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यहूदा यीशु से शत्रुता ठानता है

(मरकुस 14:10-11; लूका 22:3-6)

14 तब यहूदा इस्करियोती जो उसके बारह शिष्यों में से एक था, प्रधान याजकों के पास गया और उनसे बोला, 15 “यदि मैं यीशु को तुम्हें पकड़वा दूँ तो तुम लोग मुझे क्या दोगे?” तब उन्होंने यहूदा को चाँदी के तीस सिक्के देने की इच्छा जाहिर की। 16 उसी समय से यहूदा यीशु को धोखे से पकड़वाने की ताक में रहने लगा।

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यहूदाह का धोखा

(मारक 14:10-11; लूकॉ 22:3-6)

14 तब कारयोतवासी यहूदाह, जो बारह शिष्यों में से एक था, प्रधान पुरोहितों के पास गया 15 और उनसे विचार-विमर्श करने लगा, “यदि मैं येशु को पकड़वा दूँ तो आप मुझे क्या देंगे?” उन्होंने उसे गिन कर चांदी के तीस सिक्के दे दिए. 16 उस समय से वह येशु को पकड़वाने के लिए सही अवसर की ताक में रहने लगा.

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Judas Agrees to Betray Jesus(A)

14 Then one of the Twelve—the one called Judas Iscariot(B)—went to the chief priests 15 and asked, “What are you willing to give me if I deliver him over to you?” So they counted out for him thirty pieces of silver.(C) 16 From then on Judas watched for an opportunity to hand him over.

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