गिनती 16-19
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
कोरह, दातान और अबीराम मूसा के विरुद्ध हो जाते हैं
16 कोरह दातान, अबीराम और ओन मूसा के विरुद्ध हो गए। (कोरह यिसहार का पुत्र था। यिसहार कहात का पुत्र था, और कहात लेवी का पुत्र था। एलीआब के पुत्र दातान और अबीराम भाई थे और ओन पेलेत का पुत्र था। दातान, अबीराम और ओन रूबेन के वंशज थे।) 2 इन चार व्यक्तियों ने इस्राएल के दो सौ पचास व्यक्तियो को एक साथ इकट्ठा किया और ये मूसा के विरुद्ध आए। ये दो सौ पचास इस्राएली व्यक्ति लोगों में आदरणीय नेता थे। वे समिति के सदस्य चुने गए थे। 3 वे एक समूह के रूप में मूसा और हारून के विरुद्ध बात करने आए। इन व्यक्तियों ने मूसा और हारून से कहा, “हम उससे सहमत नहीं जो तुमने किया है। इस्राएली समूह के सभी लोग पवित्र हैं। यहोवा उनके साथ है। तुम अपने को सभी लोगों से ऊँचे स्थान पर क्यों रख रहे हो”
4 जब मूसा ने यह बात सुनी तो वह भूमि पर गिर गया। 5 तब मूसा ने कोरह और उसके अनुयायियों से कहा, “कल सवेरे यहोवा दिखाएगा कि कौन व्यक्ति सचमुच उसका है। यहोवा दिखाएगा कि कौन व्यक्ति सचमुच पवित्र है और यहोवा उसे अपने समीप ले जाएगा। यहोवा उस व्यक्ति को चुनेगा और यहोवा उस व्यक्ति को अपने निकट लेगा। 6 इसलिए कोरह, तुम्हें और तुम्हारे सभी अनुयायियों को यह करना चाहिएः 7 किसी विशेष अग्निपात्र में आग और सुगन्धित धूप रखो। तब उन पात्रों को यहोवा के सामने लाओ। यहोवा एक पुरुष को चुनेगा जो सचमुच पवित्र होगा। किन्तु मुझे डर है कि तुमने और तुम्हारे लेवीवंशी भाईयों ने सीमा का अतिक्रमण किया है।”
8 मूसा ने कोरह से यह भी कहा, “लेविवंशियो! मेरी बात सुनो। 9 तुम लोगों को प्रसन्न होना चाहिए कि इस्राएल के परमेश्वर ने तुम लोगों को अलग और विशेष बनाया है। तुम लोग बाकी इस्राएली लोगों से भिन्न हो। यहोवा ने तुम्हें अपने समीप लिया जिससे तुम यहोवा की उपासना में इस्राएल के लोगों की सहायता के लिए यहोवा के पवित्र तम्बू में विशेष कार्य कर सको। क्या यह पर्याप्त नहीं है? 10 यहोवा ने तुम्हें और अन्य सभी लेवीवंश के लोगों को अपने समीप लिया है। किन्तु अब तुम याजक भी बनना चाहते हो। 11 तुम और तुम्हारे अनुयायी परस्पर एकत्र होकर यहोवा के विरोध में आए हो। क्या हारून ने कुछ बुरा किया है? नहीं। तो फिर उसके विरुद्ध शिकायत करने क्यों आए हो?”
12 तब मूसा ने एलीआब के पुत्रों दातान और अबीराम को बुलाया। किन्तु दोनों आदमियों ने कहा, “हम लोग नहीं आएंगे! 13 तुम हमें उस देश से बाहर निकाल लाए हो जो सम्पन्न था और जहाँ दूध और मधु की नदियाँ बहती थीं। तुम हम लोगों को यहाँ मरुभूमि में मारने के लिए लाए हो और अब तुम दिखाना चाहते हो कि तुम हम लोगों पर अधिक अधिकार भी रखते हो। 14 हम लोग तुम्हारा अनुसरण क्यों करें? तुम हम लोगों को उस नये देश में नहीं लाए हो जो सम्पन्न है और जिसमें दूध और मधु की नदियाँ बहती हैं। तुमने हम लोगों को वह देश नहीं दिया है जिसे देने का वचन यहोवा ने दिया था। तुमने हम लोगों को खेत या अंगूर के बाग नहीं दिये हैं। क्या तुम इन लोगों को अपना गुलाम बनाओगे? नहीं! हम लोग नहीं आएंगे।”
15 इसलिए मूसा बहुत क्रोधित हो गया। उसने यहोवा से कहा, “इनकी भेंटें स्वीकार न कर! मैंने इनसे कुछ नहीं लिया है एक गधा तक नहीं और मैंने इनमें से किसी का बुरा नहीं किया है।”
16 तब मूसा ने कोरह से कहा, “तुम्हें और तुम्हारे अनुयायियों को कल यहोवा के सामने खड़ा होना चाहिए। हारून तुम्हारे साथ यहोवा के सामने खड़ा होगा। 17 तुम में से हर एक को एक अग्निपात्र लेना चाहिए और उसमें धूप रखनी चाहिए। ये दो सौ पचास अग्निपात्र प्रमुखों के लिये होंगे। हर एक अग्निपात्र को यहोवा के सामने ले जाओ। तुम्हें और हारून को अपने अग्निपात्रों को यहोवा के सामने ले जाना चाहिए।”
18 इसलिए हर एक व्यक्ति ने एक अग्निपात्र लिया और उसमें जलती हुई धूप रखी। तब वे मिलापवाले तम्बू के द्वार पर खड़े हुए। मूसा और हारुन भी वहाँ खड़े हुए। 19 कोरह ने अपने सभी अनुयायियों को एक साथ इकट्ठा किया। ये वे व्यक्ति हैं जो मूसा और हारून के विरुद्ध हो गए थे। कोरह ने उन सभी को मिलावाले तम्बू के द्वार पर इकट्ठा किया। तब यहोवा का तेज वहाँ हर एक व्यक्ति पर प्रकट हुआ।
20 यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, 21 “इन पुरुषों से दूर हटो! मैं अब उन्हें नष्ट करना चाहता हूँ!”
22 किन्तु मूसा और हारून भूमि पर गिर पड़े और चिल्लाए, “हे परमेश्वर, तू जानता है कि लोग क्या सोच रहे हैं। कृपा करके इस पूरे समूह पर क्रोधित न हो। एक ही व्यक्ति ने सचमुच पाप किया है।”
23 तब यहोवा ने मूसा से कहा, 24 “लोगों से कहो कि वे कोरह दातान और अबीराम के डेरों से दूर हट जाएं।”
25 मूसा खड़ा हुआ और दातान और अबिराम के पास गया। इस्राएल के सभी अग्रज (नेता) उसके पीछे चले। 26 मूसा ने लोगों को चेतावनी दी, “इन बुरे आदमियों के डेरों से दूर हट जाओ। इनकी किसी चीज को नो छुओ! यदि तुम लोग छूओगे तो इनके पापों के कारण नष्ट हो जाओगे।”
27 इसलिए लोग कोरह, दातान और अबीराम के तम्बुओं से दूर हट गए। दातान और अबीराम अपने डेरे के बाहर अपनी पत्नी, बच्चे और छोटे शिशुओं के साथ खड़े थे।
28 तब मूसा ने कहा, “मैं प्रमाण प्रस्तुत करूँगा कि यहोवा ने मुझे उन चीज़ों को करने के लिए भेजा है जो मैंने तुमको कहा है। मैं दिखाऊँगा कि वे सभी मेरे विचार नहीं थे। 29 ये पुरुष यहाँ मरेंगे। किन्तु यदि ये सामान्य ढंग से मरते हैं अर्थात् जिस प्रकार आदमी सदा मरते हैं तो यह प्रकट करेगा कि यहोवा ने वस्तुतः मुझे नहीं भेजा है। 30 किन्तु यदि यहोवा इन्हें दूसरे ढंग अर्थात् कुछ नये ढंग से मरने देता है तो तुम लोग जानोगे कि इन व्यक्तियों ने सचमुच यहोवा के विरुद्ध पाप किया है। पृथ्वी फटेगी और इन व्यक्तियों को निगल लेगी। वे अपनी कब्रों में जीवित ही जाएंगे और इनकी हर एक चीज इनके साथ नीचे चली जाएगी।”
31 जव मूसा ने इन बातों का कहना समाप्त किया, व्यक्तियों के पैरों के नीचे पृथ्वी फटी। 32 यह ऐसा था मानों पृथ्वी ने अपना मुँह खोला ओ इन्हें खा गई और उनके सारे परिवार और कोरह के सभी व्यक्ति तथा उनकी सभी चीजें पृथ्वी में चली गईं। 33 वे जीवित ही कब्र में चले गए। उनकी हर एक चीज उनके साथ गई। तब पृथ्वी उनके ऊपर से बन्द हो गई। वे नष्ट हो गए और वे उस डेरे से लुप्त गो गए।
34 इस्राएल के लोगों ने नष्ट किये जाते हुए लोगों का रोना चिल्लाना सुना। इसलिए वे चारों ओर दौड़ पड़े और कहने लगे, “पृथ्वी हम लोगों को भी निगल जाएगी।”
35 तब यहोवा से आग आई और उसने दो सौ पचास पुरुषों को, जो सुगन्धि भेंट कर रहे थे, नष्ट कर दिया।
36 यहोवा ने मूसा से कहा, 37-38 “हारून के पुत्र याजक एलीआजार से कहो कि वह आग में से सुगन्धि के पात्रों को एकत्र करे। डेरे से दूर के क्षेत्र में उन कोयलों को फैलाओ। सुगन्धि के बर्तन अब भी पवित्र हैं। ये वे पात्र हैं जो उन व्यक्तियों के हैं जिन्होंने मेरे विरुद्ध पाप किया था। उनके पाप का मूल्य उनका जीवन हुआ। बर्तनों को पीट कर पत्तरों में बदलो। इन धातुओं के पत्तरों का उपयोग वेदी को ढकने के लिए करो। वे पवित्र थे क्योंकि उन्हें यहोवा के सामने प्रस्तुत किया गया था। उन चपटे बर्तनों को इस्राएल के सभी लोगों के लिए चेतावनी बनने दो।”
39 तब याजक एलीआजार ने काँसे के उन सभी बर्तनों को इकट्ठा किया जिन्हें वे लोग लाए थे। वे सभी व्यक्ति जल गए थे, किन्तु बर्तन तब भी वहाँ थे। तब एलीआज़ार ने कुछ व्यक्तियों को बर्तनों को, चपटी धातु के रूप में पीटने को कहा। तब उसने धातु की चपटी चादरों को वेदी पर रखा। 40 उसने इसे वैसे ही किया जैसा यहोवा ने मूसा के द्वारा आदेश दिया था। यह संकेत था कि जिससे इस्राएल के लोग याद रख सकें कि केवल हारून के परिवार के व्यक्ति को यहोवा के सामने सुगन्धि भेंट करने का अधिकार है। यदि कोई अन्य व्यक्ति यहोवा के सामने सुगन्धि जलाता है तो वह व्यक्ति कोरह और उसके अनुयायियों की तरह हो जाएगा।
हारून लोगों की रक्षा करता है
41 अगले दिन इस्राएल के लोगों ने मूसा और हारून के विरुद्ध शिकायत की। उन्होंने कहा, “तुमने यहोवा के लोगों को मारा है।”
42 मूसा और हारून मिलापवाले तम्बू के द्वार पर खड़े थे। लोग उस स्थान पर मूसा और हारून की शिकायत करने के लिए इकट्ठा हुए। किन्तु जब उन्होंने मिलापवाले तम्बू को देखा तो बादल ने उसे ढक लिया और वहाँ यहोवा का तेज प्रकट हुआ। 43 तब मूसा और हारून मिलापवाले तम्बू के सामने गए।
44 तब यहोवा ने मूसा से कहा, 45 “उन लोगों से दूर हट जाओ जिससे मैं उन्हें अब नष्ट कर दूँ।” मूसा और हारुन धरती पर गिर पड़े।
46 तब मूसा ने हारून से कहा, “वेदी की आग और अपने काँसे के बर्तन को लो। तब इसमें सुगन्धि डालो। लोगों के समूह के पास शीघ्र जाओ और उनके पाप के लिए भुगतान करो। यहोवा उन पर क्रोधित है। परेशानी आरम्भ हो चुकी है।”
47 इसलिए, हारून ने मूसा के कथनानुसार काम किया। सुगन्धि और आग को लेने के बाद वह लोगों के बीच दौड़कर पहुँचा। किन्तु लोगों में बीमारी पहले ही आरम्भ हो चुकी थी। हारून ने लोगों के भुगतान के लिए सुगन्धि की भेंट दी। 48 हारून मरे हुए और जीवित लोगों में खड़ा हुआ और तब बीमारी रूक गई। 49 किन्तु इसके पहले कि हारून उनके पापों के लिए भुगतान करे, चौदह हजार सात सौ लोग उस बीमारी से मर गए। तब यहोवा ने इसे रोका। वहाँ ऐसे लोग भी थे जो कोरह के कारण मरे। 50 तब हारून मिलापवाले तम्बू के द्वार पर मूसा के पास लौटा। लोगों की भयंकर बीमारी रोक दी गई।
परमेश्वर प्रमाणित करता है कि हारून महायाजक है
17 यहोवा ने मूसा से कहा, 2 “इस्राएल के लोगों से कहो। अपने लोगों से बारह लकड़ी की छड़ियाँ लें। बारह परिवार समूहों में हर एक के नेता से एक छड़ी लो। हर एक व्यक्ति की छड़ी पर उसका नाम लिख दो। 3 लेवी की छड़ी पर हारून का नाम लिखो। बारह परिवार समूहों के हर एक मुखिया की छड़ी होनी चाहिए। 4 इन छड़ियों को साक्षीपत्र के सन्दूक के सामने मिलापवाले तम्बू में रखो। यही वह स्थान है जहाँ मैं तुमसे मिलता हूँ। 5 मैं एक व्यक्ति को चुनूँगा। तुम जान जाओगे कि किस व्यक्ति को मैंने चुना है। क्योंकि उस छड़ी में नयी पत्तियाँ उगनी आरम्भ होंगी। इस प्रकार, मैं लोगों को अपने और तुम्हारे विरुद्ध सदा शिकायत करने से रोक दूँगा।”
6 इसलिए मूसा ने इस्राएली लोगों से बातें कीं। प्रत्येक नेता ने उसे एक छड़ी दी। सारी छड़ियों की संख्या बारह थी। हर एक परिवार समूह के नेता की एक छड़ी उसमें थी। हारून की छड़ी उनमें थी। 7 मूसा ने साक्षी के मिलापवाले तम्बू में यहोवा के सामने छड़ियों को रखा।
8 अगले दिन मूसा ने तम्बू में प्रवेश किया। उसने देखा कि हारून की वह छड़ी, जो लेवीवंश की थी, एक मात्र ऐसी थी जिससे नयी पत्तियाँ उगनी आरम्भ हुई थीं। उस छड़ी में कलियाँ, फूल और बादाम भी लग गए थे। 9 इसलिए मूसा यहोवा के स्थान से सभी छड़ियों को लाया। मूसा ने इस्राएल के लोगों को छड़ियाँ दिखाईं। उन सभी ने छड़ियों को देखा और हर एक पुरुष ने अपनी छड़ी वापस ली।
10 तब यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून की छड़ी को तम्बू में रख दो। यह उन लोगों के लिए चेतावनी होगी जो सदा मेरे विरुद्ध जाते हैं। यह उनकी मेरे विरुद्ध शिकायतों को रोकेगा। इस प्रकार वे नहीं मरेंगे।” 11 मूसा ने उन आदेशों का पालन किया जो यहोवा ने दिए थे।
12 इस्राएल के लोगों ने मूसा से कहा, “हम जानते हैं कि हम मरेंगे! हमें नष्ट होना ही है! हम सभी को नष्ट होना ही है! 13 कोई व्यक्ति यहोवा के पवित्र तम्बू के निकट आने पर भी मरेगा। क्या हम सभी मर जाएंगे?”
याजकों और लेवीवंशियों के कार्य
18 यहोवा ने हारून से कहा, “तुम, तुम्हारे पुत्र और तुम्हारे पिता का परिवार अब किसी भी बुराई के लिए उत्तरदायी है जो पवित्र स्थान के विरुद्ध की जाएंगी। तुम और तुम्हारे पुत्र उन बुराइयों के लिए उत्तरदायी होगे जो याजकों के विरुद्ध होंगी। 2 अन्य लेविवंशी लोगों को अपना साथ देने के लिए अपने परिवार समूह से लाओ। वे तुम्हारी और तुम्हारे पुत्रों की सहायता साक्षी के पवित्र तम्बू के कार्यों को करने में करेंगे। 3 लेवी परिवार के वे लोग तुम्हारे अधीन हैं। वे उन सभी कार्यों को करेंगे जिन्हें तम्बू में किया जाना है। किन्तु उन्हें वेदी या पवित्र स्थान की चीज़ों के पास नहीं जाना चाहिए। यदि वे ऐसा करेंगे तो वे मर जायेंगे और तुम भी मर जाओगे। 4 वे तुम्हारे साथ होंगे और तुम्हारे साथ काम करेंगे। वे मिलापवाले तम्बू की देखभाल करने के उत्तरदायी होंगे। सभी कार्य, जिन्हें तम्बू में किया जाना चाहिए, वे करेंगे। अन्य कोई भी उस स्थान के निकट नहीं आएगा जहाँ तुम हो।
5 “पवित्र स्थान और वेदी की देखाभाल करने के उत्तरदायी तुम हो। मैं इस्राएल के लोगों पर फिर क्रोधित होना नहीं चाहता। 6 मैंने तुम्हारे लोगों अर्थात् लेवीवंश के लोगों को स्वयं इस्राएल के सभी लोगों में से चुना है। वे तुमको भेंट की तरह हैं। उनका एकमात्र उपयोग परमेश्वर की सेवा और मिलापवाले तम्बू के काम को करने में है। 7 किन्तु केवल तुम और तुम्हारे पुत्र याजक के रूप में सेवा कर सकते हो। एक मात्र तुम्हीं वेदी के पास जा सकते हो। केवल तुम्हीं पर्दे के भीतर अति पवित्र स्थान में जा सकते हो। मैं याजक के रूप में तुम्हारी सेवा को तुम्हें एक भेंट के रूप में दे रहा हूँ। कोई भी अन्य, जो पवित्र स्थान के पास आएगा, मार डाला जाएगा।”
8 तब यहोवा ने हारून से कहा, “मैंने अपने लिए चढ़ाई गई भेटों का उत्तरदायित्व तुमको दिया है। इस्राएल के लोग जो सारी भेंट मुझको देंगे, वह मैं तुमको देता हूँ। तुम और तुम्हारे पुत्र इन पवित्र भेटों को आपस में बाँट सकते हैं। यह सदा तुम्हारी होंगी। 9 उन सभी पवित्र भेंटों में तुम्हारा अपना भाग होगा जो जलाई नहीं जाएंगी। लोग मेरे पास भेंटें सर्वाधिक पवित्र भेंट के रूप में लाते हैं। ये अन्नबलि, या पापबलि या दोषबलि है। किन्तु ये सभी चीज़ें तुम्हारी और तुम्हारे पुत्रों की होंगी। 10 इन सबको सर्वाधिक पवित्र चीज़ों के रूप में खाओ। तुम्हारे परिवार का हर एक पुरुष इसे खाएगा। तुम्हें इसको पवित्र मानना चाहिए।
11 “और वे सभी जो इस्राएल के लोगों द्वारा उत्तोलन भेंट के रूप में दी जाएंगी, तुम्हारी ही होंगी। मैं इसे तुमको, तुम्हारे पुत्रों और तुम्हारी पुत्रियों को देता हूँ। यह तुम्हारा भाग है। तुम्हारे परिवार का हर एक व्यक्ति जो पवित्र होगा, इसे खा सकेगा।
12 “और मैं सारा अच्छा जैतून का तेल, सारी सर्वोतम नयी दाखमधु और अन्न तुम्हें देता हूँ। ये वे चीज़ें हैं जिन्हें इस्राएल के लोग मुझे अर्थात् अपने यहोवा को देते हैं। ये वे पहली चीज़ें हैं जिन्हें वे अपनी फसल पकने पर इकट्ठी करते हैं। 13 जब लोग अपनी फसलें इकट्ठी करते हैं तब लोग पहली चीज यहोवा के पास लाते हैं। अतः ये चीज़ें मैं तुमको दूँगा और हर एक व्यक्ति जो तुम्हारे परिवार में पवित्र है, इसे खा सकेगा।
14 “और इस्राएल में हर एक चीज जो यहोवा को दी जाती है, तुम्हारी है।
15 “किसी भी परिवार में पहलौठा बालक या जानवर यहोवा की भेंट होगा और वह तुम्हारा होगा। किन्तु तुम्हें प्रत्येक पहलौठे बच्चे और हर पक पहलौठे अशुध्द पशु को फिर से खरीदने के लिए स्वीकार करना चाहिए। तब पहलौठा बच्चा फिर उस परिवार का हो जाएगा। 16 जब वे एक महीने के हो जाए तब तुम्हें उनके लिए भुगतान ले लेना चाहिए। उसका मूल्य दो औंस चाँदी होगी।
17 “किन्तु तुम्हें पहलौठे गाय, भेड़ या बकरे के लिए भुगतान नहीं लेना चाहिए। वे पशु पवित्र हैं वे शुद्ध हैं। उनका खून वेदी पर छिड़को और उनकी चर्बी जलाओ। यह भेंट अग्नि द्वारा समर्पित है। इस भेंट की सुगन्ध मेरे लिए अर्थात् यहोवा के लिए मधुर सुगन्ध होगी। 18 किन्तु इन पशुओं का माँस तुम्हारा होगा। और उत्तोलन भेंट की छाती भी तुम्हारी होगी। अन्य भेंटों की दायी जांघ तुम्हारी होगी। 19 कोई भी चीज, जिसे लोग पवित्र भेंट के रूप में मुझे चढ़ाते हैं, मैं यहोवा उसे तुमको देता हूँ। यह तुम्हारा हिस्सा हैं। मै इसे तुमको और तुम्हारे पुत्रों और तुम्हारी पुत्रियों को देता हूँ। यह यहोवा के साथ की गयी वाचा है जो सदा बनी रहेगी। मैं यह वचन तुमको और तुम्हारे वंशजों को देता हूँ।”
20 यहोवा ने हारून से यह भी कहा, “तुम कोई भूमि नहीं प्राप्त करोगे और ऐसी कोई चीज़ नहीं रखोगे जैसी अन्य लोग रखते हैं। मैं, यहोवा, तुम्हारा रहूँगा। इस्राएल के लोग वह देश प्राप्त करेंगे जिसके लिए मैंने वचन दिया है। किन्तु तुम्हारे लिए अपना उपहार मैं स्वयं होऊँगा।
21 “इस्राएल के लोग उनके पास जो कुछ होगा उसका दसवाँ भाग देंगे। इस प्रकार मैं लेवीवंश के लोगों को दसवाँ भाग देता हूँ। यह उनके उस कार्य के लिए भुगतान है जो वे मिलापवाले तम्बू में सेवा करते हुए करते हैं। 22 किन्तु इस्राएल के अन्य लोगों को मिलापवाले तम्बू के निकट कभी नहीं जाना चाहिए। यदि वे ऐसा करते हैं तो उन्हें अपने पाप के लिए भुगतान करना पड़ेगा और वे मर जाएंगे! 23 जो लेवीवंश मिलापवाले तम्बू में काम कर रहे हैं वे इसके विरुद्ध किये गए पापों के लिए उत्तरदायी हैं। यह नियम भविष्य के दिनों के लिए भी रहेगा। लेवीवंशी लोग उस भूमि को नहीं लेंगे जिसे मैंने इस्राएल के अन्य लोगों को दिया है। 24 किन्तु इस्राएल के लोगों के पास जो कुछ होगा उसका दसवाँ हिस्सा मुझको देंगे। इस तरह मैं लेवीवंशी लोगों को दसवाँ हिस्सा दूँगा। यही कारण है कि मैंने लेविवंशीयों के लिए कहा हैः वे लोग उस भूमि को नहीं पाएंगे जिसे मैंने इस्राएल के लोगों को देने का वचन दिया है।”
25 यहोवा ने मूसा से कहा, 26 “लेवीवंशी लोगों से बातें करो और उनसे कहोः इस्राएल के लोग अपनी हर एक चीज़ का दसवाँ भाग यहोवा को देंगे। वह दसवाँ भाग लेवीवंशियों का होगा। किन्तु तुम्हें उसका दसवाँ भाग यहोवा को उनकी भेंट के रूप में देना चाहिए। 27 फसल कटने के बाद तुम लोग खलिहानों से अन्न और दाखमधुशाला से रस प्राप्त करोगे। तब वह भी यहोवा को तुम्हारी भेंट होगी। 28 इस प्रकार, तुम यहोवा को वैसे ही भेंट दोगे जिस प्रकार इस्राएल के अन्य लोग देते हैं। तुम इस्राएल के लोगों का दिया हुआ दसवाँ भाग प्राप्त करोगे और तब तुम उसका दसवाँ भाग याजक हारून को दोगे। 29 जब इस्राएल के लोग अपनी हर एक चीज़ का दसवाँ भाग दें तो तुम्हें उनमें से सर्वोत्तम और पवित्रतम भाग चुनना चाहिए। वही दसवाँ भाग है जिसे तुम्हें यहोवा को देना चाहिए।
30 “मूसा, लेवियों से यह कहोः इस्राएल के लोग तुम लोगों को अपनी फसल या अपनी दाखमधु का दसवाँ भाग देंगे। तब तुम लोग उसका सर्वोत्तम भाग यहोवा को दोगे। 31 जो बचेगा उसे तुम और तुम्हारे परिवार के व्यक्ति खा सकते हैं। यह तुम लोगों के उस काम के लिए भुगतान है जो तुम लोग मिलापवाले तम्बू में करते हो। 32 और यदि तुम सदा इसका सर्वोत्तम भाग यहोवा को देते रहोगे तो तुम कभी दोषी नहीं होगे। तुम इस्राएल के लोगों की पवित्र भेंट के प्रति पाप नहीं करोगे और तुम मरोगे नहीं।”
लाल गाय की राख
19 यहोवा ने मूसा और हारून से बात की। उसने कहा, 2 “ये नियम और उपदेश हैं जिन्हें यहोवा इस्राएल के लोगों को देता है। उन्हें दोष से रहित एक लाल गाय लेनी चाहिए और उसे तुम्हारे पास लाना चाहिए। उस गाय को कोई खरोंच भी न लगी हो और उस गाय के कंधे पर कभी जुआ[a] नहीं रखा गया हो। 3 इस गाय को याजक एलीआजार को दो। एलीआजार गाय को डेरे से बाहर ले जाएगा और वह वहाँ गाय को मारेगा। 4 तब याजक एलीआजार को इसका कुछ खून अपनी उंगलियों पर लागना चाहिए और उसे कुछ खून पवित्र तम्बू की दिशा में छिड़कना चाहिए। उसे यह सात बार करना चाहिए। 5 तब पूरी गाय को उसके सामने जलाना चाहिए। चमड़ा, माँस, खून और आतेँ सभी जला डालनी चाहिए। 6 तब याजक को एक देवदारु की लकड़ी, एक जूफा की शाखा और लाल रंग का कपड़ा लेना चाहिए। याजक को इन चीज़ों को उस आग में डालना चाहिए जिसमें गाय जल रही हो। 7 तब याजक को, अपने को तथा अपने कपड़ों को पानी से धोना चाहिए। तब उसे डेरे मे लौटना चाहिए। याजक सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा। 8 जो व्यक्ति गाय को जलाए उसे अपने को तथा अपने वस्त्रों को पानी से धोना चाहिए। वह सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
9 “तब एक पुरुष जो शुद्ध होगा, गाय की राख को इकट्ठा करेगा। वह इस राख को डेरे के बाहर एक शुद्ध स्थान पर रखेगा। यह राख उस समय उपयोग में आएगी जब लोग शुद्ध होने के लिए विशेष संस्कार करेंगे। यह राख व्यक्ति के पाप को दूर करने के लिए उपयोग में आएगी।
10 “वह व्यक्ति, जिसने गाय की राख को इकट्ठा किया, अपने कपड़े धोएगा। वह सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
“यह नियम सदा चलता रहेगा। यह नियम इस्राएल के नागरिकों के लिए है और यह उन विदेशियों के लिए भी है जो तुम्हारे बीच रहते हैं। 11 यदि कोई व्यक्ति एक मरे व्यक्ति को छूता है, तो वह सात दिन के लिए अशुद्ध हो जाएगा। 12 उसे अपने को तीसरे दिन तथा फिर सातवें दिन विशेष पानी से धोना चाहिए। यदि वह ऐसा नहीं करता, तो वह अशुद्ध रह जाएगा। 13 यदि कोई व्यक्ति किसी शव को छूता है, तो वह व्यक्ति अशुद्ध है। यदि वह व्यक्ति अशुद्ध रहता है और तब पवित्र तम्बू में जाता है तो पवित्र तम्बू अशुद्ध हो जाता है। इसलिए उस व्यक्ति को इस्राएल के लोगों से अलग कर दिया जाना चाहिए। यदि अशुद्ध व्यक्ति पर विशेष जल नहीं डाला जाता तो वह व्यक्ति अशुद्ध रहेगा।
14 “यह नियम उन लोगों से सम्बन्धित है जो अपने खेमों में मरते हैं। यदि कोई व्यक्ति खेमें में मरता है तो उस खेमे का हर एक व्यक्ति अशुद्ध हो जाएगा। वे सात दिन तक अशुद्ध रहेंगे 15 और हर एक ढक्कन रहित बर्तन और घड़ा अशुद्ध हो जाता है। 16 यदि कोई शव को छूता है, तो वह व्यक्ति सात दिन तक अशुद्ध रहेगा। यह तब भी सत्य होगा जब व्यक्ति बाहर देश में मरा हो या युद्ध में मारा गया हो। यदि कोई व्यक्ति मरे व्यक्ति की हड्डी या किसी कब्र को छूता है तो वह व्यक्ति अशुद्ध हो जाता है।
17 “इसलिए तुम्हें दुग्ध गाय की राख का उपयोग उस व्यक्ति को पुनः शुद्ध करने के लिए करना चाहिए। स्वच्छ पानी[b] घड़े में रखी हुई राख पर डालो। 18 शुद्ध व्यक्ति को एक जूफा की शाखा लेनी चाहिए और इसे पानी में डुबाना चाहिए। तब उसे तम्बू, बर्तनों तथा डेरे में जो व्यक्ति हैं उन पर यह जल छिड़कना चाहिए। तुम्हें यह उन सभी व्यक्तियों के साथ करना चाहिए जो शव को छुऐंगे। तुम्हें यह उस के साथ भी करना चाहिए जो युद्ध में मरे व्यक्ति के शव को छूता है या उस किसी के साथ भी जो किसी मरे व्यक्ति की हड्डियों या क्रब को छूता है।
19 “तब कोई शुद्ध व्यक्ति इस जल को अशुद्ध व्यक्ति पर तीसरे दिन और फिर सातवें दिन छिड़के। सातवें दिन वह व्यक्ति शुद्ध हो जाता है। उसे अपने कपड़ों को पानी में धोना चाहिए। वह संध्या के समय पवित्र हो जाता है।
20 “यदि कोई व्यक्ति अशुद्ध हो जाता है और शुद्ध नहीं होता तो उसे इस्राएल के लोगों से अलग कर देना चाहिए। उस व्यक्ति पर विशेष पानी नहीं छिड़का गया। वह शुद्ध नहीं हुआ। तो वह पवित्र तम्बू को अशुद्ध कर सकता है। 21 यह नियम तुम्हारे लिए सदा के लिए होगा। जो व्यक्ति इस विशेष जल को छिड़कता है, उसे भी अपने कपड़े अवश्य धो लेने चाहिए। कोई व्यक्ति जो इस विशेष जल को छुएगा, वह संध्या तक अशुद्ध रहेगा। 22 यदि कोई अशुद्ध व्यक्ति किसी अन्य को छूए, तो वह व्यक्ति भी अशुद्ध हो जाएगा। वह व्यक्ति संध्या तक अशुद्ध रहेगा।”
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