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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 137

बाबुल की नदियों के किनारे बैठकर
    हम सिय्योन को याद करके रो पड़े।
हमने पास खड़े बेंत के पेड़ों पर निज वीणाएँ टाँगी।
बाबुल में जिन लोगों ने हमें बन्दी बनाया था, उन्होंने हमसे गाने को कहा।
    उन्होंने हमसे प्रसन्नता के गीत गाने को कहा।
    उन्होंने हमसे सिय्योन के गीत गाने को कहा।
किन्तु हम यहोवा के गीतों को किसी दूसरे देश में
    कैसे गा सकते हैं!
हे यरूशलेम, यदि मैं तुझे कभी भूलूँ।
    तो मेरी कामना है कि मैं फिर कभी कोई गीत न बजा पाऊँ।
हे यरूशलेम, यदि मैं तुझे कभी भूलूँ।
    तो मेरी कामना है कि
मैं फिर कभी कोई गीत न गा पाऊँ।
    मैं तुझको कभी नहीं भूलूँगा।

हे यहोवा, याद कर एदोमियों ने उस दिन जो किया था।
    जब यरूशलेम पराजित हुआ था,
वे चीख कर बोले थे, इसे चीर डालो
    और नींव तक इसे विध्वस्त करो।
अरी ओ बाबुल, तुझे उजाड़ दिया जायेगा।
    उस व्यक्ति को धन्य कहो, जो तुझे वह दण्ड देगा, जो तुझे मिलना चाहिए।
उस व्यक्ति को धन्य कहो जो तुझे वह क्लेश देगा जो तूने हमको दिये।
    उस व्यक्ति को धन्य कहो जो तेरे बच्चों को चट्टान पर झपट कर पछाड़ेगा।

भजन संहिता 144

दाऊद को समर्पित।

यहोवा मेरी चट्टान है।
    यहोवा को धन्य कहो!
यहोवा मुझको लड़ाई के लिये प्रशिक्षित करता है।
    यहोवा मुझको युद्ध के लिये प्रशिक्षित करता है।
यहोवा मुझसे प्रेम रखता है और मेरी रक्षा करता है।
    यहोवा पर्वत के ऊपर, मेरा ऊँचा सुरक्षा स्थान है।
यहोवा मुझको बचा लाता है।
    यहोवा मेरी ढाल है।
मैं उसके भरोसे हूँ।
    यहोवा मेरे लोगों का शासन करने में मेरा सहायक है।

हे यहोवा, तेरे लिये लोग क्यों महत्वपूर्ण बने हैं
    तू हम पर क्यों ध्यान देता है?
मनुष्य का जीवन एक फूँक के समान होता है।
    मनुष्य का जीवन ढलती हुई छाया सा होता है।

हे यहोवा, तू अम्बर को चीर कर नीचे उतर आ।
    तू पर्वतो को छू ले कि उनसे धुँआ उठने लगे।
हे यहोवा, बिजलियाँ भेज दे और मेरे शत्रुओं को कही दूर भगा दे।
    अपने बाणों को चला और उन्हें विवश कर कि वे कहीं भाग जायें।
हे यहोवा, अम्बर से नीचे उतर आ और मुझ को उबार ले।
    इन, शत्रुओं के सागर में मुझे मत डूबने दे।
    मुझको इन परायों से बचा ले।
ये शत्रु झूठे हैं। ये बात ऐसी बनाते हैं
    जो सच नहीं होती है।

हे यहोवा, मैं नया गीत गाऊँगा तेरे उन अद्भुत कर्मो का तू जिन्हें करता है।
    मैं तेरा यश दस तार वाली वीणा पर गाऊँगा।
10 हे यहोवा, राजाओं की सहायता उनके युद्ध जीतने में करता है।
    यहोवा वे अपने सेवक दाऊद को उसके शत्रुओं के तलवारों से बचाया।
11 मुझको इन परदेशियों से बचा ले।
    ये शत्रु झूठे हैं,
    ये बातें बनाते हैं जो सच नहीं होती।

12 यह मेरी कामना है: पुत्र जवान हो कर विशाल पेड़ों जैसे मजबूत हों।
    और मेरी यह कामनाहै हमारी पुत्रियाँ महल की सुन्दर सजावटों सी हों।
13 यह मेरी कामना है
    कि हमारे खेत हर प्रकार की फसलों से भरपूर रहें।
    यह मेरी कामना है
कि हमारी भेड़े चारागाहों में
    हजारों हजार मेमने जनती रहे।
14     मेरी यह कामना है कि हमारे पशुओं के बहुत से बच्चे हों।
यह मेरी कामना है कि हम पर आक्रमण करने कोई शत्रु नहीं आए।
    यह मेरी कामना है कभी हम युद्ध को नहीं आए।
और मेरी यह कामना है कि हमारी गलियों में भय की चीखें नहीं उठें।

15 जब ऐसा होगा लोग अति प्रसन्न होंगे।
    जिनका परमेश्वर यहोवा है, वे लोग अति प्रसन्न रहते हैं।

भजन संहिता 42-43

दूसरा भाग

(भजनसंहिता 42–72)

संगीत निर्देशक के लिये कोरह परिवार का एक भक्ति गीत।

जैसे एक हिरण शीतल सरिता का जल पीने को प्यासा है।
    वैसे ही, हे परमेश्वर, मेरा प्राण तेरे लिये प्यासा है।
मेरा प्राण जीवित परमेश्वर का प्यासा है।
    मै उससे मिलने के लिये कब आ सकता हुँ?
रात दिन मेरे आँसू ही मेरा खाना और पीना है!
    हर समय मेरे शत्रु कहते हैं, “तेरा परमेश्वर कहाँ है?”

सो मुझे इन सब बातों को याद करने दे। मुझे अपना हृदय बाहर ऊँडेलने दे।
    मुझे याद है मैं परमेश्वर के मन्दिर में चला और भीड़ की अगुवाई करता था।
मुझे याद है वह लोगों के साथ आनन्द भरे प्रशंसा गीत गाना
    और वह उत्सव मनाना।

5-6 मैं इतना दुखी क्यों हूँ?
    मैं इतना व्याकुल क्यों हूँ?
मुझे परमेश्वर के सहारे की बाट जोहनी चाहिए।
    मुझे अब भी उसकी स्तुति का अवसर मिलेगा।
    वह मुझे बचाएगा।
हे मेरे परमेश्वर, मैं अति दुखी हूँ। इसलिए मैंने तुझे यरदन की घाटी में,
    हेर्मोन की पहाड़ी पर और मिसगार के पर्वत पर से पुकारा।
जैसे सागर से लहरे उठ उठ कर आती हैं।
    मैं सागर तंरगों का कोलाहल करता शब्द सुनता हूँ, वैसे ही मुझको विपतियाँ बारम्बार घेरी रहीं।
हे यहोवा, तेरी लहरों ने मुझको दबोच रखा है।
    तेरी तरंगों ने मुझको ढाप लिया है।

यदि हर दिन यहोवा सच्चा प्रेम दिखएगा, फिर तो मैं रात में उसका गीत गा पाऊँगा।
    मैं अपने सजीव परमेश्वर की प्रार्थना कर सकूँगा।
मैं अपने परमेश्वर, अपनी चट्टान से बातें करता हूँ।
    मैं कहा करता हूँ, “हे यहोवा, तूने मूझको क्यों बिसरा दिया हे
    यहोवा, तूने मुझको यह क्यों नहीं दिखाया कि मैं अपने शत्रुऔं से बच कैसे निकलूँ?”
10 मेरे शत्रुओं ने मुझे मारने का जतन किया।
    वे मुझ पर निज घृणा दिखाते हैं जब वे कहते हैं, “तेरा परमेश्वर कहाँ है?”

11 मैं इतना दुखी क्यों हूँ?
    मैं क्यों इतना व्याकुल हूँ?
मुझे परमेश्वर के सहारे की बाट जोहनी चाहिए।
    मुझे अब भी उसकी स्तुति करने का अवसर मिलगा।
    वह मुझे बचाएगा।

हे परमेस्वर, एक मनुष्य है जो तेरी अनुसरण नहीं करता वह मनुष्य दुष्ट है और झूठ बोलता है।
    हे परमेश्वर, मेरा मुकदमा लड़ और यह निर्णय कर कि कोन सत्य है।
    मुझे उस मनुष्य से बच ले।
हे परमेस्वर, तू ही मेरा शरणस्थल है!
    मुझको तूने क्यों बिसरा दिय
तूने मुझको यह क्यों नहीं दिखाया
    कि मै अपने श्त्रुओं से कैसे बच निकलूँ?
हे परमेश्वर, तू अपनी ज्योति और अपने सत्य को मुझ पर प्रकाशित होने दे।
    मुझको तेरी ज्योति और सत्य राह दिखायेंगे।
    वे मुझे तेरे पवित्र पर्वत और अपने घर को ले चलेंगे।
मैं तो परमेस्वर की वेदी के पास जाऊँगा।
    परमेश्वर मैं तेरे पास आऊँगा। वह मुझे आनन्दित करता है।
हे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर,
    मैं वीणा पर तेरी स्तुति करँगा।

मैं इतना दु:खी क्यों हुँ?
    मैं क्यों इतना व्यकुल हूँ?
मुझे परमेश्वर के सहारे की बाट जोहनी चाहिए।
    मुझे अब भी उसकी स्तुती का अवसर मिलेगा।
    वह मुझे बचाएगा।

निर्गमन 10:21-11:8

अंधकार

21 तब यहोवा ने मूसा से कहा, “अपनी बाहों को आकाश में ऊपर उठाओ और अंधकार मिस्र को ढक लेगा। यह अंधकार इतना सघन होगा कि तुम मानो उसे महसूस कर सकोगे।”

22 अतः मूसा ने हवा में बाहें उठाईं और घोर अन्धकार ने मिस्र को ढक लिया। मिस्र में तीन दिन तक अधंकार रहा। 23 कोई भी किसी अन्य को नहीं देख सकता था और तीन दिन तक कोई अपनी जगह से नहीं उठ सका। किन्तु उन सभी जगहों पर जहाँ इस्राएल के लोग रहते थे, प्रकाश था।

24 फ़िरौन ने मूसा को फिर बुलाया। फ़िरौन ने कहा, “जाओ और यहोवा की उपासना करो! तुम अपने साथ अपने बच्चों को ले जा सकते हो। केवल अपनी भेड़ें और पशु यहाँ छोड़ देना।”

25 मूसा ने कहा, “हम लोग केवल अपनी भेड़ें और पशु ही अपने साथ नहीं ले जाएंगे बल्कि जब हम लोग जाएंगे तुम हम लोगों को भेंट और बलि भी दोगे और हम लोग इन बलियों का अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना के रूप में प्रयोग करेंगे। 26 हम लोग अपने जानवर अपने साथ अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना के लिए ले जाएंगे। एक खुर भी पीछे नहीं छोड़ा जाएगा। अभी तक हम नहीं जानते कि यहोवा की उपासना के लिए किन चीज़ों की सचमुच आवश्यकता पड़ेगी। यह हम लोग तब जान सकेंगे जब हम लोग वहाँ पहुँचेंगे जहाँ हम जा रहे हैं। अतः ये सभी चीज़ें अवश्य ही हम अपने साथ ले जाएंगे।”

27 यहोवा ने फ़िरौन को फिर हठी बनाया। इसलिए फ़िरौन ने उनको जाने से मना कर दिया। 28 तब फ़िरौन ने मूसा से कहा, “मुझ से दूर हो जाओ। मैं नहीं चाहता कि तुम यहाँ फिर आओ! इसके बाद यदि तुम मुझसे मिलने आओगे तो मारे जाओगे!”

29 तब मूसा ने फिरौन से कहा, “तुम जो कहते हो, सही है। मैं तुमसे मिलने फिर कभी नहीं आऊँगा!”

पहलौठों की मृत्यु

11 तब यहोवा ने मूसा से कहा, “फिरौन और मिस्र के विरुद्ध मैं एक और विपत्ति लाऊँगा। इसके बाद वह तुम लोगों को मिस्र से भेज देगा। वस्तुतः वह तुम लोगों को यह देश छोड़ने को विवश करेगा। तुम इस्राएल के लोगों को यह सन्देश अवश्य देना: ‘तुम सभी स्त्री और पुरुष अपने पड़ोसियों से चाँदी और सोने की बनी चीजें माँगना। यहोवा मिस्रियों को तुम लोगों पर कृपालु बनाएगा। मिस्री लोग, यहाँ तक कि फ़िरौन के अधिकारी भी पहले से मूसा को महान पुरुष समझते हैं।’”

मूसा ने लोगों से कहा, “यहोवा कहता है, ‘आज आधी रात के समय, मैं मिस्र से होकर गुजरुँगा, और मिस्र का हर एक पहलौठा पुत्र मिस्र के शासक फ़िरौन के पहलौठे पुत्र से लेकर चक्की चलाने वाली दासी तक का पहलौठा पुत्र मर जाएगा। पहलौठे नर जानवर भी मरेंगे। मिस्र की समूची धरती पर रोना—पीटना मचेगा। यह रोना—पीटना किसी भी गुजरे समय के रोने—पीटने से अधिक बुरा होगा और यह भविष्य के किसी भी रोने—पीटने के समय से अधिक बुरा होगा। किन्तु इस्राएल के किसी व्यक्ति को कोई चोट नहीं पहुँचेगी। यहाँ तक कि उन पर कोई कुत्ता तक नहीं भौंकेगा। इस्राएल के लोगों के किसी व्यक्ति या किसी जानवर को कोई चोट नहीं पहुँचेगी। इस प्रकार तुम लोग जानोगे कि मैंने मिस्रियों के साथ इस्राएल वालों से भिन्न व्यवहार किया है। तब ये सभी तुम लोगों के दास मिस्री झुक कर मुझे प्रणाम करेंगे और मेरी उपासना करेंगे। वे कहेंगे, “जाओ, और अपने सभी लोगों को अपने साथ ले जाओ।” तब मैं फ़िरौन को क्रोध में छोड़ दूँगा।’”

2 कुरिन्थियों 4:13-18

13 शास्त्र में लिखा है, “मैंने विश्वास किया था इसलिए मैं बोला।” हममें भी विश्वास की वही आत्मा है और हम भी विश्वास करते हैं इसीलिए हम भी बोलते हैं। 14 क्योंकि हम जानते हैं कि जिसने प्रभु यीशु को मरे हुओं में से जिला कर उठाया, वह हमें भी उसी तरह जीवित करेगा जैसे उसने यीशु को जिलाया था। और हमें भी तुम्हारे साथ अपने सामने खड़ा करेगा। 15 ये सब बातें तुम्हारे लिये ही की जा रही हैं, ताकि अधिक से अधिक लोगों में फैलती जा रही परमेश्वर का अनुग्रह, परमेश्वर को महिमा मण्डित करने वाले आधिकाधिक धन्यवाद देने में प्रतिफलित हो सके।

विश्वास से जीवन

16 इसलिए हम निराश नहीं होते। यद्यपि हमारे भौतिक शरीर क्षीण होते जा रहे हैं, तो भी हमारी अंतरात्मा प्रतिदिन नयी से नयी होती जा रही है। 17 हमारा पल भर का यह छोटा-मोटा दुःख एक अनन्त अतुलनीय महिमा पैदा कर रहा है। 18 जो कुछ देखा जा सकता है, हमारी आँखें उस पर नहीं टिकी हैं, बल्कि अदृश्य पर टिकी हैं। क्योंकि जो देखा जा सकता है, वह विनाशी है, जबकि जिसे नहीं देखा जा सकता, वह अविनाशी है।

मरकुस 10:46-52

अंधे को आँखें

(मत्ती 20:29-34; लूका 18:35-43)

46 फिर वे यरीहो आये और जब यीशु अपने शिष्यों और एक बड़ी भीड़ के साथ यरीहो को छोड़ कर जा रहा था, तो बरतिमाई (अर्थ “तिमाई का पुत्र”) नाम का एक अंधा भिखारी सड़क के किनारे बैठा था। 47 जब उसने सुना कि वह नासरी यीशु है, तो उसने ऊँचे स्वर में पुकार पुकार कर कहना शुरु किया, “दाऊद के पुत्र यीशु, मुझ पर दया कर।”

48 बहुत से लोगों ने डाँट कर उसे चुप रहने को कहा। पर वह और भी ऊँचे स्वर में पुकारने लगा, “दाऊद के पुत्र, मुझ पर दया कर!”

49 तब यीशु रुका और बोला, “उसे मेरे पास लाओ।”

सो उन्होंने उस अंधे व्यक्ति को बुलाया और उससे कहा, “हिम्मत रख! खड़ा हो! वह तुझे बुला रहा है।” 50 वह अपना कोट फेंक कर उछल पड़ा और यीशु के पास आया।

51 फिर यीशु ने उससे कहा, “तू मुझ से अपने लिए क्या करवाना चाहता है?”

अंधे ने उससे कहा, “हे रब्बी, मैं फिर से देखना चाहता हूँ।”

52 तब यीशु बोला, “जा, तेरे विश्वास से तेरा उद्धार हुआ।” फिर वह तुरंत देखने लगा और मार्ग में यीशु के पीछे हो लिया।

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