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14 चलते हुए उसने हलफई के बेटे लेवी को चुंगी की चौकी पर बैठे देख कर उससे कहा, “मेरे पीछे आ” सो लेवी खड़ा हुआ और उसके पीछे हो लिया।

15 इसके बाद जब यीशु अपने शिष्यों समेत उसके घर भोजन कर रहा था तो बहुत से कर वसूलने वाले और पापी लोग भी उसके साथ भोजन कर रहे थे। (इनमें बहुत से वे लोग थे जो उसके पीछे पीछे चले आये थे।) 16 जब फरीसियों के कुछ धर्मशास्त्रियों ने यह देखा कि यीशु पापीयों और कर वसूलने वालों के साथ भोजन कर रहा है तो उन्होंने उसके अनुयायिओं से कहा, “यीशु कर वसूलने वालों और पापीयों के साथ भोजन क्यों करता है?”

17 यीशु ने यह सुनकर उनसे कहा, “चंगे-भले लोगों को वैद्य की आवश्यकता नहीं होती, रोगियों को ही वैद्य की आवश्यकता होती है। मैं धर्मियों को नहीं बल्कि पापीयों को बुलाने आया हूँ।”

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14 चलते हुए उसने हलफई के बेटे लेवी को चुंगी की चौकी पर बैठे देख कर उससे कहा, “मेरे पीछे आ” सो लेवी खड़ा हुआ और उसके पीछे हो लिया।

15 इसके बाद जब यीशु अपने शिष्यों समेत उसके घर भोजन कर रहा था तो बहुत से कर वसूलने वाले और पापी लोग भी उसके साथ भोजन कर रहे थे। (इनमें बहुत से वे लोग थे जो उसके पीछे पीछे चले आये थे।) 16 जब फरीसियों के कुछ धर्मशास्त्रियों ने यह देखा कि यीशु पापीयों और कर वसूलने वालों के साथ भोजन कर रहा है तो उन्होंने उसके अनुयायिओं से कहा, “यीशु कर वसूलने वालों और पापीयों के साथ भोजन क्यों करता है?”

17 यीशु ने यह सुनकर उनसे कहा, “चंगे-भले लोगों को वैद्य की आवश्यकता नहीं होती, रोगियों को ही वैद्य की आवश्यकता होती है। मैं धर्मियों को नहीं बल्कि पापीयों को बुलाने आया हूँ।”

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15 इसके बाद जब यीशु अपने शिष्यों समेत उसके घर भोजन कर रहा था तो बहुत से कर वसूलने वाले और पापी लोग भी उसके साथ भोजन कर रहे थे। (इनमें बहुत से वे लोग थे जो उसके पीछे पीछे चले आये थे।) 16 जब फरीसियों के कुछ धर्मशास्त्रियों ने यह देखा कि यीशु पापीयों और कर वसूलने वालों के साथ भोजन कर रहा है तो उन्होंने उसके अनुयायिओं से कहा, “यीशु कर वसूलने वालों और पापीयों के साथ भोजन क्यों करता है?”

17 यीशु ने यह सुनकर उनसे कहा, “चंगे-भले लोगों को वैद्य की आवश्यकता नहीं होती, रोगियों को ही वैद्य की आवश्यकता होती है। मैं धर्मियों को नहीं बल्कि पापीयों को बुलाने आया हूँ।”

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