Bible in 90 Days
संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक स्तुति गीत।
1 हे परमेश्वर, मेरी विनती की ओर से
अपने कान तू मत मूँद!
2 दुष्ट जन मेरे विषय में झूठी बातें कर रहे हैं।
वे दुष्ट लोग ऐसा कह रहें जो सच नहीं है।
3 लोग मेरे विषय में घिनौनी बातें कह रहे हैं।
लोग मुझ पर व्यर्थ ही बात कर रहे हैं।
4 मैंने उन्हें प्रेम किया, वे मुझसे बैर करते हैं।
इसलिए, परमेश्वर अब मैं तुझ से प्रार्थना कर रहा हूँ।
5 मैंने उन व्यक्तियों के साथ भला किया था।
किन्तु वे मेरे लिये बुरा कर रहे हैं।
मैंने उन्हें प्रेम किया,
किन्तु वे मुझसे बैर रखते हैं।
6 मेरे उस शत्रु ने जो बुरे काम किये हैं उसको दण्ड दे।
ऐसा कोई व्यक्ति ढूँढ जो प्रमाणित करे कि वह सही नहीं है।
7 न्यायाधीश न्याय करे कि शत्रु ने मेरा बुरा किया है, और मेरे शत्रु जो भी कहे वह अपराधी है
और उसकी बातें उसके ही लिये बिगड़ जायें।
8 मेरे शत्रु को शीघ्र मर जाने दे।
मेरे शत्रु का काम किसी और को लेने दे।
9 मेरे शत्रु की सन्तानों को अनाथ कर दे और उसकी पत्नी को तू विधवा कर दे।
10 उनका घर उनसे छूट जायें
और वे भिखारी हो जायें।
11 कुछ मेरे शत्रु का हो उसका लेनदार छीन कर ले जायें।
उसके मेहनत का फल अनजाने लोग लूट कर ले जायें।
12 मेरी यही कामना है, मेरे शत्रु पर कोई दया न दिखाये,
और उसके सन्तानों पर कोई भी व्यक्ति दया नहीं दिखलाये।
13 पूरी तरह नष्ट कर दे मेरे शत्रु को।
आने वाली पीढ़ी को हर किसी वस्तु से उसका नाम मिटने दे।
14 मेरी कामना यह है कि मेरे शत्रु के पिता
और माता के पापों को यहोवा सदा ही याद रखे।
15 यहोवा सदा ही उन पापों को याद रखे
और मुझे आशा है कि वह मेरे शत्रु की याद मिटाने को लोगों को विवश करेगा।
16 क्यों? क्योंकि उस दुष्ट ने कोई भी अच्छा कर्म कभी भी नहीं किया।
उसने किसी को कभी भी प्रेम नहीं किया।
उसने दीनों असहायों का जीना कठिन कर दिया।
17 उस दुष्ट लोगों को शाप देना भाता था।
सो वही शाप उस पर लौट कर गिर जाये।
उस बुरे व्यक्ति ने कभी आशीष न दी कि लोगों के लिये कोई भी अच्छी बात घटे।
सो उसके साथ कोई भी भली बात मत होने दे।
18 वह शाप को वस्त्रों सा ओढ़ लें।
शाप ही उसके लिये पानी बन जाये
वह जिसको पीता रहे।
शाप ही उसके शरीर पर तेल बनें।
19 शाप ही उस दुष्ट जन का वस्त्र बने जिनको वह लपेटे,
और शाप ही उसके लिये कमर बन्द बने।
20 मुझको यह आशा है कि यहोवा मेरे शत्रु के साथ इन सभी बातों को करेगा।
मुझको यह आशा है कि यहोवा इन सभी बातों को उनके साथ करेगा जो मेरी हत्या का जतन कर रहे है।
21 यहोवा तू मेरा स्वामी है। सो मेरे संग वैसा बर्ताव कर जिससे तेरे नाम का यश बढ़े।
तेरी करूणा महान है, सो मेरी रक्षा कर।
22 मैं बस एक दीन, असहाय जन हूँ।
मैं सचमुच दु:खी हूँ। मेरा मन टूट चुका है।
23 मुझे ऐसा लग रहा जैसे मेरा जीवन साँझ के समय की लम्बी छाया की भाँति बीत चुका है।
मुझे ऐसा लग रहा जैसे किसी खटमल को किसी ने बाहर किया।
24 क्योंकि मैं भूखा हूँ इसलिए मेरे घुटने दुर्बल हो गये हैं।
मेरा भार घटता ही जा रहा है, और मैं सूखता जा रहा हूँ।
25 बुरे लोग मुझको अपमानित करते।
वे मुझको घूरते और अपना सिर मटकाते हैं।
26 यहोवा मेरा परमेश्वर, मुझको सहारा दे!
अपना सच्चा प्रेम दिखा और मुझको बचा ले!
27 फिर वे लोग जान जायेंगे कि तूने ही मुझे बचाया है।
उनको पता चल जायेगा कि वह तेरी शक्ति थी जिसने मुझको सहारा दिया।
28 वे लोग मुझे शाप देते रहे। किन्तु यहोवा मुझको आशीर्वाद दे सकता है।
उन्होंने मुझ पर वार किया, सो उनको हरा दे।
तब मैं, तेरा दास, प्रसन्न हो जाऊँगा।
29 मेरे शत्रुओं को अपमानित कर!
वे अपने लाज से ऐसे ढक जायें जैसे परिधान का आवरण ढक लेता।
30 मैं यहोवा का धन्यवाद करता हूँ।
बहुत लोगों के सामने मैं उसके गुण गाता हूँ।
31 क्यों? क्योंकि यहोवा असहाय लोगों का साथ देता है।
परमेश्वर उनको दूसरे लोगों से बचाता है, जो प्राणदण्ड दिलवाकर उनके प्राण हरने का यत्न करते हैं।
दाऊद का एक स्तुति गीत।
1 यहोवा ने मेरे स्वामी से कहा,
“तू मेरे दाहिने बैठ जा, जब तक कि मैं तेरे शत्रुओं को तेरे पाँव की चौकी नहीं कर दूँ।”
2 तेरे राज्य के विकास में यहोवा सहारा देगा। तेरे राज्य का आरम्भ सिय्योन पर होगा,
और उसका विकास तब तक होता रहेगा, जब तक तू अपने शत्रुओं पर उनके अपने ही देश में राज करेगा।
3 तेरे पराक्रम के दिन तेरी प्रजा के लोग स्वेच्छा वलि बनेंगे।
तेरे जवान पवित्रता से सुशोभित
भोर के गर्भ से जन्मी
ओस के समान तेरे पास है।
4 यहोवा ने एक वचन दिया, और यहोवा अपना मन नहीं बदलेगा: “तू नित्य याजक है।
किन्तु हारून के परिवार समूह से नहीं।
तेरी याजकी भिन्न है।
तू मेल्कीसेदेक के समूह की रीति का याजक है।”
5 मेरे स्वामी, तूने उस दिन अपना क्रोध प्रकट किया था।
अपने महाशक्ति को काम में लिया था और दूसरे राजाओं को तूने हरा दिया था।
6 परमेश्वर राष्ट्रों का न्याय करेगा।
परमेश्वर ने उस महान धरती पर शत्रुओं को हरा दिया।
उनकी मृत देहों से धरती फट गयी थी।
7 राह के झरने से जल पी के ही राजा अपना सिर उठायेगा
और सचमुच बलशाली होगा!
1 यहोवा के गुण गाओ!
यहोवा का अपने सम्पूर्ण मन से ऐसी उस सभा में धन्यवाद करता हूँ
जहाँ सज्जन मिला करते हैं।
2 यहोवा ऐसे कर्म करता है, जो आश्चर्यपूर्ण होते हैं।
लोग हर उत्तम वस्तु चाहते हैं, वही जो परमेश्वर से आती है।
3 परमेश्वर ऐसे कर्म करता है जो सचमुच महिमावान और आश्चर्यपूर्ण होते हैं।
उसका खरापन सदा—सदा बना रहता है।
4 परमेश्वर अद्भुत कर्म करता है ताकि हम याद रखें
कि यहोवा करूणापूर्ण और दया से भरा है।
5 परमेश्वर निज भक्तों को भोजन देता है।
परमेश्वर अपनी वाचा को याद रखता है।
6 परमेश्वर के महान कार्य उसके प्रजा को यह दिखाया
कि वह उनकी भूमि उन्हें दे रहा है।
7 परमेश्वर जो कुछ करता है वह उत्तम और पक्षपात रहित है।
उसके सभी आदेश पूरे विश्वास योग्य हैं।
8 परमेश्वर के आदेश सदा ही बने रहेंगे।
परमेश्वर के उन आदेशों को देने के प्रयोजन सच्चे थे और वे पवित्र थे।
9 परमेश्वर निज भक्तों को बचाता है।
परमेश्वर ने अपनी वाचा को सदा अटल रहने को रचा है, परमेश्वर का नाम आश्चर्यपूर्ण है और वह पवित्र है।
10 विवेक भय और यहोवा के आदर से उपजता है।
वे लोग बुद्धिमान होतेहैं जो यहोवा का आदर करते हैं।
यहोवा की स्तुति सदा गायी जायेगी।
1 यहोवा की प्रशंसा करो!
ऐसा व्यक्ति जो यहोवा से डरता है। और उसका आदर करता है।
वह अति प्रसन्न रहेगा। परमेश्वर के आदेश ऐसे व्यक्ति को भाते हैं।
2 धरती पर ऐसे व्यक्ति की संतानें महान होंगी।
अच्छे व्यक्तियों कि संताने सचमुच धन्य होंगी।
3 ऐसे व्यक्ति का घराना बहुत धनवान होगा
और उसकी धार्मिकता सदा सदा बनी रहेगी।
4 सज्जनों के लिये परमेश्वर ऐसा होता है जैसे अंधेरे में चमकता प्रकाश हो।
परमेश्वर खरा है, और करूणापूर्ण है और दया से भरा है।
5 मनुष्य को अच्छा है कि वह दयालु और उदार हो।
मनुष्य को यह उत्तम है कि वह अपने व्यापार में खरा रहे।
6 ऐसा व्यक्ति का पतन कभी नहीं होगा।
एक अच्छे व्यक्ति को सदा याद किया जायेगा।
7 सज्जन को विपद से डरने की जरूरत नहीं।
ऐसा व्यक्ति यहोवा के भरोसे है आश्वस्त रहता है।
8 ऐसा व्यक्ति आश्वस्त रहता है।
वह भयभीत नहीं होगा। वह अपने शत्रुओं को हरा देगा।
9 ऐसा व्यक्ति दीन जनों को मुक्त दान देता है।
उसके पुण्य कर्म जिन्हें वह करता रहता है
वह सदा सदा बने रहेंगे।
10 कुटिल जन उसको देखेंगे और कुपित होंगे।
वे क्रोध में अपने दाँतों को पीसेंगे और फिर लुप्त हो जायेंगे।
दुष्ट लोग उसको कभी नहीं पायेंगे जिसे वह सब से अधिक पाना चाहते हैं।
1 यहोवा की प्रशंसा करो!
हे यहोवा के सेवकों यहोवा की स्तुति करो, उसका गुणगान करो!
यहोवा के नाम की प्रशंसा करो!
2 यहोवा का नाम आज और सदा सदा के लिये और अधिक धन्य हो।
यह मेरी कामना है।
3 मेरी यह कामना है, यहोवा के नाम का गुण पूरब से जहाँ सूरज उगता है,
पश्चिम तक उस स्थान में जहाँ सूरज डूबता है गाया जाये।
4 यहोवा सभी राष्ट्रों से महान है।
उसकी महिमा आकाशों तक उठती है।
5 हमारे परमेश्वर के समान कोई भी व्यक्ति नहीं है।
परमेश्वर ऊँचे अम्बर में विराजता है।
6 ताकि परमेश्वर अम्बर
और नीचे धरती को देख पाये।
7 परमेश्वर दीनों को धूल से उठाता है।
परमेश्वर भिखारियों को कूड़े के घूरे से उठाता है।
8 परमेश्वर उन्हें महत्वपूर्ण बनाता है।
परमेश्वर उन लोगों को महत्वपूर्ण मुखिया बनाता है।
9 चाहै कोई निपूती बाँझ स्त्री हो, परमेश्वर उसे बच्चे दे देगा
और उसको प्रसन्न करेगा।
यहोवा का गुणगान करो!
1 इस्राएल ने मिस्र छोड़ा।
याकूब (इस्राएल) ने उस अनजान देश को छोड़ा।
2 उस समय यहूदा परमेश्वर का विशेष व्यक्ति बना,
इस्राएल उसका राज्य बन गया।
3 इसे लाल सागर देखा, वह भाग खड़ा हुआ।
यरदन नदी उलट कर बह चली।
4 पर्वत मेंढ़े के समान नाच उठे!
पहाड़ियाँ मेमनों जैसी नाची।
5 हे लाल सागर, तू क्यों भाग उठा हे यरदन नदी,
तू क्यों उलटी बही
6 पर्वतों, क्यों तुम मेंढ़े के जैसे नाचे
और पहाड़ियों, तुम क्यों मेमनों जैसी नाची
7 यकूब के परमेश्वर, स्वामी यहोवा के सामने धरती काँप उठी।
8 परमेश्वर ने ही चट्टानों को चीर के जल को बाहर बहाया।
परमेश्वर ने पक्की चट्टान से जल का झरना बहाया था।
1 यहोवा! हमको कोई गौरव ग्रहण नहीं करना चाहिये।
गौरव तो तेरा है।
तेरे प्रेम और निष्ठा के कारण गौरव तेरा है।
2 राष्ट्रों को क्यों अचरज हो कि
हमारा परमेश्वर कहाँ है?
3 परमेश्वर स्वर्ग में है।
जो कुछ वह चाहता है वही करता रहता है।
4 उन जातियों के “देवता” बस केवल पुतले हैं जो सोने चाँदी के बने है।
वह बस केवल पुतले हैं जो किसी मानव ने बनाये।
5 उन पुतलों के मुख है, पर वे बोल नहीं पाते।
उनकी आँखे हैं, पर वे देख नहीं पाते।
6 उनके कान हैं, पर वे सुन नहीं सकते।
उनकी पास नाक है, किन्तु वे सूँघ नहीं पाते।
7 उनके हाथ हैं, पर वे किसी वस्तु को छू नहीं सकते,
उनके पास पैर हैं, पर वे चल नहीं सकते।
उनके कंठो से स्वर फूटते नहीं हैं।
8 जो व्यक्ति इस पुतले को रखते
और उनमें विश्वास रखते हैं बिल्कुल इन पुतलों से बन जायेंगे!
9 ओ इस्राएल के लोगों, यहोवा में भरोसा रखो!
यहोवा इस्राएल को सहायता देता है और उसकी रक्षा करता है
10 ओ हारुन के घराने, यहोवा में भरोसा रखो!
हारुन के घराने को यहोवा सहारा देता है, और उसकी रक्षा करता है।
11 यहोवा की अनुयायिओं, यहोवा में भरोसा रखे!
यहोवा सहारा देता है और अपने अनुयायिओं की रक्षा करता है।
12 यहोवा हमें याद रखता है।
यहोवा हमें वरदान देगा,
यहोवा इस्राएल को धन्य करेगा।
यहोवा हारून के घराने को धन्य करेगा।
13 यहोवा अपने अनुयायिओं को, बड़ोंको
और छोटों को धन्य करेगा।
14 मुझे आशा है यहोवा तुम्हारी बढ़ोतरी करेगा
और मुझे आशा है, वह तुम्हारी संतानों को भी अधिकाधिक देगा।
15 यहोवा तुझको वरदान दिया करता है!
यहोवा ने ही स्वर्ग और धरती बनाये हैं!
16 स्वर्ग यहोवा का है।
किन्तु धरती उसने मनुष्यों को दे दिया।
17 मरे हुए लोग यहोवा का गुण नहीं गाते।
कब्र में पड़े लोग यहोवा का गुणगान नहीं करते।
18 किन्तु हम यहोवा का धन्यवाद करते हैं,
और हम उसका धन्यवाद सदा सदा करेंगे!
यहोवा के गुण गाओ!
1 जब यहोवा मेरी प्रार्थनाएँ सुनता है
यह मुझे भाता है।
2 जब मै सहायता पाने उसको पुकारता हूँ वह मेरी सुनता है:
यह मुझे भाता है।
3 मैं लगभग मर चुका था।
मेरे चारों तरफ मौत के रस्से बंध चुके थे। कब्र मुझको निगल रही थी।
मैं भयभीत था और मैं चिंतित था।
4 तब मैंने यहोवा के नाम को पुकारा,
मैंने कहा, “यहोवा, मुझको बचा ले।”
5 यहोवा खरा है और दयापूर्ण है।
परमेश्वर करूणापूर्ण है।
6 यहोवा असहाय लोगों की सुध लेता है।
मैं असहाय था और यहोवा ने मुझे बचाया।
7 हे मेरे प्राण, शांत रह।
यहोवा तेरी सुधि रखता है।
8 हे परमेश्वर, तूने मेरे प्राण मृत्यु से बचाये।
मेरे आँसुओं को तूने रोका और गिरने से मुझको तूने थाम लिया।
9 जीवितों की धरती में मैं यहोवा की सेवा करता रहूँगा।
10 यहाँ तक मैंने विश्वास बनाये रखा जब मैंने कह दिया था,
“मैं बर्बाद हो गया!”
11 मैंने यहाँ तक विश्वास सम्भाले रखा जब कि मैं भयभीत था
और मैंने कहा, “सभी लोग झूठे हैं!”
12 मैं भला यहोवा को क्या अर्पित कर सकता हूँ
मेरे पास जो कुछ है वह सब यहोवा का दिया है!
13 मैं उसे पेय भेंट दूँगा
क्योंकि उसने मुझे बचाया है।
मैं यहोवा के नाम को पुकारूँगा।
14 जो कुछ मन्नतें मैंने मागी हैं वे सभी मैं यहोवा को अर्पित करूँगा,
और उसके सभी भक्तों के सामने अब जाऊँगा।
15 किसी एक की भी मृत्यु जो यहोवा का अनुयायी है, यहोवा के लिये अति महत्वपूर्ण है।
हे यहोवा, मैं तो तेरा एक सेवक हूँ!
16 मैं तेरा सेवक हूँ।
मैं तेरी किसी एक दासी का सन्तान हूँ।
यहोवा, तूने ही मुझको मेरे बंधनों से मुक्त किया!
17 मैं तुझको धन्यवाद बलि अर्पित करूँगा।
मैं यहोवा के नाम को पुकारूँगा।
18 मैं यहोवा को जो कुछ भी मन्नतें मानी है वे सभी अर्पित करूँगा,
और उसके सभी भक्तों के सामने अब जाऊँगा।
19 मैं मन्दिर में जाऊँगा
जो यरूशलेम में है।
यहोवा के गुण गाओ!
1 अरे ओ सब राष्ट्रों यहोवा कि प्रशंसा करो।
अरे ओ सब लोगों यहोवा के गुण गाओ।
2 परमेश्वर हमें बहुत प्रेम करता है!
परमेश्वर हमारे प्रति सदा सच्चा रहेगा!
यहोवा के गुण गाओ!
1 यहोवा का मान करो क्योंकि वह परमेश्वर है।
उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!
2 इस्राएल यह कहता है,
“उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!”
3 याजक ऐसा कहते हैं,
“उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!”
4 तुम लोग जो यहोवा की उपासना करते हो, कहा करते हो,
“उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!”
5 मैं संकट में था सो सहारा पाने को मैंने यहोवा को पुकारा।
यहोवा ने मुझको उत्तर दिया और यहोवा ने मुझको मुक्त किया।
6 यहोवा मेरे साथ है सो मैं कभी नहीं डरूँगा।
लोग मुझको हानि पहुँचाने कुछ नहीं कर सकते।
7 यहोवा मेरा सहायक है।
मैं अपने शत्रुओं को पराजित देखूँगा।
8 मनुष्यों पर भरोसा रखने से
यहोवा पर भरोसा रखना उत्तम है।
9 अपने मुखियाओं पर भरोसा रखने से
यहोवा पर भरोसा रखना उत्तम है।
10 मुझको अनेक शत्रुओं ने घेर लिया है।
यहोवा की शक्ति से मैंने अपने बैरियों को हरा दिया।
11 शत्रुओं ने मुझको फिर घेर लिया।
यहोवा की शक्ति से मैंने उनको हराया।
12 शत्रुओं ने मुझे मधु मक्खियों के झुण्ड सा घेरा।
किन्तु, वे एक शीघ्र जलती हुई झाड़ी के समान नष्ट हुआ।
यहोवा की शक्ति से मैंने उनको हराया।
13 मेरे शत्रुओं ने मुझ पर प्रहार किया और मुझे लगभग बर्बाद कर दिया
किन्तु यहोवा ने मुझको सहारा दिया।
14 यहोवा मेरी शक्ति और मेरा विजय गीत है।
यहोवा मेरी रक्षा करता है।
15 सज्जनों के घर में जो विजय पर्व मन रहा तुम उसको सुन सकते हो।
देखो, यहोवा ने अपनी महाशक्ति फिर दिखाई है।
16 यहोवा की भुजाये विजय में उठी हुई हैं।
देखो यहोवा ने अपनी महाशक्ति फिर से दिखाई।
17 मैं जीवित रहूँगा, मैं मरूँगा नहीं,
और जो कर्म यहोवा ने किये हैं, मैं उनका बखान करूँगा।
18 यहोवा ने मुझे दण्ड दिया
किन्तु मरने नहीं दिया।
19 हे पुण्य के द्वारों तुम मेरे लिये खुल जाओ
ताकि मैं भीतर आ पाऊँ और यहोवा की आराधना करूँ।
20 वे यहोवा के द्वार है।
बस केवल सज्जन ही उन द्वारों से होकर जा सकते हैं।
21 हे यहोवा, मेरी विनती का उत्तर देने के लिये तेरा धन्यवाद।
मेरी रक्षा के लिये मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ।
22 जिसको राज मिस्त्रियों ने नकार दिया था
वही पत्थर कोने का पत्थर बन गया।
23 यहोवा ने इसे घटित किया
और हम तो सोचते हैं यह अद्भुत है!
24 यहोवा ने आज के दिन को बनाया है।
आओ हम हर्ष का अनुभव करें और आज आनन्दित हो जाये!
25 लोग बोले, “यहोवा के गुण गाओ!
यहोवा ने हमारी रक्षा की है!
26 उस सब का स्वागत करो जो यहोवा के नाम में आ रहे हैं।”
याजकों ने उत्तर दिया, “यहोवा के घर में हम तुम्हारा स्वागत करते हैं!
27 यहोवा परमेश्वर है, और वह हमें अपनाता है।
बलि के लिये मेमने को बाँधों और वेदी के कंगूरों पर मेमने को ले जाओ।”
28 हे यहोवा, तू हमारा परमेश्वर है, और मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ।
मैं तेरे गुण गाता हूँ!
29 यहोवा की प्रशंसा करो क्योंकि वह उत्तम है।
उसकी सत्य करूणा सदा बनी रहती है।
आलेफ
1 जो लोग पवित्र जीवन जीते हैं, वे प्रसन्न रहते हैं।
ऐसे लोग यहोवा की शिक्षाओं पर चलते हैं।
2 लोग जो यहोवा की विधान पर चलते हैं, वे प्रसन्न रहते हैं।
अपने समग्र मन से वे यहोवा की मानते हैं।
3 वे लोग बुरे काम नहीं करते।
वे यहोवा की आज्ञा मानते हैं।
4 हे यहोवा, तूने हमें अपने आदेश दिये,
और तूने कहा कि हम उन आदेशों का पूरी तरह पालन करें।
5 हे यहोवा, यादि मैं सदा
तेरे नियमों पर चलूँ,
6 जब मैं तेरे आदेशों को विचारूँगा
तो मुझे कभी भी लज्जित नहीं होना होगा।
7 जब मैं तेरे खरेपन और तेरी नेकी को विचारता हूँ
तब सचमुच तुझको मान दे सकता हूँ।
8 हे यहोवा, मैं तेरे आदेशों का पालन करूँगा।
सो कृपा करके मुझको मत बिसरा!
वेथ्
9 एक युवा व्यक्ति कैसे अपना जीवन पवित्र रख पाये
तेरे निर्देशों पर चलने से।
10 मैं अपने पूर्ण मन से परमेश्वर कि सेवा का जतन करता हूँ।
परमेश्वर, तेरे आदेशों पर चलने में मेरी सहायता कर।
11 मैं बड़े ध्यान से तेरे आदेशों का मनन किया करता हूँ।
क्यों ताकि मैं तेरे विरूद्ध पाप पर न चलूँ।
12 हे यहोवा, तेरा धन्यवाद!
तू अपने विधानों की शिक्षा मुझको दे।
13 तेरे सभी निर्णय जो विवेकपूर्ण हैं। मैं उनका बखान करूँगा।
14 तेरे नियमों पर मनन करना,
मुझको अन्य किसी भी वस्तु से अधिक भाता है।
15 मैं तेरे नियमों की चर्चा करता हूँ,
और मैं तेरे समान जीवन जीता हूँ।
16 मैं तेरे नियमों में आनन्द लेता हूँ।
मैं तेरे वचनों को नहीं भूलूँगा।
गिमेल्
17 तेरे दास को योग्यता दे
और मैं तेरे नियमों पर चलूँगा।
18 हे यहोवा, मेरी आँख खोल दे और मैं तेरी शिक्षाओं के भीतर देखूँगा।
मैं उन अद्भुत बातों का अध्ययन करूँगा जिन्हें तूने किया है।
19 मैं इस धरती पर एक अनजाना परदेशी हूँ।
हे यहोवा, अपनी शिक्षाओं को मुझसे मत छिपा।
20 मैं हर समय तेरे निर्णयों का
पाठ करना चाहता हूँ।
21 हे यहोवा, तू अहंकारी जन की आलोचना करता है।
उन अहंकारी लोगों पर बुरी बातें घटित होंगी। वे तेरे आदेशों पर चलना नकारते हैं।
22 मुझे लज्जित मत होने दे, और मुझको असमंजस में मत डाल।
मैंने तेरी वाचा का पालन किया है।
23 यहाँ तक कि प्रमुखों ने भी मेरे लिये बुरी बातें की हैं।
किन्तु मैं तो तेरा दास हूँ।
मैं तेरे विधान का पाठ किया करता हूँ।
24 तेरी वाचा मेरा सर्वोत्तम मिस्र है।
यह मुझको अच्छी सलाह दिया करता है।
दालथ्
25 मैं शीघ्र मर जाऊँगा।
हे यहोवा, तू आदेश दे और मुझे जीने दे।
26 मैंने तुझे अपने जीवन के बारे में बताया है, तूने मुझे उत्तर दिया है।
अब तू मुझको अपना विधान सिखा।
27 हे यहोवा, मेरी सहायता कर ताकि मैं तेरी व्यवस्था का विधान समझूँ।
मुझे उन अद्भुत कर्मो का चिंतन करने दे जिन्हें तूने किया है।
28 मैं दु:खी और थका हूँ।
मुझको आदेश दे और अपने वचन के अनुसार मुझको तू फिर सुदृढ़ बना दे।
29 हे यहोवा, मुझे कोई झूठ मत जीने दे।
अपनी शिक्षाओं से मुझे राह दिखा दे।
30 हे यहोवा, मैंने चुना है कि तेरे प्रति निष्ठावान रहूँ।
मैं तेरे विवेकपूर्ण निर्णयों का सावधानी से पाठ किया करता हूँ।
31 हे यहोवा, तेरी वाचा के संग मेरी लगन लगी है।
तू मुझको निराश मत कर।
32 मैं तेरे आदेशों का पालन प्रसन्नता के संग किया करूँगा।
हे यहोवा, तेरे आदेश मुझे अति प्रसन्न करते हैं।
हेथ्
33 हे यहोवा, तू मुझे अपनी व्यवस्था सिखा
तब मैं उनका अनुसरण करूँगा।
34 मुझको सहारा दे कि मैं उनको समझूँ
और मैं तेरी शिक्षाओं का पालन करुँगा।
मैं पूरी तरह उनका पालन करूँगा।
35 हे यहोवा, तू मुझको अपने आदेशों की राह पर ले चल।
मुझे सचमुच तेरे आदेशों से प्रेम है। मेरा भला कर और मुझे जीने दे।
36 मेरी सहायता कर कि मैं तेरे वाचा का मनन करूँ,
बजाय उसके कि यह सोचता रहूँ कि कैसे धनवान बनूँ।
37 हे यहोवा, मुझे अद्भुत वस्तुओं पाने को
कठिन जतन मत करने दे।
38 हे यहोवा, मैं तेरा दास हूँ। सो उन बातों को कर जिनका वचन तूने दिये है।
तूने उन लोगों को जो पूर्वज हैं उन बातों को वचन दिया था।
39 हे यहोवा, जिस लाज से मुझको भय उसको तू दूर कर दे।
तेरे विवेकपूर्ण निर्णय अच्छे होते हैं।
40 देख मुझको तेरे आदेशोंसे प्रेम है।
मेरा भला कर और मुझे जीने दे।
वाव्
41 हे यहोवा, तू सच्चा निज प्रेम मुझ पर प्रकट कर।
मेरी रक्षा वैसे ही कर जैसे तूने वचन दिया।
42 तब मेरे पास एक उत्तर होगा। उनके लिये जो लोग मेरा अपमान करते हैं।
हे यहोवा, मैं सचमुच तेरी उन बातों के भरोसे हूँ जिनको तू कहता है।
43 तू अपनी शिक्षाएँ जो भरोसे योग्य है, मुझसे मत छीन।
हे यहोवा, तेरे विवेकपूर्ण निर्णयों का मुझे भरोसा है।
44 हे यहोवा, मैं तेरी शिक्षाओं का पालन सदा और सदा के लिये करूँगा।
45 सो मैं सुरक्षित जीवन जीऊँगा।
क्यों मैं तेरी व्यवस्था को पालने का कठिन जतन करता हूँ।
46 यहोवा के वाचा की चर्चा मैं राजाओं के साथ करूँगा
और वे मुझे संकट में कभी न डालेंगे।
47 हे यहोवा, मुझे तेरी व्यवस्थाओं का मनन भाता है।
तेरी व्यवस्थाओं से मुझको प्रेम है।
48 हे यहोवा, मैं तेरी व्यवस्थाओं के गुण गाता हूँ,
वे मुझे प्यारी हैं और मैं उनका पाठ करूँगा।
जाइन्
49 हे यहोवा, अपना वचन याद कर जो तूने मुझको दिया।
वही वचन मुझको आज्ञा दिया करता है।
50 मैं संकट में पड़ा था, और तूने मुझे चैन दिया।
तेरे वचनो ने फिर से मुझे जीने दिया।
51 लोग जो स्वयं को मुझसे उत्तम सोचते हैं, निरन्तर मेरा अपमान कर रहे हैं,
किन्तु हे यहोवा मैंने तेरी शिक्षाओं पर चलना नहीं छोड़ा।
52 मैं सदा तेरे विवेकपूर्ण निर्णयों का ध्यान करता हूँ।
हे यहोवा तेरे विवेकपूर्ण निर्णय से मुझे चैन है।
53 जब मैं ऐसे दुष्ट लोगों को देखता हूँ,
जिन्होंने तेरी शिक्षाओं पर चलना छोड़ा है, तो मुझे क्रोध आता है।
54 तेरी व्यवस्थायें मुझे ऐसी लगती है,
जैसे मेरे घर के गीत।
55 हे यहोवा, रात में मैं तेरे नाम का ध्यान
और तेरी शिक्षाएँ याद रखता हूँ।
56 इसलिए यह होता है कि मैं सावधानी से तेरे आदेशों को पालता हूँ।
हेथ्
57 हे यहोवा, मैंने तेरे उपदेशों पर चलना निश्चित किया यह मेरा कर्तव्य है।
58 हे यहोवा, मैं पूरी तरह से तुझ पर निर्भर हूँ,
जैसा वचन तूने दिया मुझ पर दयालु हो।
59 मैंने ध्यान से अपनी राह पर मनन किया
और मैं तेरी वाचा पर चलने को लौट आया।
60 मैंने बिना देर लगाये तेरे आदेशों पर चलने कि शीघ्रता की।
61 बुरे लोगों के एक दल ने मेरे विषय में बुरी बातें कहीं।
किन्तु यहोवा मैं तेरी शिक्षाओं को भूला नहीं।
62 तेरे सत निर्णयों का तुझे धन्यवाद देने
मैं आधी रात के बीच उठ बैठता हूँ।
63 जो कोई व्यक्ति तेरी उपासना करता मैं उसका मित्र हूँ।
जो कोई व्यक्ति तेरे आदेशों पर चलता है, मैं उसका मित्र हूँ।
64 हे यहोवा, यह धरती तेरी सत्य करूणा से भरी हुई है।
मुझको तू अपने विधान की शिक्षा दे।
तेथ्
65 हे यहोवा, तूने अपने दास पर भलाईयाँ की है।
तूने ठीक वैसा ही किया जैसा तूने करने का वचन दिया था।
66 हे यहोवा, मुझे ज्ञान दे कि मैं विवेकपूर्ण निर्णय लूँ,
तेरे आदेशों पर मुझको भरोसा है।
67 संकट में पड़ने से पहले, मैंने बहुत से बुरे काम किये थे।
किन्तु अब, सावधानी के साथ मैं तेरे आदेशों पर चलता हूँ।
68 हे परमेश्वर, तू खरा है, और तू खरे काम करता है,
तू अपनी विधान की शिक्षा मुझको दे।
69 कुछ लोग जो सोचते हैं कि वे मुझ से उत्तम हैं, मेरे विषय में बुरी बातें बनाते हैं।
किन्तु यहोवा मैं अपने पूर्ण मन के साथ तेरे आदेशों को निरन्तर पालता हूँ।
70 वे लोग महा मूर्ख हैं।
किन्तु मैं तेरी शिक्षाओं को पढ़ने में रस लेता हूँ।
71 मेरे लिये संकट अच्छ बन गया था।
मैंने तेरी शिक्षाओं को सीख लिया।
72 हे यहोवा, तेरी शिक्षाएँ मेरे लिए भली है।
तेरी शिक्षाएँ हजार चाँदी के टुकड़ों और सोने के टुकड़ों से उत्तम हैं।
योद्
73 हे यहोवा, तूने मुझे रचा है और निज हाथों से तू मुझे सहारा देता है।
अपने आदेशों को पढ़ने समझने में तू मेरी सहायता कर।
74 हे यहोवा, तेरे भक्त मुझे आदर देते हैं और वे प्रसन्न हैं
क्योंकि मुझे उन सभी बातों का भरोसा है जिन्हें तू कहता है।
75 हे यहोवा, मैं यह जानता हूँ कि तेरे निर्णय खरे हुआ करते हैं।
यह मेरे लिये उचित था कि तू मुझको दण्ड दे।
76 अब, अपने सत्य प्रेम से तू मुझ को चैन दे।
तेरी शिक्षाएँ मुझे सचमुच भाती हैं।
77 हे यहोवा, तू मुझे सुख चैन दे और जीवन दे।
मैं तेरी शिक्षाओं में सचमुच आनन्दित हूँ।
78 उन लोगों को जो सोचा करते है कि वे मुझसे उत्तम हैं, उनको निराश कर दे।
क्योंकि उन्होंने मेरे विषय में झूठी बातें कही है।
हे यहोवा, मैं तेरे आदेशों का पाठ किया करूँगा।
79 अपने भक्तों को मेरे पास लौट आने दे।
ऐसे उन लोगों को मेरे पास लौट आने दे जिनको तेरी वाचा का ज्ञान है।
80 हे यहोवा, तू मुझको पूरी तरह अपने आदेशों को पालने दे
ताकि मैं कभी लज्जित न होऊँ।
काफ्
81 मैं तेरी प्रतिज्ञा में मरने को तत्पर हूँ कि तू मुझको बचायेगा।
किन्तु यहोवा, मुझको उसका भरोसा है, जो तू कहा करता था।
82 जिन बातों का तूने वचन दिया था, मैं उनकी बाँट जोहता रहता हूँ। किन्तु मेरी आँखे थकने लगी है।
हे यहोवा, मुझे कब तू आराम देगा
83 यहाँ तक जब मैं कूड़े के ढेर पर दाखमधु की सूखी मशक सा हूँ,
तब भी मैं तेरे विधान को नहीं भूलूँगा।
84 मैं कब तक जीऊँगा हे यहोवा, कब दण्ड देगा
तू ऐसे उन लोगों को जो मुझ पर अत्याचार किया करते हैं
85 कुछ अहंकारी लोग ने अपनी झूठों से मुझ पर प्रहार किया था।
यह तेरी शिक्षाओं के विरूद्ध है।
86 हे यहोवा, सब लोग तेरी शिक्षाओं के भरोसे रह सकते हैं।
झूठे लोग मुझको सता रहे है।
मेरी सहायता कर!
87 उन झूठे लोगों ने मुझको लगभग नष्ट कर दिया है।
किन्तु मैंने तेरे आदेशों को नहीं छोड़ा।
88 हे यहोवा, अपनी सत्य करूणा को मुझ पर प्रकट कर।
तू मुझको जीवन दे मैं तो वही करूँगा जो कुछ तू कहता है।
लामेद्
89 हे यहोवा, तेरे वचन सदा अचल रहते हैं। स्वर्ग में तेरे वचन सदा अटल रहते हैं।
90 सदा सर्वदा के लिये तू ही सच्चा है।
हे यहोवा, तूने धरती रची, और यह अब तक टिकी है।
91 तेरे आदेश से ही अब तक सभी वस्तु स्थिर हैं,
क्योंकि वे सभी वस्तुएँ तेरी दास हैं।
92 यदि तेरी शिक्षाएँ मेरी मित्र जैसी नहीं होती,
तो मेरे संकट मुझे नष्ट कर डालते।
93 हे यहोवा, तेरे आदेशों को मैं कभी नहीं भूलूँगा।
क्योंकि वे ही मुझे जीवित रखते हैं।
94 हे यहोवा, मैं तो तेरा हूँ, मेरी रक्षा कर।
क्यों क्योंकि तेरे आदेशों पर चलने का मैं कठिन जतन करता हूँ।
95 दुष्ट जन मेरे विनाश का यतन किया करते हैं,
किन्तु तेरी वाचा ने मुझे बुद्धिमान बनाया।
96 सब कुछ की सीमा है,
तेरी व्यवस्था की सीमा नहीं।
मेम्
97 आ हा, यहोवा तेरी शिक्षाओं से मुझे प्रेम है।
हर घड़ी मैं उनका ही बखान किया करता हूँ।
98 हे यहोवा, तेरे आदेशों ने मुझे मेरे शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान बनाया।
तेरा विधान सदा मेरे साथ रहता है।
99 मैं अपने सब शिक्षाओं से अधिक बुद्धिमान हूँ
क्योंकि मैं तेरी वाचा का पाठ किया करता हूँ।
100 बुजुर्ग प्रमुखों से भी अधिक समझता हूँ।
क्योंकि मैं तेरे आदेशों को पालता हूँ।
101 हे यहोवा, तू मुझे राह में हर कदम बुरे मार्ग से बचाता है,
ताकि जो तू मुझे बताता है वह मैं कर सकूँ।
102 यहोवा, तू मेरा शिक्षक है।
सो मैं तेरे विधान पर चलना नहीं छोड़ूँगा।
103 तेरे वचन मेरे मुख के भीतर
शहद से भी अधिक मीठे हैं।
104 तेरी शिक्षाएँ मुझे बुद्धिमान बनाती है।
सो मैं झूठी शिक्षाओं से घृणा करता हूँ।
नुन्
105 हे यहोवा, तेरा वचन मेरे पाँव के लिये दीपक
और मार्ग के लिये उजियाला है।
106 तेरे नियम उत्तम हैं।
मैं उन पर चलने का वचन देता हूँ, और मैं अपने वचन का पालन करूँगा।
107 हे यहोवा, बहुत समय तक मैंने दु:ख झेले हैं,
कृपया मुझे अपना आदेश दे और तू मुझे फिर से जीवित रहने दे!
108 हे यहोवा, मेरी विनती को तू स्वीकार कर,
और मुझ को अपनी विधान कि शिक्षा दे।
109 मेरा जीवन सदा जोखिम से भरा हुआ है।
किन्तु यहोवा मैं तेरे उपदेश भूला नहीं हूँ।
110 दुष्ट जन मुझको फँसाने का यत्न करते हैं
किन्तु तेरे आदेशों को मैंने कभी नहीं नकारा है।
111 हे यहोवा, मैं सदा तेरी वाचा का पालन करूँगा।
यह मुझे अति प्रसन्न किया करता है।
112 मैं सदा तेरे विधान पर चलने का
अति कठोर यत्न करूँगा।
समेख्
113 हे यहोवा, मुझको ऐसे उन लोगों से घृणा है, जो पूरी तरह से तेरे प्रति सच्चे नहीं हैं।
मुझको तो तेरी शिक्षाएँ भाति हैं।
114 मुझको ओट दे और मेरी रक्षा कर।
हे यहोवा, मुझको उस बात का सहारा है जिसको तू कहता है।
115 हे यहोवा, दुष्ट मनुष्यों को मेरे पास मत आने दे।
मैं अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करूँगा।
116 हे यहोवा, मुझको ऐसे ही सहारा दे जैसे तूने वचन दिया, और मैं जीवित रहूँगा।
मुझको तुझमें विश्वास है, मुझको निराश मत कर।
117 हे यहोवा, मुझको सहारा दे कि मेरा उद्धार हो।
मैं सदा तेरी आदेशों का पाठ किया करूँगा।
118 हे यहोवा, तू हर ऐसे व्यक्ति से विमुख हो जाता है, जो तेरे नियम तोड़ता है।
क्यों क्योंकि उन लोगों ने झूठ बोले जब वे तेरे अनुसरण करने को सहमत हुए।
119 हे यहोवा, तू इस धरती पर दुष्टों के साथ ऐसा बर्ताव करता है जैसे वे कूड़ा हो।
सो मैं तेरी वाचा से सदा प्रेम करूँगा।
120 हे यहोवा, मैं तुझ से भयभीत हूँ, मैं डरता हूँ,
और तेरे विधान का आदर करता हूँ।
ऐन्
121 मैंने वे बातें की हैं जो खरी और भली हैं।
हे यहोवा, तू मुझको ऐसे उन लोगों को मत सौंप जो मुझको हानि पहुँचाना चाहते हैं।
122 मुझे वचन दे कि तू मुझे सहारा देगा। मैं तेरा दास हूँ।
हे यहोवा, उन अहंकारी लोगों को मुझको हानि मत पहुँचाने दे।
123 हे यहोवा, तूने मेरे उद्धार का एक उत्तम वचन दिया था,
किन्तु अपने उद्धार को मेरी आँख तेरी राह देखते हुए थक गई।
124 तू अपना सच्चा प्रेम मुझ पर प्रकट कर। मैं तेरा दास हूँ।
तू मुझे अपने विधान की शिक्षा दे।
125 मैं तेरा दास हूँ।
अपनी वाचा को पढ़ने समझने में तू मेरी सहायता कर।
126 हे यहोवा, यही समय है तेरे लिये कि तू कुछ कर डाले।
लोगों ने तेरे विधान को तोड़ा है।
127 हे यहोवा, उत्तम सुवर्ण से भी अधिक
मुझे तेरे आदेश भाते हैं।
128 तेरे सब आदेशों का बहुत सावधानी से मैं पालन करता हूँ।
मैं झूठे उपदेशों से घृणा करता हूँ।
पे
129 हे यहोवा, तेरी वाचा बहुत अद्भुत है।
इसलिए मैं उसका अनुसरण करता हूँ।
130 कब शुरू करेंगे लोग तेरा वचन समझना यह एक ऐसे प्रकाश सा है जो उन्हें जीवन की खरी राह दिखाया करता है।
तेरा वचन मूर्ख तक को बुद्धिमान बनाता है।
131 हे यहोवा, मैं सचमुच तेरे आदेशों का पाठ करना चाहता हूँ।
मैं उस व्यक्ति जैसा हूँ जिस की साँस उखड़ी हो और जो बड़ी तीव्रता से बाट जोह रहो हो।
132 हे परमेश्वर, मेरी ओर दृष्टि कर और मुझ पर दयालु हो।
तू उन जनों के लिये ऐसे उचित काम कर जो तेरे नाम से प्रेम किया करते हैं
133 तेरे वचन के अनुसार मेरी अगुवाई कर,
मुझे कोई हानी न होने दे।
134 हे यहोवा, मुझको उन लोगों से बचा ले जो मुझको दु:ख देते हैं।
और मैं तेरे आदेशों का पालन करूँगा।
135 हे यहोवा, अपने दास को तू अपना ले
और अपना विधान तू मुझे सिखा।
136 रो—रो कर आँसुओं की एक नदी मैं बहा चुका हूँ।
क्योंकि लोग तेरी शिक्षाओं का पालन नहीं करते हैं।
त्साधे
137 हे यहोवा, तू भला है
और तेरे नियम खरे हैं।
138 वे नियम उत्तम है जो तूने हमें वाचा में दिये।
हम सचमुच तेरे विधान के भरोसे रह सकते हैं।
139 मेरी तीव्र भावनाएँ मुझे शीघ्र ही नष्ट कर देंगी।
मैं बहुत बेचैन हूँ, क्योंकि मेरे शत्रुओं ने तेरे आदेशों को भूला दिया।
140 हे यहोवा, हमारे पास प्रमाण है,
कि हम तेरे वचन के भरोसे रह सकते हैं, और मुझे इससे प्रेम है।
141 मैं एक तुच्छ व्यक्ति हूँ और लोग मेरा आदर नहीं करते हैं।
किन्तु मैं तेरे आदेशों को भूलता नहीं हूँ।
142 हे यहोवा, तेरी धार्मिकता अनन्त है।
तेरे उपदेशों के भरोसे में रहा जा सकता है।
143 मैं संकट में था, और कठिन समय में था।
किन्तु तेरे आदेश मेरे लिये मित्र से थे।
144 तेरी वाचा नित्य ही उत्तम है।
अपनी वाचा को समझने में मेरी सहायता कर ताकि मैं जी सकूँ।
क्योफ़
145 सम्पूर्ण मन से यहोवा मैं तुझको पुकारता हूँ, मुझको उत्तर दे।
मैं तेरे आदेशों का पालन करता हूँ।
146 हे यहोवा, मेरी तुझसे विनती है।
मुझको बचा ले! मैं तेरी वाचा का पालन करूँगा।
147 यहोवा, मैं तेरी प्रार्थना करने को भोर के तड़के उठा करता हूँ।
मुझको उन बातों पर भरोसा है, जिनको तू कहता है।
148 देर रात तक तेरे वचनों का मनन करते हुए
बैठा रहता हूँ।
149 हे यहोवा, तू अपने पूर्ण प्रेम से मुझ पर कान दे।
तू वैसा ही कर जिसे तू ठीक कहता है, और मेरा जीवन बनाये रख।
150 लोग मेरे विरूद्ध कुचक्र रच रहे हैं।
हे यहोवा, ऐसे ये लोग तेरी शिक्षाओं पर चला नहीं करते हैं।
151 हे यहोवा, तू मेरे पास है।
तेरे आदेशों पर विश्वास किया जा सकता है।
152 तेरी वाचा से बहुत दिनों पहले ही मैं जान गया था
कि तेरी शिक्षाएँ सदा ही अटल रहेंगी।
रेश्
153 हे यहोवा, मेरी यातना देख और मुझको बचा ले,
मैं तेरे उपदेशों को भूला नहीं हूँ।
154 हे यहोवा, मेरे लिये मेरी लड़ाई लड़ और मेरी रक्षा कर।
मुझको वैसे जीने दे जैसे तूने वचन दिया।
155 दुष्ट विजयी नहीं होंगे।
क्यों क्योंकि वे तेरे विधान पर नहीं चलते हैं।
156 हे यहोवा, तू बहुत दयालु है।
तू वैसा ही कर जिसे तू अच्छा कहे, और मेरा जीवन बनाये रख।
157 मेरे बहुत से शत्रु है जो मुझे हानि पहुँचाने का जतन करते:
किन्तु मैंने तेरी वाचा का अनुसरण नहीं छोड़ा।
158 मैं उन कृतघ्नों को देख रहा हूँ।
हे यहोवा, तेरे वचन का पालन वे नहीं करते। मुझको उनसे घृणा है।
159 देख, तेरे आदेशों का पालन करने का मैं कठिन जतन करता हूँ।
हे यहोवा, तेरे सम्पूर्ण प्रेम से मेरा जीवन बनाये रख।
160 हे यहोवा, सनातन काल से तेरे सभी वचन विश्वास योग्य रहे हैं।
तेरा उत्तम विधान सदा ही अमर रहेगा।
शाईन्
161 शक्तिशाली नेता मुझ पर व्यर्थ ही वार करते हैं,
किन्तु मैं डरता हूँ और तेरे विधान का बस मैं आदर करता हूँ।
162 हे यहोवा, तेरे वचन मुझ को वैसे आनन्दित करते हैं,
जैसा वह व्यक्ति आनन्दित होता है, जिसे अभी—अभी कोई महाकोश मिल गया हो।
163 मुझे झूठ से बैर है! मैं उससे घृणा करता हूँ!
हे यहोवा, मैं तेरी शिक्षाओं से प्रेम करता हूँ।
164 मैं दिन में सात बार तेरे उत्तम विधान के कारण
तेरी स्तुति करता हूँ।
165 वे व्यक्ति सच्ची शांती पायेंगे, जिन्हें तेरी शिक्षाएँ भाती हैं।
उसको कुछ भी गिरा नहीं पायेगा।
166 हे यहोवा, मैं तेरी प्रतीक्षा में हूँ कि तू मेरा उद्धार करे।
मैंने तेरे आदेशों का पालन किया है।
167 मैं तेरी वाचा पर चलता रहा हूँ।
हे यहोवा, मुझको तेरे विधान से गहन प्रेम है।
168 मैंने तेरी वाचा का और तेरे आदेशों का पालन किया है।
हे यहोवा, तू सब कुछ जानता है जो मैंने किया है।
ताव्
169 हे यहोवा, सुन तू मेरा प्रसन्न गीत है।
मुझे बुद्धिमान बना जैसा तूने वचन दिया है।
170 हे यहोवा, मेरी विनती सुन।
तूने जैसा वचन दिया मेरा उद्धार कर।
171 मेरे अन्दर से स्तुति गीत फूट पड़े
क्योंकि तूने मुझको अपना विधान सिखाया है।
172 मुझको सहायता दे कि मैं तेरे वचनों के अनुसार कार्य कर सकूँ, और मुझे तू अपना गीत गाने दे।
हे यहोवा, तेरे सभी नियम उत्तम हैं।
173 तू मेरे पास आ, और मुझको सहारा दे
क्योंकि मैंने तेरे आदेशों पर चलना चुन लिया है।
174 हे यहोवा, मैं यह चाहता हूँ कि तू मेरा उद्धार करे,
तेरी शिक्षाएँ मुझे प्रसन्न करती है।
175 हे यहोवा, मेरा जीवन बना रहे और मैं तेरी स्तुति करूँ।
अपने विधान से तू मुझे सहारा मिलने दे।
176 एक भटकी हुई भेड़ सा, मैं इधर-उधर भटका हूँ।
हे यहोवा, मुझे ढूँढते आ।
मैं तेरा दास हूँ,
और मैं तेरे आदेशों को भूला नहीं हूँ।
मन्दिर का आरोहण गीत।
1 मैं संकट में पड़ा था, सहारा पाने के लिए
मैंने यहोवा को पुकारा
और उसने मुझे बचा लिया।
2 हे यहोवा, मुझे तू उन ऐसे लोगों से बचा ले
जिन्होंने मेरे विषय में झूठ बोला है।
3 अरे ओ झूठों, क्या तुम यह जानते हो
कि परमेश्वर तुमको कैसे दण्ड देगा
4 तुम्हें दण्ड देने के लिए परमेश्वर योद्धा के नुकीले तीर और धधकते हुए अंगारे काम में लाएगा।
5 झूठों, तुम्हारे निकट रहना ऐसा है, जैसे कि मेशेक के देश में रहना।
यह रहना ऐसा है जैसे केवार के खेतों में रहना है।
6 जो शांति के बैरी है ऐसे लोगों के संग मैं बहुत दिन रहा हूँ।
7 मैंने यह कहा था मुझे शांति चाहिए क्यों वे लोग युद्ध को चाहते हैं।
मन्दिर का आरोहण गीत।
1 मैं ऊपर पर्वतों को देखता हूँ।
किन्तु सचमुच मेरी सहायता कहाँ से आएगी
2 मुझको तो सहारा यहोवा से मिलेगा जो स्वर्ग
और धरती का बनाने वाला है।
3 परमेश्वर तुझको गिरने नहीं देगा।
तेरा बचानेवाला कभी भी नहीं सोएगा।
4 इस्राएल का रक्षक कभी भी ऊँघता नहीं है।
यहोवा कभी सोता नहीं है।
5 यहोवा तेरा रक्षक है।
यहोवा अपनी महाशक्ति से तुझको बचाता है।
6 दिन के समय सूरज तुझे हानि नहीं पहुँचा सकता।
रात में चाँद तेरी हानि नहीं कर सकता।
7 यहोवा तुझे हर संकट से बचाएगा।
यहोवा तेरी आत्मा की रक्षा करेगा।
8 आते और जाते हुए यहोवा तेरी रक्षा करेगा।
यहोवा तेरी सदा सर्वदा रक्षा करेगा!
दाऊद का एक आरोहणगीत।
1 जब लोगों ने मुझसे कहा,
“आओ, यहोवा के मन्दिर में चलें तब मैं बहुत प्रसन्न हुआ।”
2 यहाँ हम यरूशलेम के द्वारों पर खड़े हैं।
3 यह नया यरूशलेम है।
जिसको एक संगठित नगर के रूप में बनाया गया।
4 ये परिवार समूह थे जो परमेश्वर के वहाँ पर जाते हैं।
इस्राएल के लोग वहाँ पर यहोवा का गुणगान करने जाते हैं। वे वह परिवार समूह थे जो यहोवा से सम्बन्धित थे।
5 यही वह स्थान है जहाँ दाऊद के घराने के राजाओं ने अपने सिंहासन स्थापित किये।
उन्होंने अपना सिंहासन लोगों का न्याय करने के लिये स्थापित किया।
6 तुम यरूशलेम में शांति हेतू विनती करो।
“ऐसे लोग जो तुझसे प्रेम रखते हैं, वहाँ शांति पावें यह मेरी कामना है।
7 तुम्हारे परकोटों के भीतर शांति का वास है। यह मेरी कामना है।
तुम्हारे विशाल भवनों में सुरक्षा बनी रहे यह मेरी कामना है।”
8 मैं प्रार्थना करता हूँ अपने पड़ोसियों के
और अन्य इस्राएलवासियों के लिये वहाँ शांति का वास हो।
9 हे यहोवा, हमारे परमेश्वर के मन्दिर के भले हेतू
मैं प्रार्थना करता हूँ, कि इस नगर में भली बाते घटित हों।
आरोहण गीत।
1 हे परमेश्वर, मैं ऊपर आँख उठाकर तेरी प्रार्थना करता हूँ।
तू स्वर्ग में राजा के रूप में विराजता है।
2 दास अपने स्वामियों के ऊपर उन वस्तुओं के लिए निर्भर रहा करते हैं। जिसकी उनको आवश्यकता है।
दासियाँ अपनी स्वामिनियों के ऊपर निर्भर रहा करती हैं।
इसी तरह हमको यहोवा का, हमारे परमेश्वर का भरोसा है।
ताकि वह हम पर दया दिखाए, हम परमेश्वर की बाट जोहते हैं।
3 हे यहोवा, हम पर कृपालु है।
दयालु हो क्योंकि बहुत दिनों से हमारा अपमान होता रहा है।
4 अहंकारी लोग बहुत दिनों से हमें अपमानित कर चुके हैं।
ऐसे लोग सोचा करते हैं कि वे दूसरे लोगों से उत्तम हैं।
दाऊद का एक मन्दिर का आरोहण गीत।
1 यदि बीते दिनों में यहोवा हमारे साथ नहीं होता तो हमारे साथ क्या घट गया होता
इस्राएल तू मुझको उत्तर दे
2 यदि बीते दिनों में यहोवा हमारे साथ नहीं होता तो हमारे साथ क्या घट गया होता
जब हम पर लोगों ने हमला किया था तब हमारे साथ क्या बीतती।
3 जब कभी हमारे शत्रु ने हम पर क्रोध किया,
तब वे हमें जीवित ही निगल लिये होते।
4 तब हमारे शत्रुओं की सेनाएँ
बाढ़ सी हमको बहाती हुई उस नदी के जैसी हो जाती
जो हमें डूबा रहीं हो।
5 तब वे अभिमानी लोग उस जल जैसे हो जाते
जो हमको डुबाता हुआ हमारे मुँह तक चढ़ रहा हो।
6 यहोवा के गुण गाओ।
यहोवा ने हमारे शत्रुओं को हमको पकड़ने नहीं दिया और न ही मारने दिया।
7 हम जाल में फँसे उस पक्षी के जैसे थे जो फिर बच निकला हो।
जाल छिन्न भिन्न हुआ और हम बच निकले।
8 हमारी सहायता यहोवा से आयी थी।
यहोवा ने स्वर्ग और धरती को बनाया है।
आरोहण गीत।
1 जो लोग यहोवा के भरोसे रहते हैं, वे सिय्योन पर्वत के जैसे होंगे।
उनको कभी कोई भी डिगा नहीं पाएगा।
वे सदा ही अटल रहेंगे।
2 यहोवा ने निज भक्तों को वैसे ही अपनी ओट में लिया है, जैसे यरूशलेम चारों ओर पहाड़ों से घिरा है।
यहोवा सदा और सर्वदा निज भक्तों की रक्षा करेगा।
3 बुरे लोग सदा धरती पर भलों के ऊपर शासन नहीं करेंगे,
यदी बुरे लोग ऐसा करने लग जायें तो संभव है सज्जन भी बुरे काम करने लगें।
4 हे यहोवा, तू भले लोगों के संग,
जिनके मन पवित्र हैं तू भला हो।
5 हे यहोवा, दुर्जनों को दण्ड दे,
जिन लोगों ने तेरा अनुसरण छोड़ा तू उनको दण्ड दे।
इस्राएल में शांति हो।
आरोहण गीत।
1 जब यहोवा हमें पुन: मुक्त करेगा तो यह ऐसा होगा
जैसे कोई सपना हो!
2 हम हँस रहे होंगे और खुशी के गीत गा रहे होंगे!
तब अन्य राष्ट्र के लोग कहेंगे,
“यहोवा ने इनके लिए महान कार्य किये हैं।”
3 दूसरे देशों के लोग ये बातें करेंगे इस्राएल के लोगों के लिए यहोवा ने एक अद्भुत काम किया है।
अगर यहोवा ने हमारे लिए वह अद्भुत काम किया तो हम प्रसन्न होंगे।
4 हे यहोवा, हमें तू स्वतंत्र कर दे,
अब तू हमें मरुस्थल के जल से भरे हुए जलधारा जैसा बना दे।
5 जब हमने बीज बोये, हम रो रहे थे,
किन्तु कटनी के समय हम खुशी के गीत गायेंगे!
6 हम बीज लेकर रोते हुए खेतों में गये।
सो आनन्द मनाने आओ क्योंकि हम उपज के लिए हुए आ रहे हैं।
सुलैमान का मन्दिर का आरोहण गीत।
1 यदि घर का निर्माता स्वयं यहोवा नहीं है,
तो घर को बनाने वाला व्यर्थ समय खोता है।
यदि नगर का रखवाला स्वयं यहोवा नहीं है,
तो रखवाले व्यर्थ समय खोते हैं।
2 यदि सुबह उठ कर तुम देर रात गए तक काम करो।
इसलिए कि तुम्हें बस खाने के लिए कमाना है,
तो तुम व्यर्थ समय खोते हो।
परमेश्वर अपने भक्तों का उनके सोते तक में ध्यान रखता है।
3 बच्चे यहोवा का उपहार है,
वे माता के शरीर से मिलने वाले फल हैं।
4 जवान के पुत्र ऐसे होते हैं
जैसे योद्धा के तरकस के बाण।
5 जो व्यक्ति बाण रुपी पुत्रों से तरकस को भरता है वह अति प्रसन्न होगा।
वह मनुष्य कभी हारेगा नहीं।
उसके पुत्र उसके शत्रुओं से सर्वजनिक स्थानों पर
उसकी रक्षा करेंगे।
आरोहण गीत।
1 यहोवा के सभी भक्त आनन्दित रहते हैं।
वे लोग परमेश्वर जैसा चाहता, वैसा गाते हैं।
2 तूने जिनके लिये काम किया है, उन वस्तुओं का तू आनन्द लेगा।
उन ऐसी वस्तुओं को कोई भी व्यक्ति तुझसे नहीं छिनेगा। तू प्रसन्न रहेगा और तेरे साथ भली बातें घटेंगी।
3 घर पर तेरी घरवाली अंगूर की बेल सी फलवती होगी।
मेज के चारों तरफ तेरी संतानें ऐसी होंगी, जैसे जैतून के वे पेड़ जिन्हें तूने रोपा है।
4 इस प्रकार यहोवा अपने अनुयायिओं को
सचमुच आशीष देगा।
5 यहोवा सिय्योन से तुझ को आशीर्वाद दे यह मेरी कामना है।
जीवन भर यरूशलेम में तुझको वरदानों का आनन्द मिले।
6 तू अपने नाती पोतों को देखने के लिये जीता रहे यह मेरी कामना है।
इस्राएल में शांति रहे।
मन्दिर का आरोहण गीत।
1 पूरे जीवन भर मेरे अनेक शत्रु रहे हैं।
इस्राएल हमें उन शत्रुओं के बारे में बता।
2 सारे जीवन भर मेरे अनेक शत्रु रहे हैं।
किन्तु वे कभी नहीं जीते।
3 उन्होंने मुझे तब तक पीटा जब तक मेरी पीठ पर गहरे घाव नहीं बने।
मेरे बड़े—बड़े और गहरे घाव हो गए थे।
4 किन्तु भले यहोवा ने रस्से काट दिये
और मुझको उन दुष्टों से मुक्त किया।
5 जो सिय्योन से बैर रखते थे, वे लोग पराजित हुए।
उन्होंने लड़ना छोड़ दिया और कहीं भाग गये।
6 वे लोग ऐसे थे, जैसे किसी घर की छत पर की घास
जो उगने से पहले ही मुरझा जाती है।
7 उस घास से कोई श्रमिक अपनी मुट्ठी तक नहीं भर पाता
और वह पूली भर अनाज भी पर्याप्त नहीं होती।
8 ऐसे उन दुष्टों के पास से जो लोग गुजरते हैं।
वे नहीं कहेंगे, “यहोवा तेरा भला करे।”
लोग उनका स्वागत नहीं करेंगे और हम भी नहीं कहेंगे, “तुम्हें यहोवा के नाम पर आशीष देते हैं।”
आरोहण गीत।
1 हे यहोवा, मैं गहन कष्ट में हूँ
सो सहारा पाने को मैं तुम्हें पुकारता हूँ।
2 मेरे स्वामी, तू मेरी सुन ले।
मेरी सहायता की पुकार पर कान दे।
3 हे यहोवा, यदि तू लोगों को उनके सभी पापों का सचमुच दण्ड दे
तो फिर कोई भी बच नहीं पायेगा।
4 हे यहोवा, निज भक्तों को क्षमा कर।
फिर तेरी अराधना करने को वहाँ लोग होंगे।
5 मैं यहोवा की बाट जोह रहा हूँ कि वह मुझको सहायता दे।
मेरी आत्मा उसकी प्रतीक्षा में है।
यहोवा जो कहता है उस पर मेरा भरोसा है।
6 मैं अपने स्वामी की बाट जोहता हूँ।
मैं उस रक्षक सा हूँ जो उषा के आने की प्रतीक्षा में लगा रहता है।
7 इस्राएल, यहोवा पर विश्वास कर।
केवल यहोवा के साथ सच्चा प्रेम मिलता है।
यहोवा हमारी बार—बार रक्षा किया करता है।
8 यहोवा इस्राएल को उनके सारे पापों के लिए क्षमा करेगा।
आरोहण गीत।
1 हे यहोवा, मैं अभिमानी नहीं हूँ।
मैं महत्वपूर्ण होने का जतन नहीं करता हूँ।
मैं वो काम करने का जतन नहीं करता हूँ जो मेरे लिये बहुत कठिन हैं।
ऐसी उन बातों की मुझे चिंता नहीं है।
2 मैं निश्चल हूँ, मेरी आत्मा शांत है।
मेरी आत्मा शांत और अचल है,
जैसे कोई शिशु अपनी माता की गोद में तृप्त होता है।
3 इस्राएल, यहोवा पर भरोसा रखो।
उसका भरोसा रखो, अब और सदा सदा ही उसका भरोसा रखो!
मन्दिर का आरोहण गीत।
1 हे यहोवा, जैसे दाऊद ने यातनाएँ भोगी थी, उसको याद कर।
2 किन्तु दाऊद ने यहोवा की एक मन्नत मानी थी।
दाऊद ने इस्राएल के पराक्रमी परमेश्वर की एक मन्नत मानी थी।
3 दाऊद ने कहा था: “मैं अपने घर में तब तक न जाऊँगा,
अपने बिस्तर पर न ही लेटूँगा,
4 न ही सोऊँगा।
अपनी आँखों को मैं विश्राम तक न दूँगा।
5 इसमें से मैं कोई बात भी नहीं करूँगा जब तक मैं यहोवा के लिए एक भवन न प्राप्त कर लूँ।
मैं इस्राएल के शक्तिशाली परमेश्वर के लिए एक मन्दिर पा कर रहूँगा!”
6 एप्राता में हमने इसके विषय में सुना,
हमें किरीयथ योरीम के वन में वाचा की सन्दूक मिली थी।
7 आओ, पवित्र तम्बू में चलो।
आओ, हम उस चौकी पर आराधना करें, जहाँ पर परमेश्वर अपने चरण रखता है।
8 हे यहोवा, तू अपनी विश्राम की जगह से उठ बैठ,
तू और तेरी सामर्थ्यवान सन्दूक उठ बैठ।
9 हे यहोवा, तेरे याजक धार्मिकता धारण किये रहते हैं।
तेरे जन बहुत प्रसन्न रहते हैं।
10 तू अपने चुने हुये राजा को
अपने सेवक दाऊद के भले के लिए नकार मत।
11 यहोवा ने दाऊद को एक वचन दिया है कि दाऊद के प्रति वह सच्चा रहेगा।
यहोवा ने वचन दिया है कि दाऊद के वंश से राजा आयेंगे।
12 यहोवा ने कहा था, “यदि तेरी संतानें मेरी वाचा पर और मैंने उन्हें जो शिक्षाएं सिखाई उन पर चलेंगे तो
फिर तेरे परिवार का कोई न कोई सदा ही राजा रहेगा।”
13 अपने मन्दिर की जगह के लिए यहोवा ने सिय्योन को चुना था।
यह वह जगह है जिसे वह अपने भवन के लिये चाहता था।
14 यहोवा ने कहा था, “यह मेरा स्थान सदा सदा के लिये होगा।
मैंने इसे चुना है ऐसा स्थान बनने को जहाँ पर मैं रहूँगा।
15 भरपूर भोजन से मैं इस नगर को आशीर्वाद दूँगा,
यहाँ तक कि दीनों के पास खाने को भर—पूर होगा।
16 याजकोंको मैं उद्धार का वस्त्र पहनाऊँगा,
और यहाँ मेरे भक्त बहुत प्रसन्न रहेंगे।
17 इस स्थान पर मैं दाऊद को सुदृढ करुँगा।
मैं अपने चुने राजा को एक दीपक दूँगा।
18 मैं दाऊद के शत्रुओं को लज्जा से ढक दूँगा
और दाऊद का राज्य बढाऊँगा।”
दाऊद का आरोहण गीत।
1 परमेश्वर के भक्त मिल जुलकर शांति से रहे।
यह सचमुच भला है, और सुखदायी है।
2 यह वैसा सुगंधित तेल जैसा होता है जिसे हारून के सिर पर उँडेला गया है।
यह, हारून की दाढ़ी से नीचे जो बह रहा हो उस तेल सा होता है।
यह, उस तेल जैसा है जो हारून के विशेष वस्त्रों पर ढुलक बह रहा।
3 यह वैसा है जैसे धुंध भरी ओस हेर्मोन की पहाड़ी से आती हुई सिय्योन के पहाड पर उतर रही हो।
यहोवा ने अपने आशीर्वाद सिय्योन के पहाड़ पर ही दिये थे। यहोवा ने अमर जीवन की आशीष दी थी।
आरोहण का गीत।
1 ओ, उसके सब सेवकों, यहोवा का गुण गान करो।
सेवकों सारी रात मन्दिर में तुमने सेवा की।
2 सेवकों, अपने हाथ उठाओ
और यहोवा को धन्य कहो।
3 और सिय्योन से यहोवा तुम्हें धन्य कहे।
यहोवा ने स्वर्ग और धरती रचे हैं।
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