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हवा ह जेति चाहथे ओती चलथे। तेंह सिरिप एकर आरो भर ला सुनथस, पर तेंह नइं बता सकस कि एह कहां ले आथे या एह कहां जाथे। हर ओ मनखे जऊन ह पबितर आतमा ले जनम लेथे, ओकर संग घलो अइसनेच होथे।”

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