Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
8 यीसू मसीह ला सुरता कर, जऊन ह मरे म ले जी उठिस अऊ जऊन ह दाऊद राजा के बंस के रिहिस। एह मोर सुघर संदेस ए, जेकर परचार मेंह करत हंव, 9 अऊ एकरे कारन मेंह दुःख उठावत हंव, इहां तक कि एक अपराधी के सहीं मेंह जेल म हवंव। पर परमेसर के बचन ह सुतंतर हवय। 10 एकरसेति, मेंह चुने मनखेमन खातिर हर चीज ला सहत हवंव कि ओमन घलो सदाकाल के महिमा के संग ओ उद्धार ला पावंय, जऊन ह मसीह यीसू के जरिये मिलथे।
11 ए कहावत बिलकुल सही ए:
यदि हमन ओकर संग मरथन,
त हमन ओकर संग जीयबो घलो;
12 यदि हमन दुःख सहथन,
त हमन ओकर संग राज घलो करबो। यदि हमन ओकर इनकार करथन, त ओह घलो हमर इनकार करही;
13 यदि हमन बिसवास के लइक नइं रहन,
तभो ले ओह बिसवास के लइक रहिही,
काबरकि ओह अपन बात ले कभू नइं मुकरय।
परमेसर के बने सेवक
14 मनखेमन ला ए बातमन के सुरता करावत रह, अऊ परमेसर के आघू म ओमन ला चेतउनी दे कि ओमन कोनो बचन के बारे म झगरा झन करंय, जेकर ले कोनो फायदा नइं होवय, बल्कि एह सुनइयामन के नास होय के कारन बनथे। 15 अपन-आप ला परमेसर के गरहन करे लइक अऊ अइसन काम करइया बनाय के कोसिस कर, जऊन ला लजाय के जरूरत नइं होवय अऊ जऊन ह सत के बचन ला सही ढंग ले बताथे।
यीसू ह दस झन कोढ़ी ला बने करथे
11 यीसू ह यरूसलेम सहर जावत बखत, सामरिया अऊ गलील प्रदेस के बीच ले होवत गीस। 12 जब ओह एक गांव म हबरिस, त ओला दस आदमी मिलिन, जेमन ला कोढ़ के बेमारी रहय। ओमन दूरिहा म ठाढ़ हो गीन 13 अऊ चिचियाके कहिन, “हे यीसू, हे मालिक! हमर ऊपर दया कर।”
14 जब यीसू ह ओमन ला देखिस, त कहिस, “जावव, अऊ अपन-आप ला पुरोहितमन ला देखावव।” अऊ ओमन जावत-जावत बेमारी ले सुध हो गीन।
15 ओम ले एक झन, जब अपन-आप ला देखिस कि ओह बने हो गे हवय, त ओह चिचिया-चिचियाके परमेसर के महिमा करत वापिस लहुंटके आईस, 16 ओह यीसू के गोड़ खाल्हे गिरिस अऊ ओला धनबाद दीस – अऊ ओह एक सामरी मनखे रिहिस।
17 यीसू ह कहिस, “दस मनखेमन कोढ़ ले बने होईन, त फेर ओ नौ झन कहां हवंय? 18 का ए परदेसी के छोंड़ अऊ कोनो नइं आईन कि परमेसर के बड़ई करंय।” 19 अऊ यीसू ह ओला कहिस, “उठ अऊ जा; तोर बिसवास ह तोला बने करे हवय।”
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