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परमेश्वर जब उत्तर में क्रियाशील रहता है तो मैं उसे देख नहीं पाता हूँ।
    जब परमेश्वर दक्षिण को मुड़ता है, तो भी वह मुझको नहीं दिखता है।
10 किन्तु परमेश्वर मेरे हर चरण को देखता है, जिसको मैं उठाता हूँ।
    जब वह मेरी परीक्षा ले चुकेगा तो वह देखेगा कि मुझमें कुछ भी बुरा नहीं है, वह देखेगा कि मैं खरे सोने सा हूँ।
11 परमेश्वर जिस को चाहता है मैं सदा उस पर चला हूँ,
    मैं कभी भी परमेश्वर की राह पर चलने से नहीं मुड़ा।

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