भजन संहिता 112
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version
1 यहोवा क बड़कई करा।
अइसा मनई जउन यहोवा स डेरात ह अउर ओकर आदर करत ह उ बहोत सफल होइ।
परमेस्सर क आदेस अइसे लोग क भावत हीं।
2 धरती पइ अइसे मनई क संतानन मज़बूत होइहीं।
अच्छे मनई क संतानन आसीर्बाद पाइहीं।
3 अइसे मनई क परिवार बहोत धनवान होइ।
ओकर नीक करम सदा सदा बनी रही।
4 सच्चे लोगन बरे परमेस्सर अइसा होत ह जइसे अँधियारा मँ चमकत प्रकास होइ।
उ सच्चा अहइ, अउर करुणा स भरा बाटइ अउर दाया स भरा बा।
5 इ मनई बरे नीक बाटइ कि उ दयालु अउर उदार होइ।
मनई क इ उत्तिम अहइ कि उ आपन वादा मँ खरा रहइ।
6 अइसा मनई क पतन कबहुँ नाहीं होइ।
एक सच्चा मनई क सदा याद कीन्ह जाइ।
7 सज्जन व्यक्ति बुरी खबरन स नाहीं डेरात।
अइसा मनई यहोवा क भरोसे अहइ अउर आस्वस्त रहत ह।
8 अइसा मनई आस्वस्त रहत ह उ ससान नाहीं रहत।
उ आपन दुस्मनन क हराइ देइ।
9 अइसा मनई दीन जनन क मुक्त दान देत ह।
ओकर नीक करम जेका उ दीन लोगन बरे दिखावत ह उ सदा सदा बना रइहीं।
उ बहोत सम्मानित कीन्ह जाइ।
10 कुटिल लोग ओका लखिहीं अउर कुपित होइहीं।
उ पचे किरोध मँ आपन दाँतन क पिसिहीं अउर फुन लुप्त होइ जइहीं।
दुट्ठ लोग ओका कबहुँ नाहीं पइहीं जेका उ सब स जियादा पावइ चाहत हीं।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.