Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
3 हे मोर भाईमन हो, तुमन ले बहुंत झन गुरू झन बनव, काबरकि तुमन जानत हव कि गुरूमन के अऊ कड़ई ले नियाय होही। 2 हमन जम्मो झन अक्सर गलती करथन। जऊन कोनो अपन गोठ म कभू गलती नइं करय, ओह सिद्ध मनखे ए; अऊ ओह अपन देहें ला बस म कर सकथे।
3 जब हमन अपन गोठ ला मनवाय बर घोड़ामन के मुहूं म लगाम लगाथन, त हमन ओकर पूरा देहें ला घलो अपन बस म कर लेथन। 4 देखव, पानी जहाज घलो, जऊन ह बहुंत बड़े होथे; अऊ तेज हवा के दुवारा चलथे, तभो ले एक नानकून पतवार के दुवारा मांझी ह अपन ईछा के मुताबिक ओला जिहां चाहथे उहां ले जाथे। 5 वइसनेच जीभ ह घलो देहें के एक नानकून अंग ए, पर ओह बहुंते डींग मारथे। देखव, एक नानकून आगी के चिनगारी ले कतेक बड़े जंगल म आगी लग जाथे। 6 जीभ ह घलो आगी सहीं अय। एह हमर देहें म अधरम के एक संसार ए। एह एक अइसने आगी ए, जऊन ला नरक कुन्ड के आगी ले बारे गे हवय अऊ पूरा जिनगी म आगी लगाके मनखे ला बरबाद कर देथे।
7 हर एक किसम के जीव-जन्तु, चिरई अऊ पेट के भार रेंगइया जीव-जन्तु अऊ पानी के जीव-जन्तु, मनखेमन के बस म हो सकथें अऊ ओमन बस म हो घलो गे हवंय। 8 पर जीभ ला कोनो मनखे अपन बस म नइं कर सकय। ओह अइसने सैतान ए, जऊन ह कभू चुप नइं रहय। ओह अइसने जहर ले भरे हवय, जऊन ह परान ले लेथे।
9 जीभ ले हमन परभू अऊ ददा के महिमा करथन अऊ इही जीभ ले मनखेमन ला सराप घलो देथन, जऊन मन परमेसर के सरूप म बनाय गे हवंय। 10 ओहीच मुहूं ले महिमा अऊ सराप दूनों निकरथे। हे मोर भाईमन हो, अइसने नइं होना चाही। 11 का मीठा अऊ नूनचूर पानी झरना के एकेच मुहूं ले निकर सकथे? 12 हे मोर भाईमन, का अंजीर के रूख म जैतून या अंगूर के नार म अंजीर फर सकथे? वइसने नूनचूर झरना ले मीठा पानी नइं निकर सकय।
पतरस ह मसीह ला स्वीकार करथे
(मत्ती 16:13-20; लूका 9:18-21)
27 यीसू अऊ ओकर चेलामन कैसरिया फिलिप्पी के गांवमन म गीन। डहार म ओह अपन चेलामन ले पुछिस, “मनखेमन मोला कोन ए कहिथें?”
28 ओमन कहिन, “कुछू मन कहिथें – यूहन्ना बतिसमा देवइया, कोनो-कोनो एलियाह ए कहिथें अऊ कुछू मन तोला अगमजानीमन ले एक झन ए कहिथें।”
29 ओह ओमन ले पुछिस, “पर तुमन मोला का कहिथव?”
पतरस ह कहिस, “तेंह मसीह अस।”
30 पर यीसू ह ओमन ला चेताके कहिस कि ओकर बारे म कोनो ला झन बतावंय।
यीसू ह अपन मिरतू अऊ फेर जी उठे के अगमबानी करथे
(मत्ती 16:21-23; लूका 9:22)
31 तब ओह ओमन ला सिखोय के सुरू करिस कि मनखे के बेटा के खातिर ए जरूरी अय कि ओह बहुंत दुःख उठावय, अऊ ओला अगुवा, मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरू मन तिरस्कार करंय अऊ ओह मार डारे जावय, पर तीन दिन के पाछू ओह फेर जी उठय। 32 ओह ए बात ला साफ-साफ कहिस। एकर खातिर पतरस ह ओला अलग ले जाके डांटे लगिस।
33 यीसू ह लहुंटके अपन चेलामन कोति देखिस अऊ पतरस ला दबकारके कहिस, “मोर नजर ले दूर हट, सैतान! काबरकि तोर मन ह परमेसर के बात ऊपर नइं, पर मनखेमन के बात म हवय।”
34 तब ओह भीड़ ला अपन चेलामन संग लकठा बलाके कहिस, “जऊन कोनो मोर पाछू आय चाहथे, ओह अपन खुद के ईछा के तियाग करय अऊ मोर खातिर दुःख उठाय बर तियार रहय। अऊ तब मोर पाछू हो लेवय। 35 काबरकि जऊन कोनो अपन परान ला बंचाय चाहथे, ओह सदाकाल के जिनगी ला गंवाही, पर जऊन कोनो मोर अऊ सुघर संदेस के खातिर अपन परान ला गंवाथे, ओह सदाकाल के जिनगी ला बचाही। 36 यदि मनखे ह जम्मो संसार ला पा जावय, पर अपन परान ला गंवा दे, त ओला का फायदा? 37 का कोनो चीज मनखे के परान ले जादा कीमती अय? 38 जऊन कोनो ए छिनारी अऊ पापी पीढ़ी के मनखेमन के आघू म मोर अऊ मोर संदेस ले लजाथे, त मनखे के बेटा ह घलो ओकर ले लजाही, जब ओह अपन ददा के महिमा म पबितर स्वरगदूतमन संग आही।”
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