Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 146-149

यहोवा का गुण गान कर!
    मेरे मन, यहोवा की प्रशंसा कर।
मैं अपने जीवन भर यहोवा के गुण गाऊँगा।
    मैं अपने जीवन भर उसके लिये यश गीत गाऊँगा।
अपने प्रमुखों के भरोसे मत रहो।
    सहायता पाने को व्यक्ति के भरोसे मत रहो, क्योंकि तुमको व्यक्ति बचा नहीं सकता है।
लोग मर जाते हैं और गाड़ दिये जाते है।
    फिर उनकी सहायता देने की सभी योजनाएँ यूँ ही चली जाती है।
जो लोग, याकूब के परमेश्वर से अति सहायता माँगते, वे अति प्रसन्न रहते हैं।
    वे लोग अपने परमेश्वर यहोवा के भरोसे रहा करते हैं।
यहोवा ने स्वर्ग और धरती को बनाया है।
    यहोवा ने सागर और उसमें की हर वस्तु बनाई है।
यहोवा उनको सदा रक्षा करेगा।
जिन्हें दु:ख दिया गया, यहोवा ऐसे लोगों के संग उचित बात करता है।
    यहोवा भूखे लोगों को भोजन देता है।
यहोवा बन्दी लोगों को छुड़ा दिया करता है।
    यहोवा के प्रताप से अंधे फिर देखने लग जाते हैं।
यहोवा उन लोगों को सहारा देता जो विपदा में पड़े हैं।
    यहोवा सज्जन लोगों से प्रेम करता है।
यहोवा उन परदेशियों की रक्षा किया करता है जो हमारे देश में बसे हैं।
    यहोवा अनाथों और विधवाओं का ध्यान रखता है
    किन्तु यहोवा दुर्जनों के कुचक्र को नष्ट करता हैं।
10 यहोवा सदा राज करता रहे!
    सिय्योन तुम्हारा परमेश्वर पर सदा राज करता रहे!

यहोवा का गुणगान करो!

यहोवा की प्रशंसा करो क्योंकि वह उत्तम है।
    हमारे परमेश्वर के प्रशंसा गीत गाओ।
    उसका गुणगान भला और सुखदायी है।
यहोवा ने यरूशलेम को बनाया है।
    परमेश्वर इस्राएली लोगों को वापस छुड़ाकर ले आया जिन्हें बंदी बनाया गया था।
परमेश्वर उनके टूटे मनों को चँगा किया करता
    और उनके घावों पर पट्टी बांधता है।
परमेश्वर सितारों को गिनता है
    और हर एक तारे का नाम जानता है।
हमारा स्वामी अति महान है। वह बहुत ही शक्तिशाली है।
    वे सीमाहीन बातें है जिनको वह जानता है।
यहोवा दीन जन को सहारा देता है।
    किन्तु वह दुष्ट को लज्जित किया करता है।
यहोवा को धन्यवाद करो।
    हमारे परमेश्वर का गुणगान वीणा के संग करो।
परमेश्वर मेघों से अम्बर को भरता है।
    परमेश्वर धरती के लिये वर्षा करता है।
परमेश्वर पहाड़ों पर घास उगाता है।
परमेश्वर पशुओं को चारा देता है,
    छोटी चिड़ियों को चुग्गा देता है।
10 उनको युद्ध के घोड़े और शक्तिशाली सैनिक नहीं भाते हैं।
11 यहोवा उन लोगों से प्रसन्न रहता है। जो उसकी आराधना करते हैं।
    यहोवा प्रसन्न हैं, ऐसे उन लोगों से जिनकी आस्था उसके सच्चे प्रेम में है।
12 हे यरूशलेम, यहोवा के गुण गाओ!
    सिय्योन, अपने परमेश्वर की प्रशंसा करो!
13 हे यरूशलेम, तेरे फाटको को परमेश्वर सुदृढ़ करता है।
    तेरे नगर के लोगों को परमेश्वर आशीष देता है।
14 परमेश्वर तेरे देश में शांति को लाया है।
    सो युद्ध में शत्रुओं ने तेरा अन्न नहीं लूटा। तेरे पास खाने को बहुत अन्न है।
15 परमेश्वर धरती को आदेश देता है,
    और वह तत्काल पालन करती है।
16 परमेश्वर पाला गिराता जब तक धरातल वैसा श्वेत नहीं होता जाता जैसा उजला ऊन होता है।
    परमेश्वर तुषार की वर्षा करता है, जो हवा के साथ धूल सी उड़ती है।
17 परमेश्वर हिम शिलाएँ गगन से गिराता है।
    कोई व्यक्ति उस शीत को सह नहीं पाता है।
18 फिर परमेश्वर दूसरी आज्ञा देता है, और गर्म हवाएँ फिर बहने लग जाती हैं।
    बर्फ पिघलने लगती, और जल बहने लग जाता है।

19 परमेश्वर ने निज आदेश याकूब को (इस्राएल को) दिये थे।
    परमेश्वर ने इस्राएल को निज विधी का विधान और नियमों को दिया।
20 यहोवा ने किसी अन्य राष्ट्र के हेतु ऐसा नहीं किया।
    परमेश्वर ने अपने नियमों को, किसी अन्य जाति को नहीं सिखाया।

यहोवा का यश गाओ।

यहोवा के गुण गाओ!
स्वर्ग के स्वर्गदूतों,
    यहोवा की प्रशंसा स्वर्ग से करो!
हे सभी स्वर्गदूतों, यहोवा का यश गाओ!
    ग्रहों और नक्षत्रों, उसका गुण गान करो!
सूर्य और चाँद, तुम यहोवा के गुण गाओ!
    अम्बर के तारों और ज्योतियों, उसकी प्रशंसा करो!
यहोवा के गुण सर्वोच्च अम्बर में गाओ।
    हे जल आकाश के ऊपर, उसका यशगान कर!
यहोवा के नाम का बखान करो।
    क्यों? क्योंकि परमेश्वर ने आदेश दिया, और हम सब उसके रचे थे।
परमेश्वर ने इन सबको बनाया कि सदा—सदा बने रहें।
    परमेश्वर ने विधान के विधि को बनाया, जिसका अंत नहीं होगा।
ओ हर वस्तु धरती की यहोवा का गुण गान करो!
    ओ विशालकाय जल जन्तुओं, सागर के यहोवा के गुण गाओ।
परमेश्वर ने अग्नि और ओले को बनाया,
    बर्फ और धुआँ तथा सभी तूफानी पवन उसने रचे।
परमेश्वर ने पर्वतों और पहाड़ों को बनाया,
    फलदार पेड़ और देवदार के वृक्ष उसी ने रचे हैं।
10 परमेश्वर ने सारे बनैले पशु और सब मवेशी रचे हैं।
    रेंगने वाले जीव और पक्षियों को उसने बनाया।
11 परमेश्वर ने राजा और राष्ट्रों की रचना धरती पर की।
    परमेश्वर ने प्रमुखों और न्यायधीशों को बनाया।
12 परमेश्वर ने युवक और युवतियों को बनाया।
    परमेश्वर ने बूढ़ों और बच्चों को रचा है।
13 यहोवा के नाम का गुण गाओ!
    सदा उसके नाम का आदर करो!
हर वस्तु ओर धरती और व्योम,
    उसका गुणगान करो!
14 परमेश्वर अपने भक्तों को दृढ़ करेगा।
    लोग परमेश्वर के भक्तों की प्रशंसा करेंगे।
लोग इस्राएल के गुण गायेंगे, वे लोग है जिनके लिये परमेश्वर युद्ध करता है,
यहोवा की प्रशंसा करो।

यहोवा के गुण गाओ।
उन नयी बातों के विषय में एक नया गीत गाओ जिनको यहोवा ने किया है।
    उसके भक्तों की मण्डली में उसका गुण गान करो।
परमेश्वर ने इस्राएल को बनाया। यहोवा के संग इस्राएल हर्ष मनाए।
    सिय्योन के लोग अपने राजा के संग में आनन्द मनाएँ।
वे लोग परमेश्वर का यशगान नाचते बजाते
    अपने तम्बुरों, वीणाओ से करें।
यहोवा निज भक्तों से प्रसन्न है।
    परमेश्वर ने एक अद्भुत कर्म अपने विनीत जन के लिये किया।
    उसने उनका उद्धार किया।
परमेश्वर के भक्तों, तुम निज विजय मनाओं!
    यहाँ तक कि बिस्तर पर जाने के बाद भी तुम आनन्दित रहो।

लोग परमेश्वर का जयजयकार करें
    और लोग निज तलवारें अपने हाथों में धारण करें।
वे अपने शत्रुओं को दण्ड देने जायें।
    और दूसरे लोगों को वे दण्ड देने को जायें,
परमेश्वर के भक्त उन शासकों
    और उन प्रमुखों को जंजीरो से बांधे।
परमेश्वर के भक्त अपने शत्रुओं को उसी तरह दण्ड देंगे,
    जैसा परमेश्वर ने उनको आदेश दिया।

परमेश्वर के भक्तो यहोवा का आदरपूर्ण गुणगान करो।

निर्गमन 13:3-10

मूसा ने लोगों से कहा, “इस दिन को याद रखो। तुम लोग मिस्र में दास थे। किन्तु इस दिन यहोवा ने अपनी महान शक्ति का उपयोग किया और तुम लोगों को स्वतन्त्र किया। तुम लोग खमीर के साथ रोटी मत खाना। आज के दिन आबीब के महीने में तुम लोग मिस्र से प्रस्थान कर रहे हो। यहोवा ने तुम लोगों के पूर्वजों से विशेष प्रतिज्ञा की थी। यहोवा ने तुम लोगों को कनानी, हित्ती, एमोरी, हिब्बी और यबूसी लोगों की धरती देने की प्रतिज्ञा की थी। यहोवा जब तुम लोगों को उस सम्पन्न और सुन्दर देश में पहुँचा दे तब तुम लोग इस दिन को अवश्य याद रखना। तुम लोग हर वर्ष के पहले महीने में इस दिन को उपासना का विशेष दिन रखना।

“सात दिन तक तुम लोग वही रोटी खाना जिसमें ख़मीर न हो। सातवें दिन एक बड़ी दावत होगी। यह दावत यहोवा के सम्मान का सूचक होगी। अत: सात दिन तक लोगों को ख़मीर के साथ बनी रोटी खानी नहीं चाहिए। तुम्हारे प्रदेश में किसी भी जगह ख़मीर की कोई रोटी नहीं होनी चाहिए। इस दिन तुम को अपने बच्चों से कहना चाहिए, ‘हम लोग यह दावत इसलिए कर रहे हैं कि यहोवा ने मुझ को मिस्र से बाहर निकाला।’

“यह पवित्र दिन तुम लोगों को याद रखने में सहायता करेगा अर्थात् तुम लोगों के हाथ पर बंधे धागे[a] का काम करेगा। यह पवित्र दिन यहोवा के उपदेशों को याद करने में तुमको सहायता करेगा। तुम्हें यह याद दिलाने में सहायता करेगा कि यहोवा ने तुम लोगों को मिस्र से बाहर निकालने के लिए अपनी महान शक्ति का उपयोग किया। 10 इसलिए हर वर्ष इस दिन को ठीक समय पर याद रखो।

1 कुरिन्थियों 15:41-50

41 सूरज का तेज एक प्रकार का होता है और चाँद का दूसरे प्रकार का। तारों में भी एक भिन्न प्रकार का प्रकाश रहता है। और हाँ, तारों का प्रकाश भी एक दूसरे से भिन्न रहता है।

42 सो जब मरे हुए जी उठेंगे तब भी ऐसा ही होगा। वह देह जिसे धरती में दफना कर “बोया” गया है, नाशमान है किन्तु वह देह जिसका पुनरुत्थान हुआ है, अविनाशी है। 43 वह काया जो धरती में “दफनाई” गयी है, अनादरपूर्ण है किन्तु वह काया जिसका पुनरुत्थान हुआ है, महिमा से मंडित है। वह काया जिसे धरती में “गाड़ा” गया है, दुर्बल है किन्तु वह काया जिसे पुनर्जीवित किया गया है, शक्तिशाली है। 44 जिस काया को धरती में “दफनाया” गया है, वह प्राकृतिक है किन्तु जिसे पुनर्जीवित किया गया है, वह आध्यात्मिक शरीर है।

यदि प्राकृतिक शरीर होते हैं तो आध्यात्मिक शरीरों का भी अस्तित्व है। 45 शास्त्र कहता है: “पहला मनुष्य (आदम) एक सजीव प्राणी बना।”(A) किन्तु अंतिम आदम (मसीह) जीवनदाता आत्मा बना। 46 आध्यात्मिक पहले नहीं आता, बल्कि पहले आता है भौतिक और फिर उसके बाद ही आता है आध्यात्मिक। 47 पहले मनुष्य को धरती की मिट्टी से बनाया गया और दूसरा मनुष्य (मसीह) स्वर्ग से आया। 48 जैसे उस मनुष्य की रचना मिट्टी से हुई, वैसे ही सभी लोग मिट्टी से ही बने। और उस दिव्य पुरुष के समान अन्य दिव्य पुरुष भी स्वर्गीय हैं। 49 सो जैसे हम उस मिट्टी से बने का रूप धारण करते हैं, वैसे ही उस स्वर्गिक का रूप भी हम धारण करेंगे।

50 हे भाइयो, मैं तुम्हें यह बता रहा हूँ: मांस और लहू (हमारे ये पार्थिव शरीर) परमेश्वर के राज्य के उत्तराधिकार नहीं पा सकते। और न ही जो विनाशमान है, वह अविनाशी का उत्तराधिकारी हो सकता है।

मत्ती 28:16-20

यीशु की अपने शिष्यों से बातचीत

(मरकुस 16:14-18; लूका 24:36-49; यूहन्ना 20:19-23; प्रेरितों के काम 1:6-8)

16 फिर ग्यारह शिष्य गलील में उस पहाड़ी पर पहुँचे जहाँ जाने को उनसे यीशु ने कहा था। 17 जब उन्होंने यीशु को देखा तो उसकी उपासना की। यद्यपि कुछ के मन में संदेह था। 18 फिर यीशु ने उनके पास जाकर कहा, “स्वर्ग और पृथ्वी पर सभी अधिकार मुझे सौंपे गये हैं। 19 सो, जाओ और सभी देशों के लोगों को मेरा अनुयायी बनाओ। तुम्हें यह काम परम पिता के नाम में, पुत्र के नाम में और पवित्र आत्मा के नाम में, उन्हें बपतिस्मा देकर पूरा करना है। 20 वे सभी आदेश जो मैंने तुम्हें दिये हैं, उन्हें उन पर चलना सिखाओ। और याद रखो इस सृष्टि के अंत तक मैं सदा तुम्हारे साथ रहूँगा।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International