मत्तियाह 11:20-24
Saral Hindi Bible
झील तट के नगरों पर विलाप
20 येशु ने अधिकांश अद्भुत काम इन्हीं नगरों में किए थे; फिर भी इन नगरों ने पश्चाताप नहीं किया था, इसलिए येशु इन नगरों को धिक्कारने लगे.
21 “धिक्कार है तुझ पर कोराजिन! धिक्कार है तुझ पर बैथसैदा! ये ही अद्भुत काम, जो तुझमें किए गए हैं यदि त्सोर और त्सीदोन नगरों में किए जाते तो वे विलाप-वस्त्र पहन, सिर पर राख डाल कब के पश्चाताप कर चुके होते! 22 फिर भी मैं कहता हूँ, सुनो: न्याय-दिवस पर त्सोर और त्सीदोन नगरों का दण्ड तेरे दण्ड से अधिक सहने योग्य होगा. 23 और कफ़रनहूम, तू! क्या तू स्वर्ग तक ऊँचा किए जाने की आशा कर रहा है? अरे! तुझे तो पाताल में उतार दिया जाएगा क्योंकि जो अद्भुत काम तुझ में किए गए, यदि वे ही सदोम नगर में किए गए होते तो वह आज भी बना होता. 24 फिर भी आज जो मैं कह रहा हूँ उसे याद रख: न्याय-दिवस पर सदोम नगर का दण्ड तेरे दण्ड से अधिक सहने योग्य होगा.”
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मत्ती 11:20-24
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
अविश्वासियों को यीशु की चेतावनी
(लूका 10:13-15)
20 फिर यीशु ने उन नगरों को धिक्कारा जिनमें उसने बहुत से आश्चर्यकर्म किये थे। क्योंकि वहाँ के लोगों ने पाप करना नहीं छोड़ा और अपना मन नहीं फिराया था। 21 अरे अभागे खुराजीन, अरे अभागे बैतसैदा[a] तुम में जो आश्चर्यकर्म किये गये, यदि वे सूर और सैदा में किये जाते तो वहाँ के लोग बहुत पहले से ही टाट के शोक वस्त्र ओढ़ कर और अपने शरीर पर राख मल[b] कर खेद व्यक्त करते हुए मन फिरा चुके होते। 22 किन्तु मैं तुम लोगों से कहता हूँ न्याय के दिन सूर और सैदा की स्थिति तुमसे अधिक सहने योग्य होगी।[c]
23 “और अरे कफरनहूम, क्या तू सोचता है कि तुझे स्वर्ग की महिमा तक ऊँचा उठाया जायेगा? तू तो अधोलोक में नरक को जायेगा। क्योंकि जो आश्चर्यकर्म तुझमें किये गये, यदि वे सदोम में किये जाते तो वह नगर आज तक टिका रहता। 24 पर मैं तुम्हें बताता हूँ कि न्याय के दिन तेरे लोगों की हालत से सदोम की हालत कहीं अच्छी होगी।”
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Matthieu 11:20-24
Louis Segond
20 Alors il se mit à faire des reproches aux villes dans lesquelles avaient eu lieu la plupart de ses miracles, parce qu'elles ne s'étaient pas repenties.
21 Malheur à toi, Chorazin! malheur à toi, Bethsaïda! car, si les miracles qui ont été faits au milieu de vous avaient été faits dans Tyr et dans Sidon, il y a longtemps qu'elles se seraient repenties, en prenant le sac et la cendre.
22 C'est pourquoi je vous le dis: au jour du jugement, Tyr et Sidon seront traitées moins rigoureusement que vous.
23 Et toi, Capernaüm, seras-tu élevée jusqu'au ciel? Non. Tu seras abaissée jusqu'au séjour des morts; car, si les miracles qui ont été faits au milieu de toi avaient été faits dans Sodome, elle subsisterait encore aujourd'hui.
24 C'est pourquoi je vous le dis: au jour du jugement, le pays de Sodome sera traité moins rigoureusement que toi.
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