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डेरे की व्यवस्था

यहोवा ने मूसा और हारून से कहाः “इस्राएल के लोगों को मिलापवाले तम्बू के चारों ओर अपने डेरे लगाने चाहिए। हर एक समुदाय का अपना विशेष झण्डा होगा और हर एक व्यक्ति को अपने समूह के झण्डे के पास अपना डेरा लगाना चाहिए।

“यहूदा के डेरे का झण्डा पूर्व में होगा, जहाँ सूरज निकलता है। यहुदा के लोग वहीं डेरा लगाएंगे। यहूदा के लोगों का नेता अम्मीनादाब का पुत्र नहशोन है। इस समूह में चौहत्तर हजार छः सौ पुरुष थे।

“इस्साकार का परिवार समूह यहूदा के लोगों के ठीक बाद में होगा। इस्साकार के लोगों का नेता सूआर का पुत्र नतनेल है। इस समूह में चौवन हजार चार सौ पुरुष थे।

“जबूलून का परिवार समूह भी यहूदा के परिवार समूह से ठीक बाद में अपना डेरा लगाएगा। जबूलून के लोगों नेता हेलोन का पुत्र एलीआब है। इस समूह में सत्तावन हजार चार सौ पुरुष थे।

“यहूदा के डेरे में एक लाख छियासी हजार चार सौ पुरुष थे। ये सभी अपने अलग अलग परिवार समूह में बंटे हुए हैं। यहूदा पहला समूह होगा जो उस समय आगे चलेगा जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करेंगे।

10 “रूबेन का झण्डा पवित्र तम्बू के दझिण में होगा। हर एक समूह अपने झण्डे के पास आपना डेरा लगाएगा। रूबेन के लोगों का नेता शदेऊर का पुत्र एलीसूर है। 11 इस समूह में छियालीस हजार पाँच सौ पुरुष थे।

12 “शिमोन का परिवार समूह रुबेन के परिवार समूह के ठीक बाद अपना डेरा लगाएगा। शिमोन के लोगों का नेता सूरीशद्दै का पुत्र शलूमीएल है। 13 इस समूह में उनसठ हजार तीन सौ पुरुष थे।

14 “गाद का परिवार समूह भी रूबेन के लोगों के ठीक बाद अपना डेरा लगाएगा। गाद के लोगों का नेता रूएल का पुत्र एल्यासाप है। 15 इस समूह में पैंतालीस हजार चार सौ पचास पुरुष थे।

16 “रूबेन के डेरे में सभी समूहों के एक लाख इकयावन हजार चार सौ पचास पुरुष थे। रूबेन का डेरा दूसरा समूह होगा जो उस समय चलेगा जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करेंगे।

17 “जब लोग यात्रा करेंगे तो लेवी का डेरा ठीक उसके बाद चलेगा। मिलापवाला तम्बू दूसरे अन्य डेरों के बीच उनके साथ रहेगा। लोग अपने डेरे उसी क्रम में लगाएंगे जिस क्रम में वे चलेंगे। हर एक व्यक्ति अपने परिवार के झण्डे के साथ रहेगा।

18 “एप्रैम का झण्डा पश्चिम की ओर रहेगा। एप्रैम के परिवार के समूह वहीं डेरा लगाएंगे। एप्रैम के लोगों का नेता अम्मीहूद का पुत्र एलीशामा है। 19 इस समूह में चालीस हजार पाँच सौ पुरुष थे।

20 “मनश्शे का परिवार समूह एप्रैम के परिवार के ठीक बाद अपना डेरा लगाएगा। मनश्शे के लोगों का नेता पदासूर का पुत्र गम्लीएल है। 21 इस समूह में बत्तीस हजार दो सौ पुरुष थे।

22 “बिन्यामीन का परिवार समूह भी एप्रैम के परिवार के ठीक बाद अपन डेरा लगाएगा। बिन्यामीन के लोगों का नेता गिदोनी का पुत्र अबीदान है। 23 इस समूह में पैंतीस हजार चार सौ पुरुष थे।

24 “एप्रैम के डेरे में एक लाख आठ हजार एक सौ पुरुष थे। यह तीसरा परिवार होगा जो तब चलेगा जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करेंगे।

25 “दान के डेरे का झण्डा उत्तर की ओर होगा। दान के परिवार का समूह वहीं डेरा लगाएगा। दान के लोगों का नेता अम्मीशद्दै का पुत्र अहीऐजेर है। 26 इस समूह में बासठ हजार सात सौ पुरुष थे।

27 “आशेर का परिवार समूह दान के परिवार समुह के ठीक बाद अपना डेरा लगाएगा। आशेर के लोगों का नेता ओक्रान का पुत्र पगीएल है। 28 इस समूह के एकतालीस हजार पाँच सौ पुरुष थे।

29 “नप्ताली का परिवार समूह भी दान के परिवार समूह के ठीक बाद अपने डेरे लगाएगा। नप्ताली के लोगों का नेता एनान का पुत्र अहीरा है। 30 इस समूह में तिरपन हजार चार सौ पुरुष थे।

31 “दान के डेरे में एक लाख सत्तावन हजार छः सौ पुरुष थे। जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करेंगे तो यह चलने वाला आखिरी परिवार होगा। ये अपने झण्डे के नीचे अपना डेरा लगाएंगे।”

32 इस प्रकार ये इस्राएल के लोग थे। वे परिवार के अनुसार गिने गये थे। सभी डेरों में अलग—अलग समूहों के सभी परिवारों के पुरुषों की समूची संख्या थी छः लाख तीन हजार पाँच सौ पचास। 33 मूसा ने इस्राएल के अन्य लोगों में लेवीवंश के लोगों को नहीं गिना। यह यहोवा का आदेश था।

34 यहोवा ने मूसा को जो कुछ करने को कहा उस सबका पालन इस्राएल के लोगों ने किया। हर एक समूहों ने अपने झण्डों के नीचे अपने डेरे लगाए और हर एक व्यक्ति अपने परिवार और अपने परिवार समूह के साथ रहा।

हारून का याजक परिवार

जिस समय यहोवा ने सीनै पर्वत पर मूसा से बात की, उस समय हारून और मूसा के परिवार का इतिहास यह है।

हारून के चार पुत्र थे। नादाब पहलौठा पुत्र था। उसके बाद अबीहू, एलीआजार और ईतामार थे। ये पुत्र चुने हुए याजक थे। इन्हें याजक के रूप में यहोवा की सेवा का विशेष कार्य सौंपा गया था। किन्तु नादाब और अबीहू यहोवा की सेवा करते समय पाप करने के कारण मर गए। उन्होंने यहोवा को भेंट चढ़ाई, किन्तु उन्होंने उस आग का उपयोग किया जिसके लिए यहोवा ने आज्ञा नहीं दी थी। इस प्रकार नादाब और अबीहू वहीं सीनै की मरुभूमि में मर गए। उनके पुत्र नहीं थे, अतः एलीआज़ार और ईतामार याजक बने और यहोवा की सेवा करने लगे। वे यह उस समय तक करते रहे जब तक उनका पिता हारून जीवित था।

लेवीवंशी—याजकों के सहायक

यहोवा ने मूसा से कहा, “लेवी के परिवार समूह के सभी लोगों को याजक हारून के सामने लाओ। वे लोग हारून के सहायक होंगे। लेवीवंशी हारून की उस समय सहायता करेंगे जब वह मिलाप वाले तम्बू में सेवा करेगा और लेवीवंशी इस्राएल के सभी लोगों की इस समय सहा। ता करेंगे जिस समय वे पवित्र तम्बू में उपासना करने आएंगे। इस्राएल के लोग मिलापवाले तम्बू की हर एक चीज की रक्षा करेंगे, यह उनका कर्तव्य है। किन्तु इन चीजों की देखभाल करके ही लेवीवंश के लोग इस्राएल के लोगों की सेवा करेंगे। पवित्र तम्बू में उपासना करने की उनकी यही पद्धति होगी।

“इस्राएल के सभी लोगों में से लेवीवंशी चुने गए थे। ये लेवी, हारून और उसके पुत्रों की सहायता के लिए चुने गए थे।

10 “तुम हारून और उसके पुत्रों को याजक नियुक्त करोगे। वे अपना कर्तव्य पूरा करेंगे और याजक के रूप में सेवा करेंगे। कोई अन्य व्यक्ति जो पवित्र चीज़ों के समीप आने का प्रयत्न करता है,[a] मार दिया जाना चाहिए।”

11 यहोवा ने मूसा से यह भी कहा, 12-13 “मैंने तुमसे कहा कि इस्राएल का हर एक परिवार अपना पहलौठा पुत्र मुझ को देगा, किन्तु अब मैं लेवीवंश को अपनी सेवा के लिए चुन रहा हूँ। वे मेरे होंगे। अतः इस्राएल के सभी अन्य लोगों को अपना पहलौठा पुत्र मुझको नहीं देना पड़ेगा। जब तुम मिस्र में थे, मैंने मिस्र के लोगों के पहलोठों को मार डाला था। उस समय मैंने इस्राएल के सभी पहलौठों को अपने लिए लिया। सकभी पहलौठे बच्चे और सभी पहलौठे जानवर मेरे हैं। किन्तु अब मैं तुम्हारे पहलौठे बच्चों को तुम्हें वापस करता हूँ और लेवीवंश को अपना बनाता हूँ। मैं यहोवा हूँ।”

14 यहोवा ने फिर सीनै की मरुभूमि में मूसा से बात की। यहोवा ने कहा, 15 “लेवीवंश के सभी परिवार समुहों और परिवारों को गिनो। प्रत्येक पुरुष या लड़कों को जो एक महीने या उससे अधिक के हैं, उनको गीनो।” 16 अतः मूसा ने यहोवा की आज्ञा मानी। उसने उन सभी को गिना।

17 लेवी के तीन पुत्र थेः उनके नाम थेः गेर्शोन, कहात और मरारी।

18 हर एक पुत्र परिवार समूहों का नेता था।

गेर्शोन के परिवार समूह थेः लिब्नी और शिमी।

19 कहात के परिवार समूह थेः अम्राम, यिसहार, हेब्रोन, उज्जीएल।

20 मरारी के परिवार समूह थेः महली और मूशी।

ये ही वे परिवार थे जो लेवी के परिवार समूह से सम्बन्धित थे।

21 लिब्नी और शिमियों के परिवार गेर्शोन के परिवार समूह से सम्बन्धित थे। वे गेर्शोनवंशी परिवार समूह थे। 22 इन दोनों परिवार समूहों में एक महीने से अधिक उम्र के लड़के या पुरुष सात हजार पाँच सौ थे। 23 गेर्शोन वंश के परिवार समूहों को पश्मि में डेरा लगाने के लिये कहा गया। उन्होंने पवित्र तम्बू के पीछे अपना डेरा लगाया। 24 गेर्शोन वंश के परिवार समूहों का नेता लाएल का पुत्र एल्यासाप था। 25 मिलापवाले तम्बू में गेर्शोन वंशी लोग पवित्र तम्बु, आच्छादन और बाहरी तम्बू की देखभाल का कार्य करने वाले थे। वे मिलापवाले तम्बू के प्रवेश द्वार के पर्दे कि भी देखभाल करते थे। 26 वे आँगन के पर्दे की देखभाल करते थे। वे आँगन के द्वार के पर्दो की भी देखभाल करते थे। यह आँगन पवित्र तम्बू और वेदी के चारों ओर था। वे रस्सियों और पर्दे के लिए काम में आने वाली हक एक चीज़ की देखभाल करते थे।

27 अम्रामियों, यिसहारियों, हेब्रोनियों और उज्जीएल के परिवार कहात के परिवार से सम्बन्धित थे। वे कहात परिवार समूह के थे। 28 इस परिवार समूह में एक महीने या उससे अधिक उम्र के लड़के और पुरूष आठ हजार छः सौ थे। कहात वंश के लोगों को पवित्र स्थान की देखभाल का कार्य सौंपा गया। 29 कहात के परिवार समूहों को “पवित्र तम्बू” के दक्षिण का क्षेत्र दिया गया। यह वह क्षेत्र था जहाँ उन्होंने डेरे लगाए। 30 कहात के परिवार समूह का नेता उज्जीएल का पुत्र एलीसापान था। 31 उनका कार्य पवित्र सन्दूक, मेज, दीपाधार, वेदियों और पवित्र स्थान के उपकरणों की देखभाल करना था। वे पर्दे और उनके साथ उपयोग में आने वाली सभी चीजों की भी देखभाल करते थे।

32 लेवीवंश के प्रमुखों का नेता हारून का पुत्र एलीआजार था। वह याजक था एलीआजार पवित्र चीज़ों की देखभाल करने वाले सभी लोगों का अधीक्षक था।

33-34 महली और मूशियों के परिवार समूह मरारी परिवार से सम्बन्धित थे। एक महीने या उससे अधिक उम्र के लड़के और पुरुष महली परिवार समूह में छः हजार दो सौ थे। 35 मरारी समूह का नेता अबीहैल का पुत्र सूरीएल था। इस परिवार समूह को पवित्र तम्बू के उत्तर का क्षेत्र दिया गया था। यही वह क्षेत्र है जहाँ उन्होंने डेरा लगाया। 36 मरारी लोगों को पवित्र तम्बू के ढाँचे की देखभाल का कार्य सौंपा गया। वे सभी छड़ों, खम्बों, आधारों और पवित्र तम्बू के ढाँचे में जो कुछ लगा था, उन सब की दखभाल करते थे। 37 पवित्र तम्बू के चारों ओर के आँगन के सभी खम्भों की भी देखभाल किया करते थे। इनमें सभी आधार, तम्बू की खूटियाँ और रस्सियाँ शामिल थीं।

38 मूसा, हारून और उसके पुत्रों ने मिलापवाले तम्बू के सामने पवित्र तम्बू के पूर्व में अपने डेरे लगाए। उन्हें पवित्र स्थान की देखभाल का काम सौंपा गया। उन्होंने यह इस्राएल के सभी लोगों के लिए किया। कोई दूसरा व्यक्ति जो पवित्र स्थान के समीप आता, मार दिया जाता था।

39 यहोवा ने लेवी परिवार समूह के एक महीने या उससे अधिक उम्र के लड़कों और पुरुषों को गिनने का आदेश दिया। सारी संख्या बाइस हजार थी।

लेवीवंशी पहलौठे पुत्र का स्थान लेते हैं

40 यहोवा ने मूसा से कहा, “इस्राएल में सभी एक महीने या उससे अधिक उम्र के पहलौठे लड़के और पुरुषों को गिनो। उनके नामों की एक सूची बनाओ। 41 अब मैं इस्राएल के सभी पहलौठे लड़कों और पुरुषों को नहीं लूँगा। अब मैं अर्थात् यहोवा लेवीवंशी को ही लूँगा। इस्राएल के अन्य सभी लोगों के पहलौठे जानवरों को लेने के स्थान पर अब मैं लेवीवंशी के लोगों के पहलौठे जानवरों को ही लूँगा।”

42 इस प्रकार मूसा ने वह किया जो यहोवा ने आदेश दिया। मूसा ने इस्राएल के पहलौठी सारी सन्तानों को गिना। 43 मूसा ने सभी पहलौठे एक महीने या उससे अधिक उम्र के लड़कों और पुरुषों की सूची बनाई। उस सूची में बाइस हजार दो सौ तिहत्तर नाम थे।

44 यहोवा ने मूसा से यह भी कहा, 45 “मैं अर्थात् यहोवा यह आदेश देता हुँ: इस्राएल के अन्य परिवारों के पहलौठे पुरुषों के स्थान पर लेवीवंशी के लोगों को लो और मैं अन्य लोगों के जानवरों के स्थान पर लेवीवंश के जानवरों को लूँगा। लेवीवंशी मेरे हैं। 46 लेवीवंश के लोग बाइस हजार हैं और अन्य परिवारों के बाइस हजार दो सौ तिहत्तर पहलौठे पुत्र हैं। इस प्रकार केवल दो सौ तिहत्तर पहलौठे पुत्र लेवीवंश के लोगों से अधिक हैं। 47 इसलिए पहलौठे दो सौ तिहत्तर पुत्रों में से हर एक के लिए पाँच शेकेल[b] चाँदी दो। यह चाँदी इस्राएल के लोगों से इकट्ठा करो। 48 वह चाँदी हारून और उसके पुत्रों को दो। यह एस्राएल के दो सौ तिहत्तर लोगों के लिए भुगतान है।”

49 मूसा ने दो सौ तिहत्तर लोगों के लिए धन इकट्ठा किया। क्योंकि यहाँ इतने लेवी नहीं थे जो दूसरे परिवार समूह के दो सौ तिहत्तर पहलौठों की जगह ले सकें। 50 मूसा ने इस्राएल के पहलौठे लोगों से चाँदी इकट्ठा की। उसने एक हजार तीन सौ पैंसठ शेकेल चाँदी “अधिकृत भार” का उपयोग करके इकट्ठा की। 51 मूसा ने यहोवा की आज्ञा मानी। मूसा ने यहोवा के आदेश के अनुसार वह चाँदी हारून और उसके पुत्रों को दी।

Footnotes

  1. 3:10 कोई … करता है या, “याजक के रूप में सेवा करना चाहता है।”
  2. 3:47 पाँच शेकेल या, “दो औंस।”