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परमेस्सर क पठवा एक मनई आवा जेकर नाउँ यूहन्ना रहा। उ एक साच्छी क नाईं आवा जइसे कि उ सब मनई क ज्योति क बारे मँ अपने बचन मँ बताइ सकइ। अउर जउन उ बतावइ ओहमाँ सब मनई बिसवास कर सकइँ। उ खुदइ ज्योति नाहीं रहा मुला उ सब मनई क ज्योति क साच्छी देइ आइ रहा। उ इ बतावइ आइ रहा कि इ ज्योति बिल्कुल सच्ची अहइ, अउर उ इ हर एक मनई क प्रकासित करी। उ इ बतावइ आइ रहा कि सच्चा ज्योति इ दुनिया मँ आवइवाला अहइ।

10 उ तउ इहइ दुनिया मँ रहा अउर इ दुनिया क उहइ पइदा किहेस मुला दुनिया ओका पहिचान नाहीं पाएस। 11 उ अपने संसार मँ आवा रहा, मुला ओकर आपन मनई ओका नाहीं अपनाएन। 12 मुला जउन मनई ओका अपनाइ लिहेन्ह, ओन सबका उ परमेस्सर संतान होइ क अधिकार दिहेस। 13 परमेस्सर क औलाद क नाई उ कुदरती तौर प न तउ लहू स पइदा भवा, न तउ कउनो तने क इच्छा स, अउर न तउ महतारी-बाप क योजना स। मुला उ परमेस्सर स पइदा भवा।

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