Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
11 हर एक पुरोहित ह दिन प्रतिदिन ठाढ़ होके अपन धारमिक सेवा ला करथे। ओह बार-बार ओहीच बलिदान ला चघाथे, जऊन ह पाप ला कभू दूरिहा नइं कर सकय। 12 पर मसीह ह पाप के खातिर एकेच बलिदान सदाकाल के सेति चघाईस अऊ ओह परमेसर के जेवनी हांथ अंग जा बईठिस। 13 ओहीच बेरा ले, ओह इंतजार करथे कि परमेसर ह ओकर बईरीमन ला ओकर गोड़ रखे के चौकी बना देवय, 14 काबरकि एकेच बलिदान के दुवारा, ओह ओमन ला सदाकाल बर सिद्ध कर दे हवय, जऊन मन पाप ले पबितर करे गे हवंय।
15 पबितर आतमा घलो हमन ला एकर बारे म गवाही देथे। पहिली ओह कहिथे:
16 “परभू ह कहिथे
कि जऊन करार मेंह ओ समय के बाद ओमन ले करहूं,
ओह ए अय – मेंह अपन कानून ला ओमन के हिरदय म धरहूं
अऊ मेंह ओमन ला ओमन के मन म लिखहूं।”[a]
17 तब ओह ए घलो कहिथे:
“ओमन के पाप अऊ अधरम के काम ला
मेंह फेर कभू सुरता नइं करहूं।”[b]
18 अऊ जब एकर छेमा हो गे हवय, त फेर पाप खातिर अऊ कोनो बलिदान के जरूरत नइं ए।
बिसवास म बने रहव
19 हे भाईमन हो, जब हमन ला भरोसा हवय कि यीसू के लहू के दुवारा हमन परम पबितर जगह म जाबो, 20 ओह हमर बर एक नवां अऊ जीयत रसता खोलिस, जऊन ह ओ परदा म ले होके जाथे, जऊन ह ओकर देहें अय[a], 21 अऊ जब हमर करा एक बड़े पुरोहित हवय, जेकर ऊपर परमेसर के घर के जिम्मा हवय, 22 त आवव, हमन परमेसर के लकठा म साफ हिरदय अऊ पूरा बिसवास के संग जावन। एक अइसने हिरदय, जऊन म पाप भावना नइं ए अऊ अइसने देहें, जऊन ह सुध पानी म धोय गे हवय। 23 आवव, हमन ओ आसा ला मजबूती ले धरे रहन, जऊन ला हमन स्वीकार करथन, काबरकि जऊन ह वायदा करे हवय, ओह बिसवास लइक अय। 24 अऊ आवव, हमन ए बिचार करन कि कइसने हमन एक-दूसर ला मया म अऊ बने काम म उत्साहित कर सकथन। 25 आवव, हमन एक-दूसर के संग मिले बर नइं छोड़न, जइसने कि कुछू झन के ए आदत बन गे हवय, पर आवव, हमन एक-दूसर ला अऊ जादा उत्साहित करन, जइसने कि तुमन देखत हवव कि परभू के दिन ह लकठा आवत हवय।
संसार के अंत समय के चिन्हां
(मत्ती 24:1-2; लूका 21:5-6)
13 जब यीसू ह मंदिर ले निकरत रिहिस, तब ओकर चेलामन ले एक झन ओला कहिस, “हे गुरू! देख, कइसने सुन्दर-सुन्दर पथरा अऊ ओम ले बने सुन्दर-सुन्दर भवन।”
2 यीसू ह ओला कहिस, “तेंह जऊन बड़े-बड़े भवन ला देखत हवस? इहां एको ठन पथरा नइं बांचय; जम्मो ह गिराय जाही।”
3 जब यीसू ह जैतून पहाड़ ऊपर मंदिर कोति मुहूं करके बईठे रिहिस, तब पतरस, याकूब, यूहन्ना अऊ अन्द्रियास अलग म ओकर ले पुछिन, 4 “हमन ला बता कि ए बातमन कब होही? अऊ जब ए बातमन पूरा होय के समय आही, तब ओ बखत का चिन्हां दिखही?”
5 यीसू ह ओमन ला कहिस, “सचेत रहव कि कोनो तुमन ला झन भरमावय। 6 कतको झन मोर नांव म आके कहिहीं कि मेंह मसीह अंव, अऊ बहुंते झन ला भरमाहीं। 7 जब तुमन लड़ई अऊ युद्ध के चरचा सुनव, त झन घबराहू काबरकि ए बात के होवई जरूरी ए, पर ओ बखत अंत नइं होवय। 8 काबरकि देस ऊपर देस अऊ राज ऊपर राज चढ़ई करहीं। जगह-जगह म भुइंडोल होही अऊ अकाल पड़ही। एह लइका जने के पीरा के सुरूआत सहीं होही।
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