Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
धीरज अऊ पराथना
7 एकरसेति, हे भाईमन, परभू यीसू के लहुंटके आवत तक ले धीरज धरे रहव। देखव, किसान ह कइसने खेत के कीमती फसल के बाट जोहथे अऊ कइसने पहिली अऊ आखिरी बरसा होवत तक धीरज धरे रहिथे। 8 तुमन घलो धीरज धरव, अऊ अपन हिरदय ला मजबूत करव, काबरकि परभू के अवई लकठा म हवय। 9 हे भाईमन, एक दूसर ऊपर दोस झन लगावव ताकि परमेसर तुमन ला दोसी झन ठहिरावय। देखव, मसीह ह नियाय करे बर बहुंत जल्दी अवइया हवय। ओह दुवारी म ठाढ़े हे सहीं समझव।
10 हे भाईमन, ओ अगमजानीमन ला सुरता करव, जऊन मन परभू परमेसर के नांव म तुम्हर ले गोठियाईन। दुःख के बेरा म ओमन जऊन धीरज धरिन, ओला एक उदाहरन के रूप म लेवव। 11 जइसने कि तुमन जानत हव कि धीरज धरइयामन ला हमन आसिसित मनखे समझथन। तुमन अय्यूब के धीरज के बारे म तो सुने हवव अऊ परभू परमेसर ह कइसने ओकर धीरज के परतिफल दीस, ओला घलो जानत हव। परभू परमेसर ह अब्बड़ दयालु अऊ किरपालू अय।
12 हे मोर भाईमन, जम्मो ले बड़े बात ए अय कि कोनो बात म, तुमन कसम झन खावव – न स्वरग के, न धरती के, अऊ न कोनो आने चीज के। पर तुम्हर गोठ ह “हां” के “हां”, अऊ “नइं” के “नइं” होवय, ताकि तुमन दंड के भागीदार झन होवव।
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