाका घाटि
    जेका परमेस्सर झरना क तरह बनाएस ह
    गुजरत हीं गर्मी क गिरत भइ बर्खा क बूँदन जल क सरोवर बनावत हीं।
लोग आपन परमेस्सर स मिलइ बरे सहर स सहर होत भए
    इ रास्ता पइ सिय्योन पहाड़ पइ जात हीं।

फउजन क परमेस्सर यहोवा, मोर पराथना सुना।
    याकूब क परमेस्सर तू मोर सुनि ल्या।

परमेस्सर, हमरे संरच्छक क रच्छा करा।
    आपन अभिसिक्त भए राजा पइ दयालु ह्वा
10 हे परमेस्सर, कहूँ अउर हजार दिन ठहरइ स
    तोहरे मन्दिर मँ एक दिन ठहरब उत्तिम अहइ।
दुट्ठ लोग क बीच बसइ स,
    आपन परमेस्सर क मन्दिर क दुआरे क लगे खड़ा रइहउँ इहइ उत्तिम बाटइ।
11 यहोवा हम लोगन क सूर्य अउर ढार अहइ।
    यहोवा महिमा अउ सम्मान देइ।
उ जउन खरी जिन्नगी गुजारत ह
    ओका उ हर एक नीक चीज देत ह।
12 हे सर्वसक्तिमान यहोवा,
    जउन लोग तोहरे भरोसे अहइँ उ पचे फुरइ बहोत खुस अहइँ।