निर्गमन 23:20-33
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
परमेश्वर इस्राएलियों को उनकी भूमि लेने में सहायता करेगा
20 परमेश्वर ने कहा, “मैं तुम्हारे सामने एक दूत भेज रहा हूँ। यह दूत तुम्हें उस स्थान तक ले जाएगा जिसे मैंने तुम्हारे लिए तैयार किया है। यह दूत तुम्हारी रक्षा करेगा। 21 दूत की आज्ञा मानो और उसका अनुसरण करो। उसके विरुद्ध विद्रोह न करो। वह दूत उन अपराधों को क्षमा नहीं करेगा जो तुम उसके प्रति करोगे। उसमें मेरी शक्ति निहित है। 22 वह जो कुछ कहे उसे मानो। तुम्हें हर एक वह कार्य करना चाहिए जो मैं तुम्हें कहता हूँ। यदि तुम यह करोगे तो मैं तुम्हारे साथ रहूँगा। मैं तुम्हारे सभी शत्रुओं के विरुद्ध होऊँगा और मैं उस हर व्यक्ति का शत्रु होऊँगा जो तुम्हारे विरुद्ध होगा।”
23 परमेश्वर ने कहा, “मेरा दूत तुम्हें इस देश से होकर ले जाएगा। वह तुम्हें कई भिन्न लोगों—एमोरी, हित्ती, परिज्जी, कनानी, हिब्बी और यबूसी के विरुद्ध कर देगा। किन्तु मैं उन सभी लोगों को नष्ट कर दूँगा।
24 “उनके देवताओं को मत पूजो। उन देवताओं को झूककर कभी प्रणाम मत करो। तुम उस ढंग से कभी न रहो जिस ढंग से वे रहते हैं। तुम्हें उनकी मूर्तियों को निश्चय ही नष्ट कर देना चाहिए और तुम्हें उनके प्रस्तर पिण्ड़ों को तोड़ देना चाहिए जो उन्हें उनके देवताओं को याद दिलाने में सहायता करती हैं। 25 तुम्हें अपने परमेश्वर यहोवा की सेवा करनी चाहिए। यदि तुम यह करोगे तो मैं तुम्हें भरपूर रोटी और पानी का वरदान दूँगा। मैं तुम्हारी सारी बीमारियो को दूर कर दूँगा। 26 तुम्हारी सभी स्त्रियाँ बच्चों को जन्म देने लायक होंगी। जन्म के समय उनका कोई बच्चा नहीं मरेगा और मैं तुम लोगों को भरपूर लम्बा जीवन प्रदान करूँगा।
27 “जब तुम अपने शत्रुओं से लड़ोगे, मैं अपनी प्रबल शक्ति तुमसे भी पहले वहाँ भेज दूँगा।[a] मैं तुम्हारे सभी शत्रुओं के हराने में तुम्हारी सहायता करूँगा। वे लोग जो तुम्हारे विरुद्ध होंगे वे युद्ध में घबरा कर भाग जाएंगे। 28 मैं तुम्हारे आगे—आगे बर्रे भेजूँगा वह तुम्हारे शत्रुओं को भागने के लिए विवश करेंगे। हिब्बी, कनानी और हित्ती लोग तुम्हारा प्रदेश छोड़ कर भाग जाएंगे। 29 किन्तु मैं उन लोगों को तुम्हारे प्रदेश से बाहर जाने को शीघ्रतापूर्वक विवश नहीं करूँगा। मैं यह केवल एक वर्ष में नहीं करुँगा। यदि मैं लोगों को अति शीघ्रता से बाहर जाने को विवश करूँ तो प्रदेश ही निर्जन हो जाए। तब सभी प्रकार के जंगली जानवर बढ़ेंगे और वे तुम्हारे लिए बहुत कष्टकर होंगे। 30 मैं उन्हें धीरे और उस समय तक बाहर खदेड़ता रहूँगा जब तक तुम उस धरती पर फैल न जाओ और उस पर अधिकार न कर लो।
31 “मैं तुम लोगों को लाल सागर से लेकर फरात तक का सारा प्रदेश दूँगा। पश्चिमी सीमा पलिश्ती सागर (भूमध्य सागर) होगा और पूर्वी सीमा अरब मरुभूमि होगी। मैं ऐसा करूँगा कि वहाँ के रहने वालों को तुम हराओ। और तुम इन सभी लोगों को वहाँ से भाग जाने के लिए विवश करोगे।
32 “तुम उनके देवताओं या उन लोगों में से किसी के साथ कोई समझौता नहीं करोगे। 33 उन्हें अपने देश में मत रहने दो। यदि तुम उन्हें रहने दोगे तो तुम उनके जाल में फँस जाओगे। वे तुमसे मेरे विरुद्ध पाप करवाएंगे और तुम उनके देवताओं की सेवा आरम्भ कर दोगे।”
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- 23:27 मैं … दूँगा या मेरी शक्ति का समाचार तुमसे पहले पहुँच जाएगा और तुम्हारे शत्रु डर जाएंगे।
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