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24-25 फिर वे यह कहते हुए प्रार्थना करने लगे, “हे प्रभु, तू सब के मनों को जानता है, हमें दर्शा कि इन दोनों में से तूने किसे चुना है। जो एक प्रेरित के रूप में सेवा के इस पद को ग्रहण करे जिसे अपने स्थान को जानने के लिए यहूदा छोड़ गया था।”

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24-25 फिर वे यह कहते हुए प्रार्थना करने लगे, “हे प्रभु, तू सब के मनों को जानता है, हमें दर्शा कि इन दोनों में से तूने किसे चुना है। जो एक प्रेरित के रूप में सेवा के इस पद को ग्रहण करे जिसे अपने स्थान को जानने के लिए यहूदा छोड़ गया था।”

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